सोनिया गांधी ने बनाया कांग्रेस के 17 नेताओं का ‘थिंक टैंक ग्रुप’, 25 अक्टूबर को बुलाई बैठक

सम-सामयिक मुद्दों पर चर्चा कर पार्टी का स्टैंड तय करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी में एक 'थिंक टैंक' समूह बनाया है. इसमें 17 नेताओं को शामिल किया गया है जिसकी अध्यक्षता सोनिया गांधी करेंगी.

नई दिल्ली: सम-सामयिक मुद्दों पर चर्चा कर पार्टी का स्टैंड तय करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी में एक ‘थिंक टैंक’ समूह बनाया है. इसमें 17 नेताओं को शामिल किया गया है जिसकी अध्यक्षता सोनिया गांधी करेंगी. इस समूह की पहली बैठक सोनिया गांधी के घर पर 25 अक्टूबर की सुबह बुलाई गई है.

 

मंदी से लेकर राम मंदिर तक चर्चा

 

कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक काफी समय से इसकी जरूरत जताई जा रही थी. महत्वपूर्ण विषयों पर पार्टी का रुख तय करने के लिए एक विशेष कमिटी बनाई गई है. उन्होंने बताया कि कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होनी है. मसलन आगामी संसद सत्र में सरकार नागरिकता संशोधन बिल ला सकती है, सरकार सरकारी कम्पनियों का विनिवेश कर रही है, मंदी का माहौल है, अयोध्या विवाद का फैसला आने वाला है. इन तमाम मुद्दों पर चर्चा होनी है. पार्टी के एक वरिष्ठ सूत्र ने ये भी बताया कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी के मुद्दे पर पूर्वोत्तर के कांग्रेस नेताओं की एक कमिटी अलग से बनाई गई है. एनआरसी कमिटी की बैठक 25 अक्टूबर की शाम होगी.

वरिष्ठ नेताओं को मिली प्राथमिकता

 

जहां तक नए थिंक टैंक समूह की बात है तो इसमें वरिष्ठ नेताओं को प्राथमिकता दी गई है साथ ही युवा नेताओं को इसमें शामिल किया गया है. अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस समूह में सोनिया गांधी के अलावा राहुल गांधी, मनमोहन सिंह, अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, एके एंटनी, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, जयराम रमेश, अंबिका सोनी, अधीर रंजन, ज्योतिरादित्य सिंधिया, रणदीप सुरजेवाला, सुष्मिता देव, राजीव सातव हैं. जाहिर है जहां वरिष्ठ नेताओं को सोनिया गांधी के करीबी हैं वहीं युवा नेता राहुल गांधी की टीम से हैं. दिलचस्प ये है कि इस महत्वपूर्ण समूह में प्रियंका गांधी का नाम नहीं है.

चुनाव नतीजों की समीक्षा भी होगी?

 

बहरहाल दो राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आएंगे. इसके ठीक अगले दिन होने वाली कांग्रेस थिंक टैंक की बैठक में चुनाव परिणाम की चर्चा होगी ही. नतीजे अगर अनुमानों के अनुसार ही आए तो दोनों राज्यों में कांग्रेस को निराशा हाथ लगेगी. ऐसे में 25 अक्टूबर की बैठक में इस निराशा से पार्टी को बाहर लाने की रणनीतियों पर चर्चा भी हो सकती है.

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