SPG अधिनियम संशोधन विधेयक लोकसभा से पास, कांग्रेस ने किया वॉकआउट
विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम संशोधन विधेयक आज लोकसभा से कांग्रेस सांसदों के वॉकआउट के बीच बीच पास हो गया. बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों की चिंताओं को बेबुनियाद बताया.
नई दिल्ली: लोकसभा ने आज कांग्रेस के वॉकआउट के बीच विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम संशोधन विधेयक को मंजूरी दी. इसमें प्रधानमंत्री और उनके साथ निवास करने वाले उनके निकट परिवार के सदस्यों को ही एसपीजी सुरक्षा का प्रावधान किया गया है. लोकसभा में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों की उन चिंताओं को बेबुनियाद बताया जिसमें कहा गया था कि गांधी परिवार की सुरक्षा के संबंध में राजनीति के तहत काम किया गया है.
Amit Shah on SPG Bill: Gandhi family members have been on several trips without informing.Instances like this have happened about 600 times.What secrets were hidden? Look at Rajnath ji,for many years security personnel even dropped him till the toilet yet he never said anything. pic.twitter.com/78w8nLS3O6
— ANI (@ANI) November 27, 2019
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘‘ऐसी भी बात देश के सामने लाई गई कि गांधी परिवार की सरकार को चिंता नहीं है. हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि सुरक्षा हटाई नहीं गई है. सुरक्षा बदली गई है. उन्हें सुरक्षा जेड प्लस सीआरपीएफ कवर, एएसएल और एम्बुलेंस के साथ दी गई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक इस प्रकार की बातें देश की जनता के सामने लाई जा रही हैं कि एसपीजी कानून को गांधी परिवार की सुरक्षा हटाने के लिए बदला जा रहा है. यह वास्तविकता नहीं है.’’ कांग्रेस सदस्यों के आरोपों पर गृह मंत्री ने कहा ‘‘सुरक्षा की समीक्षा के बाद चंद्रशेखर जी की सुरक्षा वापस ली गई, लेकिन तब कोई नहीं बोला, जबकि चंद्रशेखर जी बहुत बड़े नेता थे. बाद में पी वी नरसिंह राव जी की सुरक्षा ले ली गई, तब भी कोई नहीं बोला. आईके गुजराल जी की सुरक्षा ले ली गई. तब भी कोई नहीं बोला. ’’
विधेयक के उद्देश्यों और कारणों में कहा गया है कि अधिनियम में भूतपूर्व प्रधानमंत्रियों या उनके नजदीकी सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा की व्यवस्था करने की कोई अवधि निश्चित नहीं की गई है. इस प्रकार ऐसे व्यक्तियों की संख्या काफी अधिक हो सकती है जिन्हें एसपीजी सुरक्षा दी जानी है. ऐसे में एसपीजी के संसाधनों, प्रशिक्षण और संबंधित जरूरतों पर भी प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए कानून में संशोधन की जरूरत समझी गई ताकि मुख्य आदेश पर ध्यान केंद्रित किया जा सके क्योंकि प्रधान के तौर पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा, सरकार, शासन और राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च महत्व की है. कार्यरत प्रधानमंत्री के लिये अत्यंत जरूरी महत्वपूर्ण सुरक्षा को मान्यता देते हुए विशेष सुरक्षा समूह के गठन के लिये अधिनियम बनाया गया था जिसका एकमात्र उद्देश्य प्रधानमंत्री और उनके कुटुंब के सदस्यों को निकट सुरक्षा प्रदान करना है.