Congress-NCP और शिवसेना की याचिका पर सुनवाई : महाराष्ट्र जैसे 3 मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने पहले दिए हैं ये आदेश
क्या महाराष्ट्र में भी जल्द फ्लोर टेस्ट के आदेश देगा सुप्रीम कोर्ट? अगर इस सवाल का जवाब हम इसी तरह के पुराने मामलों में दिए गए फैसलों में ढूंढ़ें तो ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट हमेशा से ही जल्द बहुमत साबित करने का आदेश देता रहा है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 1994 में एस आर बोम्मई मामले में फ्लोर टेस्ट की अवधारणा पेश की थी.
नई दिल्ली: क्या महाराष्ट्र में भी जल्द फ्लोर टेस्ट के आदेश देगा सुप्रीम कोर्ट? अगर इस सवाल का जवाब हम इसी तरह के पुराने मामलों में दिए गए फैसलों में ढूंढ़ें तो ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट हमेशा से ही जल्द बहुमत साबित करने का आदेश देता रहा है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 1994 में एस आर बोम्मई मामले में फ्लोर टेस्ट की अवधारणा पेश की थी. पीठ ने कहा था कि फ्लोर टेस्ट सदन में संख्याओं का निर्णायक प्रमाण है. संविधान पीठ ने अनुच्छेद 164 (2) का उल्लेख किया था जिसमें कहा गया है कि मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से राज्य की विधान सभा के प्रति उत्तरदायी होगी. पीठ ने व्याख्या की कि बहुमत का अंतिम परीक्षण राजभवन में नहीं बल्कि सदन के पटल पर होता है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शनिवार की सुबह हुए एक अद्भुत सियासी घटनाक्रम में बीजेपी देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ली और उनके साथ एनसीपी नेता अजित पवार ने भी शपथ ली. पहले तो खबर आई कि इस शपथग्रहण में शरद पवार की सहमति है लेकिन बाद में इस बात को शरद पवार ने नकार दिया. अब साफ था कि एनसीपी के कुछ विधायक टूट कर अजित पवार के साथ चले गए हैं. वहीं शुक्रवार को यह तय हुआ था कि Congress-NCP और शिवसेना मिलकर सरकार बनाएंगे और उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के सीएम होंगे. फिलहाल शनिवार को हुए अप्रत्याशित शपथ ग्रहण और सरकार बनाने के खिलाफ अब तीनों पार्टियां सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं और आज सुनवाई है.
कल्याण सिंह और जगदंबिका पाल का मामला
24 फरवरी, 1998 को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में 48 घंटे के भीतर बहुमत साबित करने का आदेश दिया था. इसमें इस बात का निर्धारण होना था कि बहुमत जगदंबिका पाल के पास है या कल्याण सिंह के पास.
झारखंड का मामला
9 मार्च, 2005 को, सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड विधानसभा को 11 मार्च, 2005 को बहुमत साबित करने के लिए आदेश दिया था. ताकि ये साबित हो कि सदन में किस राजनीतिक गठबंधन के बीच सदन में बहुमत है और कौन मुख्यमंत्री के लिए दावा कर सकता है.
बीएस येदियुरप्पा का मामला
18 मई, 2018 को कर्नाटक से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अगले ही दिन शाम 4 बजे यानी मुश्किल से 24 घंटे के भीतर बहुमत साबित करने का आदेश दिया था. इससे पहले बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. कोर्ट ने कहा था कि आखिरकार यह एक नंबर-गेम है और ‘Pudding’ का प्रमाण फ्लोर टेस्ट में है.
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महाराष्ट्र में नई सरकार को लेकर रार जारी है. अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने याचिका दाखिल कर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उस आदेश को रद्द करने की मांग की है, जिसमें उन्होंने सूबे में सरकार बनाने के लिए देवेंद्र फडणवीस को आमंत्रित किया था. सुप्रीम कोर्ट तीनों दलों की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है. अब आज मामले में जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच सुनवाई करेगी. यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की कोर्ट नंबर 2 में रविवार सुबह 11:30 बजे होगी.
Maharashtra: Nationalist Congress Party (NCP) MLAs arrive at Renaissance Hotel in Mumbai. #Mumbai pic.twitter.com/AyVWdTFmnx
— ANI (@ANI) November 23, 2019
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