Ram Mandir: इन 15 लोगों के कंधों पर होगी राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी, यहां पढ़ें पूरी लिस्ट

राम मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट का पहला सदस्य वरिष्ठ वकील के परासरन को बनाया गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे जिसमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा.

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नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ट्रस्ट का एलान किया है. ट्रस्ट की घोषणा के बाद अब ट्रस्टियों के नाम सामने आए हैं. हालांकि अध्यक्ष का नाम अभी तय नहीं हुआ है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे जिसमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा.

 

श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के ये होंगे ट्रस्टी

 

1. के पाराशरण- सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं. इन्होंने अयोध्या मामले में 9 साल हिंदू पक्ष की पैरवी की. इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सरकार में अटॉर्नी जनरल रहे. पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित.

 

2. जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वतीजी महाराज (प्रयागराज)- बद्रीनाथ स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य. हालांकि, इनके शंकराचार्य बनाए जाने पर विवाद भी रहा. ज्योतिष मठ की शंकराचार्य की पदवी को लेकर द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने हाई कोर्ट में केस दाखिल किया था.

 

3. जगतगुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज- कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजावर मठ के 33वें पीठाधीश्वर हैं. दिसंबर 2019 में पेजावर मठ के पीठाधीश्वर स्वामी विश्वेशतीर्थ के निधन के बाद पदवी संभाली.

 

4. युगपुरुष परमानंद जी महाराज- अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख. वेदांत पर 150 से ज्यादा किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. इन्होंने साल 2000 में संयुक्त राष्ट्र में आध्यात्मिक नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था.

 

5. स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज- महाराष्ट्र के अहमद नगर में 1950 में जन्म हुआ. रामायण, श्रीमद्भगवद्गीता, महाभारत और अन्य पौराणिक ग्रंथों का देश-विदेश में प्रवचन करते हैं. स्वामी गोविंद देव महाराष्ट्र के विख्यात आध्यात्मिक गुरु पांडुरंग शास्त्री अठावले के शिष्य हैं.

 

6. विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा- अयोध्या राजपरिवार के वंशज. रामायण मेला संरक्षक समिति के सदस्य और समाजसेवी. 2009 में बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा, हारे. इसके बाद कभी राजनीति में नहीं आए.

 

7. डॉ. अनिल मिश्र, होम्पयोपैथिक डॉक्टर- मूलरूप से अंबेडकरनगर निवासी अनिल अयोध्या के प्रसिद्ध होम्योपैथी डॉक्टर हैं. वे होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार हैं. मिश्रा ने 1992 में राम मंदिर आंदोलन में पूर्व सांसद विनय कटियार के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अभी संघ के अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह भी हैं.

 

8. श्री कामेश्वर चौपाल, पटना (एससी सदस्य)- संघ ने कामेश्वर को पहले कारसेवक का दर्जा दिया है. उन्होंने 1989 में राम मंदिर में शिलान्यास की पहली ईंट रखी थी. राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका और दलित होने के नाते उन्हें यह मौका दिया गया. 1991 में रामविलास पासवान के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा.

 

9. बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक ट्रस्टी, जो हिंदू धर्म का हो.

 

10. बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक ट्रस्टी, जो हिंदू धर्म का हो.

 

11. महंत दिनेंद्र दास- अयोध्या के निर्मोही अखाड़े के अयोध्या बैठक के प्रमुख. ट्रस्ट की बैठकों में उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं होगा.

 

12. केंद्र सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा और केंद्र सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा. यह व्यक्ति भारत सरकार के संयुक्त सचिव के पद से नीचे नहीं होगा. यह एक पदेन सदस्य होगा.

 

13. राज्य सरकार द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, जो हिंदू धर्म का होगा और उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा. यह व्यक्ति राज्य सरकार के सचिव के पद से नीचे नहीं होगा. यह एक पदेन सदस्य होगा.

 

14. अयोध्या जिले के कलेक्टर पदेन ट्रस्टी होंगे. वे हिंदू धर्म को मानने वाले होंगे. अगर किसी कारण से मौजूदा कलेक्टर हिंदू धर्म के नहीं हैं, तो अयोध्या के एडिशनल कलेक्टर (हिंदू धर्म) पदेन सदस्य होंगे.

 

15. राम मंदिर विकास और प्रशासन से जुड़े मामलों के चेयरमैन की नियुक्ति ट्रस्टियों का बोर्ड करेगा. उनका हिंदू होना जरूरी है.

 

नियम: जो ट्रस्टी हैं उनकी ओर से (सीरियल नंबर 2 से 8 तक के) 15 दिन में सहमति मिल जानी चाहिए. ट्रस्टी नंबर 1 इस दौरान ट्रस्ट स्थापित कर अपनी सहमति दे चुका होगा. उसे सीरियल नंबर 2 से सीरियल नंबर 8 तक के सदस्यों की तरफ से ट्रस्ट बनने के 15 दिन के अंदर सहमति ले लेनी होगी.

राम मंदिर का मुकदमा लड़ने वाले वकील के.परासरन का घर बना राम मंदिर ट्रस्ट का अधिकारिक पता

राम मंदिर का सालों तक सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरन का मकान R-20 ग्रेटर कैलाश पार्ट वन, नई दिल्ली अब सदियों के लिए अमर हो गया. क्योंकि सरकार ने जिस राम मंदिर ट्रस्ट का गठन किया है. उस ट्रस्ट का अधिकारिक पता के परासरन का मकान ही होगा. मंदिर भले ही अयोध्या में निर्माण किया जाएगा. लेकिन उसके सारे दस्तावेज और अधिकारिक कामकाज के लिए इसी पते को चुना गया है. इसी पते पर इस ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन कराया गया है.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सुबह 11:00 बजे लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट की जानकारी दी. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 9 फरवरी 2020 से पहले गृह मंत्रालय को इस ट्रस्ट का गठन करना जरूरी था.जिसको देखते हुए 5 फरवरी को ही सरकार ने सदन में ट्रस्ट के निर्माण की जानकारी दी. दोपहर बाद ट्रस्ट को लेकर गजट सामने आया. जिसमें ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन का पता R-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट वन दर्शाया गया था.

 

दरअसल यह घर तमिलनाडु सरकार के पूर्व महाधिवक्ता के परासरन का है. के परासरन सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता है और 2012 से 2018 तक राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं. जिन्हें राष्ट्रपति ने नॉमिनेट किया था. परासरन पिछले 10 साल से राम मंदिर का मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में लड़ रहे थे. 9 नवंबर को 2019 जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया उस समय भी परासरन ही राम मंदिर की तरफ से अधिवक्ता थे.

 

10 नवंबर 2019 सुबह करीब 10:00 बजे खुद संघ प्रमुख मोहन भागवत, भैया जी जोशी और कृष्ण गोपाल के परासरन से मिलने उनके इसी मकान में आए थे और अब सरकार ने जिस ट्रस्ट का गठन किया उसके लिए भी आधिकारिक पता इसी आवास को बनाया गया है. सरकार की इस पहल से यह तय हो गया है कि के परासरन भी उस ट्रस्ट का हिस्सा होंगे. जिस ट्रस्ट को सरकार ने गठित किया है.

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