अमृतसर. करतारपुर कॉरिडोर को लेकर बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बार्डर अटारी में भारत और पाकिस्तान के आला अधिकारियों के बीच बैठक हुई। इस बैठक में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिवों के अलावा पंजाब सरकार के सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी शामिल हुए। इसमें रावी नदी पर पुल सहित कॉरिडोर के निर्माण और सुरक्षा सहित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। भारत सरकार के ज्वाइंट सेक्रेटरी सीएलसी दास ने कहा कि कोरिडोर पूरा साल चालू रहेगा। रोज बिना वीजा के 5000 श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित श्री करतारपुर गुरुद्वारा साहिब जा सकेंगे, लेकिन पाकिस्तान जाने वाली श्रद्धालु को उसी दिन वापस आना होगा। यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु पोर्टल के जरिए अप्लाई कर सकेंगे और यात्रा तिथि से चार दिन पहले इसकी अप्रूवल आ जाएगी।
बैठक में रावी दरिया पर पुल निर्माण को लेकर भी दोनों देशों में सहमति बन गई है। पाकिस्तान द्वारा रावी दरिया पर बनने वाले पुल में अभी समय लगेगा, इसलिए जब तक पुल का निर्माण नहीं होता, तब तक टेंपरेरी सर्विस रोड का श्रद्धालु उपयोग कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि पाक अधिकारियों के साथ हुए बैठक में दो मुद्दों पर अभी सहमति नहीं हुई हैं। पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर से जाने वाले श्रद्धालुओं से प्रति श्रद्धालु 20 डॉलर की फीस लेने की बात कर रहा है। इस पर भारत ने असहमति व्यक्त की है। इसके अलावा श्रद्धालुओं के साथ प्रोटोकॉल अधिकारी भी जा सके, इसकी भी मांग भारत की तरफ से रखी गई है। भारत की तरफ से टर्मिनल और फोरलेन का निर्माण पूरी प्रगति पर है और समय रहते सारा काम पूरा कर लिया जाएगा।
इससे पहले भारतीय अधिकारी बैठक के लिए सुबह पहुंच गए थे और इसके बाद पाकिस्तान का दल पहुंचा। इसके बाद बैठक शुरू हुई। बैठक के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। पूरे क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही थी। बैठक जॉइंट चेक पोस्ट अटारी पर स्थित बीएसएफ के मीटिंग हॉल में हुई। इससे पहले पिछले दिनों डेरा बाबा नानक में दाेनों देशों के अधिकारियों की बैठक हुई थी। उस बैठक में कॉरिडोर में रावी दरिया पर पुल के निर्माण के मुद्दे पर मतभेद सामने आया था। आज की बैठक में दोनों देशों के अधिकारी इस मामले को हल करने की कोशिश करेंगै। भारत चाहता है कि कॉरिडोर के अंतर्गत पाकिस्तान अपने हिस्से में रावी दरिया पर पुल बनाए, लेकिन पाकिस्तान वहां बांध बनाना चाहता है।
असल में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा साहिब तक भारत और अन्य देशों के सिखों के जाने के लिए इस कॉरिडोर का निर्माण कराया जा रहा है। इससे पहले कॉरिडोर पर अटारी में 14मार्च 2019 को भारतीय क्षेत्र में हुई और दूसरी बैठक विदेश और गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिवों के बीच 14 जुलाई 2019 को पाकिस्तान के वाघा में हुई। अब कॉरिडोर का काफी काम हो चुका है। भारतीय उच्चाधिकारियों का मानना है कि बारिश के मौसम में रावी दरिया में आने वाली संभावित बाढ़रद्धालुओं के लिए खतरा हो सकता है, इसलिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पाक द्वारा रावी दरिया पर पुल का निर्माण करवाया जाना चाहिए। उधर, पाकिस्तान रावी दरिया पर पुल की जगह अपने क्षेत्र में सर्विस लेन बनवाना चाहता है।
आज की बैठक में भारत और पाक के विदेश मंत्रालय व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिवों के अलावा पंजाब सरकार के सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी भी शामिल होंगे। डेरा बाबा नानक में हुई बैठक में रावी दरिया पर बनने वाले पुल को लेकर मतभेदों को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा। भारत सरकार ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को बड़े स्तर पर मनाने का ऐलान किया है। इसके आधार पर ही भारत व पाक सरकारों ने संयुक्त रूप से श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर निर्माण की शुरुआत की थी।