नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ट्रस्ट को एक रुपया नकद दान किया है. मंदिर निर्माण के लिए गठित ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ को मिला ये पहला दान है. सरकार ने ट्रस्ट को एक रुपये का दान नकद में दिया, ताकि ट्रस्ट अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू हो सके. कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में ट्रस्ट का एलान किया था.
दिल्ली में होगा ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से यह दान ट्रस्ट को गृह मंत्रालय में अवर सचिव डी. मुर्मू ने दिया. अधिकारी ने बताया कि ट्रस्ट अचल संपत्ति समेत बिना किसी शर्त के किसी भी व्यक्ति से किसी भी रूप में दान, अनुदान, अंशदान, योगदान ले सकता है. शुरुआत में तो ट्रस्ट वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरण के आवास से कार्य करेगा लेकिन बाद में इसका स्थायी कार्यालय खोला जाएगा.
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में होगा.
पीएम मोदी ने क्या एलान किया था?
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल लोकसभा में कई बड़े एलान किए थे. मोदी ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट का नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा. इतना ही नहीं पीएम मोदी ने एलान किया कि 67.7 एकड़ की अधिग्रहित भूमि भी राम मंदिर निर्माण के ट्रस्ट को दी जाएगी.
मोदी के एलान के बाद अमित शाह ने क्या कहा?
वहीं, पीएम मोदी के इस एलान के बाद अमित शाह ने ट्वीट करके जानकारी दी कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे जिसमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा. उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि करोड़ों लोगों का सदियों का इंतजार जल्द ही खत्म होगा और वह प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर उनके भव्य मंदिर में दर्शन कर पाएंगे.
यूपी सरकार ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जमीन
वहीं, उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अयोध्या में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को बुधवार को पांच एकड़ जमीन आवंटित कर दी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक के बाद प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि अयोध्या मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर ग्राम धन्नीपुर, तहसील सोहावल रौनाही थाने के दो सौ मीटर पीछे पांच एकड़ जमीन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को देने के लिये मंगलवार को मंत्रिमंडल ने फैसला किया.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नौ नवंबर को अपने ऐतिहासिक निर्णय में अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण करने और मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन मस्जिद निर्माण के लिये देने का आदेश दिया था.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पटना का महावीर मंदिर देगा 10 करोड़ रुपये
लोकसभा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट बनाने की घोषणा की है. पीएम मोदी की इस घोषणा का स्वागत करते हुए पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने 10 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि जैसे ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा वैसे ही पटना का महावीर मंदिर न्यास इसके निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये का योगदान करेगा.
आचार्य किशोर कुणाल ने कहा, ‘अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए पटना के महावीर मंदिर न्यास ने पिछले कई वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित करके रखे हुए हैं.’
आचार्य किशोर कुणाल ने कहा, ‘पिछले कई सालों से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए महावीर मंदिर की ओर से हम लोगों ने 10 करोड़ रुपये की राशि योगदान के लिए अलग से रखी हुई है. हम चाहते हैं कि जैसे ही मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होता है वैसे ही हम इस राशि को मंदिर निर्माण के लिए दान करेंगे.’
आचार्य किशोर कुणाल ने इस बात को लेकर भी खुशी जताई कि प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा जो ट्रस्ट बनाने की घोषणा की गई है उसे पूरी तरीके से स्वायत्तता प्रदान की गई है ताकि वह मंदिर निर्माण के लिए कोई भी फैसला ले सकें.
आचार्य किशोर कुणाल ने इस बात को लेकर भी प्रसन्नता जाहिर की कि अयोध्या में विवादित 67.07 एकड़ जमीन भी इस ट्रस्ट को दे दी गई है ताकि मंदिर निर्माण का कार्य जल्द से जल्द शुरू हो सके. गौरतलब है आज प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की घोषणा की जिसका नाम ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ है.
