ट्रंप के झूठ पर भारत की आपत्ति के बाद झुका अमेरिका, कहा- कश्मीर भारत-पाकिस्तान के बीच ‘द्विपक्षीय मुद्दा’

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह अपने रुख पर कायम है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस पूरे घटनाक्रम पर ट्वीट किया.

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नई दिल्ली/ वॉशिंगटनकश्मीर पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के झूठ पर भारत की आपत्ति के बाद अमेरिका झुक गया है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय मुद्दा बताया है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है, इसे दोनों देश मिल बैठकर सुलझाएंगे. कल कश्मीर को लेकर दिए गए डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर काफी हंगामा हो रहा है.

इस मुद्दे पर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है, ‘’कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का दिवपक्षीय मुद्दा है. भारत और पाकिस्तान को इसपर बातचीत करनी  है. अमेरिका इस बात का स्वागत करता है कि भारत और पाकिस्तान आपस में मिलकर यह मुद्दा सुलझाएं. हालांकि अमेरिका मदद करने को तैयार है. हम ये मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर पल रहे आतंक के खिलाफ कारगर कार्रवाई करें.”

विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जम्मू और कश्मीर से जुड़े उस बयान पर सफाई दी है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह इस मामले में मध्यस्थता के लिए तैयार हैं.

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है. मंत्रालय ने कहा है कि पीएम मोदी मध्यस्थता की कोई बात नहीं कही. इतना ही भारत ने स्पष्ट कहा है कि पाक से केवल द्विपक्षीय बातचीत होगी.

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह अपने रुख पर कायम है.  विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि – हमने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की उस टिप्पणी को देखा है कि वह कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान द्वारा अनुरोध किए जाने पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं.’

 

रवीश कुमार ने लिखा- 


कुमार ने लिखा है कि – ‘पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति से ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया गया है. यह भारत की सुसंगत स्थिति रही है पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों पर केवल द्विपक्षीय रूप से चर्चा की जाती है.

कुमार ने लिखा है- ‘पाक के साथ बातचीत के लिए सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने की आवश्यकता होगी. शिमला समझौता और लाहौर घोषणा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से सभी मुद्दों को हल करने का आधार प्रदान करता है.’

 
यह है पूरा मामलाबता दें कि गलत बयान देने के लिए सुर्खियों में रहने वाले ट्रंप ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने के लिए कहा.  ट्रंप ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘अगर मैं मदद कर सकता हूं, तो मैं मध्यस्थ बनना पसंद करूंगा. अगर मैं मदद के लिए कुछ भी कर सकता हूं, तो मुझे बताएं.’ट्रंप ने कहा कि वह मदद के लिए तैयार हैं, अगर दोनों देश इसके लिए कहें. भारत पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा जनवरी 2016 में पठानकोट में वायु सेना के ठिकाने पर हमले के बाद से पाकिस्तान से बातचीत बंद है.
ट्रंप ने किया यह दावाट्रंप ने दावा किया कि मोदी और उन्होंने पिछले महीने जी -20 शिखर सम्मेलन के मौके पर जापान के ओसाका में कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा की, जहाँ भारतीय प्रधानमंत्री ने कश्मीर पर तीसरे पक्ष के मध्यस्थता की पेशकश की.ट्रंप ने कहा कि ‘मैं दो हफ्ते पहले प्रधान मंत्री मोदी के साथ था और हमने इस विषय (कश्मीर) के बारे में बात की. और उन्होंने वास्तव में कहा, ‘क्या आप मध्यस्थ या मध्यस्थ बनना चाहेंगे? मैंने कहा, ‘कहाँ?’ (मोदी ने कहा) ‘कश्मीर’.

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