भारत-अमेरिका अधिक शांतिपूर्ण दुनिया के निर्माण में योगदान दे सकते हैं- पीएम मोदी
अमेरिका में पीएम मोदी की मौजूदगी के नए दबदबे का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उनसे महज तीन दिनों में दो बार मुलाकात करेंगे.
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ह्यूस्टन कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मौजूदगी एक नया मील का पत्थर होगी. उन्होंने कहा कि यह पहला मौका होगा जब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति उनके साथ भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कार्यक्रम में भाग लेंगे. भारत-अमेरिका संबंधों के बारे में बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश एक साथ मिलकर काम कर अधिक शांतिपूर्ण, स्थिर, सुरक्षित, टिकाऊ और समृद्ध विश्व बनाने में योगदान कर सकते हैं.
अमेरिकी यात्रा पर रवाना होने से पहले अपने संदेश में कहा, ”मुझे पूरा विश्वास है कि मेरी यात्रा भारत को अवसरों के लिए एक जीवंत भूमि, एक विश्वसनीय सहयोगी और एक वैश्विक नेता के रूप में पेश करेगी और अमेरिका के साथ हमारे संबंधों को नयी ऊर्जा प्रदान करने में भी मदद करेगी.”
तीन दिनों में 2 बार ट्रंप से होगी पीएम मोदी की मुलाकात
The USA visit will give me an excellent opportunity to interact with various global leaders. India will be hosting interactions with leaders of the Pacific Island States, and leaders of the CARICOM group on the margins of UNGA.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2019
अमेरिका में पीएम मोदी की मौजूदगी के नए दबदबे का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उनसे महज तीन दिनों में दो बार मुलाकात करेंगे. मोदी और ट्रंप जहां 22 सितंबर को भारतीय-अमेरिकी समुदाय द्वारा आयोजित हाऊडी मोदी के मंच पर एक साथ नजर आएंगे. वहीं 24 सितंबर को राष्ट्रपति ट्रंप भारतीय प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे.
तीन महीनों के दौरान यह चौथा मौका होगा जब दोनों नेता मिल रहे होंगे. विदेश सचिव विजय गोखले के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा भारत की व्यापक और वैश्विक प्रतिबद्धताओं का प्रतिबिंब कही जा सकती है.
पीएम मोदी अपने सात दिनी दौरे में संयुक्त राष्ट्र महासभा के हाशिए पर बहुपक्षीय संपर्क का हिस्सा बनेंगे. वहीं राजनीतिक हस्तियों, कारोबार जगत और भारतीय समुदाय के साथ द्विपक्षीय संवाद करेंगे. साथ ही दुनिया के नेताओं के साथ उनकी आपसी-मुलाकातें भी होनी हैं.