जगन्नाथ मंदिर के सेवादारों के बच्चों के लिए सुप्रीम कोर्ट बनवाएगा स्कूल, व्यवस्था में सुधार के लिए दिए निर्देश

पुरी के जगन्नाथ मंदिर के सेवादारों के बच्चों के लिए स्कूल बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पैसे देगा. कोर्ट ने कहा कि वह एक मामले में ओडिशा के मेडिकल कॉलेज से जुर्माने के तौर पर वसूले गए 6.5 करोड़ रुपए इस मद के लिए देगा.

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नई दिल्ली: पुरी के जगन्नाथ मंदिर के सेवादारों के बच्चों के लिए स्कूल बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पैसे देगा. कोर्ट ने कहा कि वह एक मामले में ओडिशा के मेडिकल कॉलेज से जुर्माने के तौर पर वसूले गए 6.5 करोड़ रुपए इस मद के लिए देगा. मंदिर प्रशासन स्कूल के लिए जमीन उपलब्ध करवाए. सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं के चार धामों में से एक माने जाने वाले इस मंदिर की व्यवस्था में सुधार के लिए कई निर्देश भी दिए.

कोर्ट ने मंदिर प्रशासन से कहा है कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि जगन्नाथ मंदिर में रोजाना दर्शन के लिए आने वाले करीब 60 हज़ार लोग बिना किसी दिक्कत के आराम से दर्शन कर सकें. ऐसा करते वक्त इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि भगवान की पूजा के सभी विधि विधान भी नियमपूर्वक जारी रहें.

मंदिर में कुछ श्रद्धालुओं के साथ हुई छीनझपट की घटना पर कोर्ट ने गहरी चिंता जताई. कोर्ट ने वहां सुरक्षा प्रबंध मजबूत किए जाने का निर्देश दिया है. पुरी के स्थानीय प्रशासन से नाराजगी के चलते एक दिन सुबह 4:30 बजे मंदिर के कपाट न खोलने वाले सेवादार पर कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई.

कोर्ट ने कहा, “धार्मिक विधि-विधान में इस तरह से अड़चन डाले जाने को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. वहां रोजाना आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन और पूजा करने से नहीं रोका जा सकता. मंदिर प्रशासन और सरकार उस सेवादार के ऊपर सख्त कार्रवाई करें. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में वह मंदिर की सेवा में न रह सके.”

कोर्ट ने मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के रहने के लिए उचित व्यवस्था न होने की भी बात कही. कोर्ट ने मंदिर प्रशासन को यह निर्देश दिया है कि वह श्रद्धालुओं के लिए एक आश्रय घर बनाए. जहां ऐसे लोग रुक सकें जिनके पास होटल या धर्मशाला को देने के लिए पैसे नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी चिंता जताई कि भगवान के भोग के लिए जहां प्रसाद बनाया जाता है, वहां पर पर्याप्त सफाई नहीं हो पा रही है. कोर्ट ने प्रशासन से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि मंदिर की रसोई में पर्याप्त साफ-सफाई हो. प्रसाद बनाने के लिए ज्यादा जगह का बंदोबस्त किए जाने का भी कोर्ट ने आदेश दिया है.

मंदिर में वर्षों से सेवा कर रहे लोगों के बच्चों की शिक्षा का मसला भी कोर्ट ने उठाया. कोर्ट ने कहा है कि इन बच्चों की शिक्षा के लिए अच्छे स्कूल का बंदोबस्त होना चाहिए. इसके लिए कोर्ट धनराशि का प्रबंध करेगा. कोर्ट ने मंदिर प्रशासन से स्कूल के लिए ज़मीन देने को कहा है. साथ ही, कोर्ट ने यह भी जानना चाहा है कि ओडिशा और उसके बाहर जगन्नाथ मंदिर के नाम पर कितनी जमीन और संपत्ति है. इस वक्त उन संपत्तियों का क्या इस्तेमाल हो रहा है. मामले की अगली सुनवाई अगले साल जनवरी में होगी.

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