राम मंदिर ट्रस्ट: ट्रस्टी ट्रस्ट प्रॉपर्टी के नाम पर लोन भी ले सकते हैं- केंद्र सरकार
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट का ऑफिस ट्रस्टी चाहे तो बदल सकते हैं. साथ ही इसके ट्रस्टी ट्रस्ट प्रॉपर्टी के नाम पर लोन भी ले सकते हैं लेकिन ट्रस्ट की किसी भी जमीन या प्रॉपर्टी को बेचने का अधिकार नहीं होगा. सरकार ने एक तरह से इस ट्रस्ट को आरंभिक तौर पर 101 रुपये का चंदा भी दिया है. सरकार ने ट्रस्ट को बनाने के लिए 100 रुपये का स्टांप पेपर खरीदा और उसके बाद एक रुपए की राशि पर केंद्र सरकार ने राम जन्म मंदिर निर्माण भूमि की जमीन ट्रस्ट को सौंपी है यानि दान के हिसाब से सरकार ने ट्रस्ट को 101 रुपये का दान दिया है. हालांकि सरकारी तौर कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए यह काम किया गया.
ट्रस्ट के सदस्यों को अपने बीच से ही अध्यक्ष महासचिव और कोषाध्यक्ष के चयन की छूट दी गई है. साथ ही यह भी कहा गया है कि ट्रस्ट के खातों को हर साल किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट की फर्म ऑडिट करे. सरकार ने इस ट्रस्ट के लिए जो नियम कानून बनाए हैं उसमें सदस्यों को ट्रस्ट में वित्तीय फैसले देने की खुली छूट दी गई है. पैसे जुटाने से लेकर वह उसके निवेश करने तक ट्रस्ट के सदस्यों की सहमति से कोई भी फैसला ले सकते हैं, लेकिन सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि इन सदस्यों को ट्रस्ट की अचल संपत्ति को किसी भी स्थिति में बेचने का कोई अधिकार नहीं होगा. जरूरत पड़ने पर वह ट्रस्ट की प्रॉपर्टी को बैंक में मॉडगेज करा कर उस पर लोन ले सकते हैं.
सरकार ने यह भी कह दिया है कि ट्रस्ट को तीर्थ नगरी के विकास की भी पूरी जिम्मेदारी दी गई है. सरकार ने जो ट्रस्ट के लिए नियमावली जारी की है उसके तहत ट्रस्ट अयोध्या को एक तीर्थ नगरी के रूप में विकसित कर सकेगा. जिसमें धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा. सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि यह ट्रस्ट अयोध्या में यात्रियों के रहने के लिए आवासीय परिसर, खाने-पीने के इंतजाम, अयोध्या की परिक्रमा वाले पथ की देखभाल और यात्रियों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम भी देखेगा. साथ ही ट्रस्ट को अयोध्या में भगवान राम से संबंधित प्रदर्शनी और संग्रहालय आदि भी स्थापित करने की छूट रहेगी.
सरकार ने साफ कर दिया है कि ट्रस्ट को वैसे तो अपने उद्देश्यों को बदलने का पूरा अधिकार दिया गया है और वह अपने नियम और कायदे भी खुद ही तय करेंगे. सरकार ने यह भी कहा है कि ट्रस्ट के सदस्य अपने किराए आदि की वापसी की मांग कर सकते हैं. साथ ही ट्रस्ट के लिए धन जुटाने के लिए वे लोग चंदा नगदी ले सकते हैं. सरकार ने कहा है कि बोर्ड के कामकाज को सही तरीके से चलाने के लिए ट्रस्ट के सदस्यों को लगभग हर तीसरे महीने में बैठक करनी होगी. इस बैठक में ऐसे आधे सदस्यों का रहना अनिवार्य होगा जिन्हें वोट करने की शक्ति प्रदान की गई है. ट्रस्ट द्वारा मंदिर का निर्माण चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से लेकर 2 अप्रैल को राम जन्मोत्सव के बीच शुरू किया जा सकता है.