LIVE: किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस का हल्ला बोल, जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे CM अमरिंदर-सिद्धू

पंजाब और केंद्र सरकार के बीच कृषि कानूनों के बाद बिजली को लेकर घमासान होता दिख रहा है. कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के लगातार विरोध के चलते केंद्र सरकार ने पंजाब में रेल सेवा रोक दी है. पंजाब में रेल रोके जाने के बाद से ब्लैक आउट का खतरा बढ़ गया है.

पंजाब और केंद्र सरकार के बीच कृषि कानूनों के बाद बिजली को लेकर घमासान होता दिख रहा है. सीएम अमरिंदर सिंह जंतर-मंतर पर धरना देने के लिए दिल्ली पुहंचे हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के लगातार विरोध के चलते केंद्र सरकार ने पंजाब में रेल सेवा रोक दी है. पंजाब में रेल सेवा रोके जाने के बाद से ब्लैक आउट का खतरा बढ़ गया है. इस मुद्दे पर धरना देने के लिए सीएम अमरिंदर कांग्रेस विधायकों और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ दिल्ली पहुंचे हैं.

असल में, पंजाब में तीन से चार घंटे तक बिजली की कटौती होने लगी है. खाद की किल्लत होने लगी है. उद्योगों में सामान का स्टॉक बढ़ने लगा है. पंजाब सरकार इन सब मसलों को लेकर केंद्र के खिलाफ विरोध जताना शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली में धरना देने के लिए पहुंचे हैं. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू धरने के लिए जंतर मंतर पहुंच चुके हैं. जबकि धरना पर बैठने से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस सांसदों के साथ राजघाट पहुंचे. कांग्रेस के विधायक भी राजघाट से जंतर मंतर पहुंचे हैं.

क्यों मचा है घमासान

मालगाड़ियां बंद होने से पंजाब में थर्मल पावर प्‍लांट्स को कोयले की सप्लाई नहीं हो पा रही है जिससे बिजली उत्‍पादन प्रभावित हो रहा है. पंजाब में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति पर भी असर पड़ रहा है. पंजाब से सब्जी और अनाज की सप्‍लाई भी नहीं हो पा रही है.

राजघाट नहीं जंतर-मंतर पर देंगे धरना

बहरहाल, जानकारी के मुताबिक सीएम अमरिंदर सिंह दिल्ली में जंतर-मंतर पर दोपहर 12.30 बजे मीडिया से बातचीत करेंगे. वह राजघाट पर राष्ट्रपति महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद धरना देने के लिए जंतर-मंतर पहुंचेंगे. मुख्यमंत्री विधायकों के साथ पहले राजघाट पर धरना देने वाले थे लेकिन सुरक्षा वजहों को लेकर दिल्ली पुलिस के अनुरोध के बाद धरना कार्यक्रम जंतर-मंतर पर तय किया गया है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से पंजाब सरकार के शिष्टमंडल से मुलाकात के लिए समय नहीं मिलने के बाद धरना देने का फैसला किया गया. कैप्टन अमरिंदर का यह धरना केंद्र सरकार की ओर से राज्‍य में मालगाड़ियों का परिचालन बंद करने के विरोध में, राष्ट्रपति की ओर से पंजाब विधानसभा में केंद्रीय कृषि अधिनियम के खिलाफ पारित बिल को लेकर है.

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