42 हज़ार फ्लैट खरीदारों को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट NBCC को सौंपे

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फॉरेंसिक ऑडिटर की रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच करने और कार्रवाई का निर्देश दिया. कोर्ट ने खास तौर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करने को कहा और हर 3 महीने में रिपोर्ट मांगा.

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नई दिल्लीः आम्रपाली के करीब 42,000 फ्लैट खरीदारों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने आदेश दिया कि आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट को अब नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन यानी NBCC पूरा करेगा. कोर्ट ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले आम्रपाली ग्रुप की सभी बिल्डिंग कंपनियों का RERA रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया. साथ ही, निवेशकों के पैसे के गबन और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच का भी आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली की गलत गतिविधियों से आंखें फेर लेने के लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और बैंकों की कड़ी आलोचना की है.

 

कोर्ट ने कहा, ‘जब कंपनी ज़मीन की लीज़ और दूसरे मद में अथॉरिटी के पैसे नहीं चुका रही थी, उसी दौरान वो निवेशकों से मिले पैसों को दूसरी जगह खपा रही थी. अथॉरिटी ने अपने पैसों की वसूली को लेकर आंखें बंद रखी, जिससे बिल्डर को निवेशकों के पैसे के गबन में आसानी हुई. ऐसी ही संदिग्ध भूमिका आम्रपाली को कर्ज देने वाले बैंक के अधिकारियों की भी है.”

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फ्लैट खरीदरों को न करें परेशान

 

कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली को अथॉरिटी की तरफ से दी गई सभी जमीनों को रद्द कर दी है. लेकिन साफ कर दिया है कि लीज़ की बकाया रकम के लिए फ्लैट खरीदारों को परेशान नहीं किया जाएगा.

 

कोर्ट ने कहा, ”सालों तक कंपनी से अपने बकाया पैसे की वसूली को लेकर लापरवाह बनी रही अथॉरिटी फ्लैट खरीदारों से पैसों की वसूली नहीं कर सकती. उसे आम्रपाली की ज़ब्त हुई संपत्तियों की नीलामी का इंतजार करना होगा. इससे ही उसके पैसे मिल सकेंगे. कोर्ट ने आम्रपाली को कर्ज देने वाले बैंकों को भी ऐसा ही निर्देश दिया है.”

 

फॉरेंसिक ऑडिटर को मिला बैंक खाते की जांच का आदेश

 

जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यु यु ललित की बेंच ने सुनवाई के दौरान कंपनी के बैंक खातों की जांच के लिए 2 फॉरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किए थे. कोर्ट ने कहा था कि ऑडिटर निवेशकों के पैसों को दूसरे कामों में लगाने और विदेश भेजने पर पूरी जांच करें और रिपोर्ट दें.

 

आज कोर्ट ने सरकार को फॉरेंसिक ऑडिटर की रिपोर्ट के आधार पर आगे जांच करने और कार्रवाई का निर्देश दिया. कोर्ट ने खास तौर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करने और हर 3 महीने में रिपोर्ट देने को कहा है.

 

कोर्ट ने आम्रपाली के फ्लैट ख़रीदारों को 3 महीने में NBCC को फ्लैट की बकाया रकम देने को कहा, ताकि प्रोजेक्ट पूरा करने का काम रफ्तार पकड़ सके. साथ ही, यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि किसी भी बकाया रकम का आधार बना कर बिल्डिंग में बिजली और पानी का कनेक्शन देने में अड़चन न डाली जाए. 9 अगस्त को आगे की सुनवाई होगी. तब प्रोजेक्ट को पूरा करने की टाइमलाइन पर चर्चा होगी. कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वो पूरे देश में खरीदारों से पैसे लेकर उन्हें समय पर मकान न देने वाले दूसरे बिल्डरों की भी नकेल कसे.

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आम्रपाली ग्रुप का RERA रजिस्ट्रेशन रद्द, ज़ब्त संपत्ति की नीलामी हो, ED करे मनी लॉन्ड्रिंग की जांच

  • सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि अथॉरिटी को ज़मीन का भुगतान नहीं होने से निवेशकों को नुकसान नहीं होना चाहिए. ईडी पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जीवाड़े की जांच करे और कोर्ट को हर तिमाही रिपोर्ट दे.

आम्रपाली के अधूरे बिल्डिंग प्रोजेक्ट पूरा करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप का रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डिवेलपमेंट एक्ट), 2016 (RERA) रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ग्रुप के आगे का प्रोजेक्ट NBCC पूरा करे. साथ ही निवेशक बकाया रकम नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (NBCC) को दें. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से निवेशकों को बड़ी राहत मिली है.

 

निदेशकों ने निवेशकों के पैसों का दुरुपयोग किया- सुप्रीम कोर्ट

 

सुनवाई के बाद अपने आदेश में जस्टिस अरुण मिश्रा और यु यु ललित की बेंच ने कहा कि कंपनी के निदेशकों ने निवेशकों के पैसों का दुरुपयोग किया और उनका गबन किया. आम्रपाली ग्रुप ने प्रोजेक्ट के लिए निवेशकों से पैसे लेकर प्रोजेक्ट में नहीं लगाए और अथॉरिटी को भी ज़मीन के पैसे नहीं दिए. इसमें भी मिलीभगत नज़र आती है

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस दौरान पैसे डायवर्ट हो रहे थे लेकिन इसपर नोएडा-ग्रे.नो. ऑथोरिटी की भी नज़र नहीं थी. उन्होंने प्रोजेक्ट की निगरानी में लापरवाही बरती है. कोर्ट ने कहा है कि फ्लैटों का बोगस आवंटन भी किया गया.

 

पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जीवाड़े की जांच करे ईडी- सुप्रीम कोर्ट

 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली के सारे लीज़ कैंसल किए जाने की ज़रूरत है. प्रोजेक्ट पूरे करने के पैसे निवेशकों से नहीं लिए जा सकते. आम्रपाली की ज़ब्त संपत्तियों की नीलामी हो. इतना ही नहीं ईडी पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जीवाड़े की जांच करे और कोर्ट को हर तिमाही रिपोर्ट दे.

 

सरकार दूसरे बिल्डर्स के अधूरे प्रोजेक्ट पर भी सख्ती दिखाए- सुप्रीम कोर्ट

 

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि अथॉरिटी को ज़मीन का भुगतान नहीं होने से निवेशकों को नुकसान नहीं होना चाहिए. अथॉरिटी ज़मीन पर कब्ज़ा लेकर बिल्डिंग गिरा नहीं सकता. फॉरेंसिक ऑडिट छह महीने में पूरा हो और उस पर कार्रवाई हो. कोर्ट ने कहा कि सरकार दूसरे बिल्डर्स के अधूरे प्रोजेक्ट पर भी सख्ती दिखाए.  कोर्ट आम्रपाली समूह में फ्लैट बुक कराने वाले खरीदारों को मकानों का कब्जा दिलाने के लिये दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था.

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