ओमिक्रॉन पर IIT का पहला डेटा एनालिसिस: जनवरी में आएगी कोविड की तीसरी लहर, फरवरी में डेढ़ लाख डेली केस पर बनेगा पीक
नई दिल्लीः कोरोना वायरस के नए और सबसे खतरनाक वेरिएंट (Corona New Variant) ‘ओमिक्रान’ ने भारत में दस्तक दे दी है. भारत में अब तक ओमिक्रोन (Omicron) के तीन केस सामने आ चुके हैं. दक्षिण भारत के कर्नाटक और पश्चिमी राज्य गुजरात में ओमिक्रोन ने दस्तक दे दी है. गुजरात (Gujarat) के जामनगर में ओमिक्रोन का पहला केस मिला है. इससे पहले कर्नाटक में नए वेरिएंट के दो मरीज मिले थे. इस बीच कानपुर आईआईटी (Kanpur IIT) के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने दावा किया है कि कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन भारत में तय रूप से तीसरी लहर लाएगा.
पहली और दूसरी लहर पर की थी रिसर्च
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल की ओर से ओमिक्रॉन वैरिएंट पर किए गए डेटा एनालिसिस में यह तथ्य सामने आया है. देश में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान प्रोफ्रेसर अग्रवाल का कोरोना को लेकर किए गए डेटा एनालिसिस काफी सुर्खियों में रहा था. प्रोफेसर अग्रवाल के अनुसार नाइट कर्फ्यू, भीड़ लगाने पर प्रतिबंधों से ही केस की संख्या में कमी आ जाएगी.
फरवरी में पीक पर होगा संक्रमण!
प्रोफेसर ने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में हमें साउथ अफ्रीका से जो डेटा मिला है, उसका अध्ययन करके हमने अपने निष्कर्ष निकाले हैं. अगले साल के शुरुआती महीनों जनवरी में तीसरी लहर दस्तक दे सकती है और फरवरी तक इसका पीक बन सकता है. फरवरी में जब पीक बनेगा तो डेली कोविड केस डेढ़ लाख तक जा सकते हैं.
नेचुरल इम्यूनिटी के कारण संक्रमण की दर धीमी
उन्होंने कहा कि साउथ अफ्रीका में कुछ महीनों पहले ही ओमिक्रॉन वैरिएंट आ चुका था, लेकिन इसका संक्रमण काफी धीरे-धीरे फैल रहा था, इसके पीछे वजह ये थी कि वहां के 80% से ज्यादा लोगों में नेचुरल इम्यूनिटी आ चुकी है, ये ऐसे लोग हैं जो पहले ही संक्रमित हो कर ठीक हो चुके हैं.
लोगों की इम्युनिटी अच्छी, असर होगा कम
प्रो. अग्रवाल के मुताबिक इंडिया के लोगों में सेल्फ इम्युनिटी डेवलप हो गई है. अभी उनकी नेचुरल इम्युनिटी सिस्टम भी मजबूत हो गया है, इसलिए उम्मीद है कि कोरोना वायरस का यह नया वेरिएंट भी ज्यादा असरदार नहीं होगा. उन्होंने कहा कि देश की 80 फीसद आबादी का नेचुरल इम्युनिटी सिस्टम मजबूत हो चुका है.ऐसे में कोरोना के नए वैरिएंट का कुछ खास असर भारत पर देखने को नहीं मिलेगा.
ओमिक्रोन पर कोवैक्सिन ज्यादा कारगर
प्रो. अग्रवाल ने दावा किया है कि नए वैरिएंट से मुकाबला करने में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार की गई. एस्ट्राजेनिका की कोवीशील्ड की अपेक्षा भारत बायोटेक की कोवैक्सिन ज्यादा कारगर साबित होगी. जिन लोगों को कोवैक्सिन लगी है, उन्हें नए कोरोना वैरिएंट से राहत मिल सकती है.