भारत के दबाव में पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे को लेकर सभी मांगें मानी, रोज 5000 यात्री कर सकेंगे दर्शन
करतारपुर कॉरिडोर मामले में भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है. पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर से रोजाना 5000 श्रद्धालुओं को दरबार साहिब जाने की इजाजत दे दी है. रविवार को दोनों मुल्कों के बीच पाकिस्तान में करतारपुर कमेटी की बैठक हुई, जिससे आगे का रास्ता साफ हो गया.
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर करतारपुर कॉरिडोर को लेकर आज अहम बैठक हुई. इसमें कॉरिडोर पर जारी गतिरोध दूर करने की रणनीति पर विचार विमर्श किया गया. दोनों देशों के अफसरों के बीच द्विपक्षीय वार्ता संपन्न हो चुकी है. बैठक में भारत ने पाकिस्तान के सामने श्रद्धालुओं के लिए वीजा मुक्त यात्रा की मांग रखी है.
करतारपुर कॉरिडोर मामले में भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है. पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर से रोजाना 5000 श्रद्धालुओं को दरबार साहिब जाने की इजाजत दे दी है. रविवार को दोनों मुल्कों के बीच पाकिस्तान में करतारपुर कमेटी की बैठक हुई, जिससे आगे का रास्ता साफ हो गया.
करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान ने भारत के दबाव में तीन बड़ी मांगों को मान लिया है।
1. अब यह यात्रा सप्ताह के सातों दिन, ‘बिना वीज़ा’ के हो सकती है, पहले पाक की और से वीज़ा फीस की मांग थी, जबकि भारत यह यात्रा बिना किसी शुल्क के चाहता था. इस बात पर भी सहमति बनी है कि यात्री अकेले भी यात्रा कर सकते हैं और ग्रुप में भी. पैदल यात्रियों के लिए भी यात्रा करना मुमकिन होगा.
2. ज़ीरो पॉइंट रावी नदी पर ऑल वेदर पुल के निर्माण की मांग को भी इस्लामाबाद मानने को मजबूर हुआ, लेकिन पाक ने कहा है कि उसकी तरफ इसके निर्माण में समय लगेगा, वहीं भारत समय रहते इस कॉरिडोर को खोलने के लिए अंतरिम व्यवस्था खुद करेगा.
3. पाकिस्तान यह बात भी मान गया है कि रोज़ाना 5000 यात्री दरबार साहिब करतारपुर के दर्शन कर सकेंगे. भारतीय पासपोर्ट के साथ ओसीआई कार्ड धारकों के लिए भी यह कॉरिडोर खुला रहेगा.
वहीं भारत ने खालिस्तानी प्रोपगेंडा को लेकर भी चिंता जताई और पाकिस्तान को खालिस्तान समर्थकों पर एक डोसियर भी पाकिस्तान को सौंपा. पाक ने बातचीत से दो दिन पहले गोपाल चावला को पाक एसजीपीसी से बाहर किया था, लेकिन दूसरे खालिस्तानी समर्थक अमीर सिंह को जगह दी है. हालांकि पाक ने भरोसा दिलाया कि उसकी जमीन पाक विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं होगी. इसी बीच पाक सूत्रों ने बताया कि अमीर सिंह को भी पाक एसजीपीसी से हटाया जाएगा.
#WATCH live from Attari: Indian delegation address the media after #KartarpurCorridor talks https://t.co/clNgX5u2jT
— ANI (@ANI) July 14, 2019
बैठक में पाकिस्तान ने रोजाना 5000 श्रद्धालुओं को करतारपुर जाने की इजाजत दे दी. खास मौके पर कितने श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे, इसका फैसला बाद में होगा. पाकिस्तान ने भारतीय श्रद्धालुओं को पूरी सुरक्षा देने की भी गारंटी दी है. दरबार साहिब के दर्शन के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को वीजा की जरूरत नहीं होगी.
SCL Das, Joint Secretary (Internal Security), MHA: on #KartarpurCorridor talks: We have sought confirmation that individuals like Gopal Singh Chawla (of Pakistan Sikh Gurudwara Prabandhak Committee) have been removed from the bodies where we have objection to. pic.twitter.com/xYN7ZtR1tN
— ANI (@ANI) July 14, 2019
पाक ने दिया यह आश्वासन
बैठक में भारत ने करतारपुर कॉरिडोर को लेकर कई चिंताएं भी जाहिर कीं. भारत ने पाकिस्तान की ओर निर्माण कार्य को लेकर करतारपुर साहिब गुरुद्वारा और उसके आसपास के इलाकों में बाढ़ की आशंका जाहिर की है. साथ ही पाकिस्तान से उसी तरह का पुल बनाने की मांग की है, जैसा भारत बना रहा है.
द्विपक्षीय बैठक में भारत ने पाकिस्तान से कहा कि वह श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखे और उन्हें पूरे साल सुविधाजनक यात्रा मुहैया कराए. बैठक में भारत ने पाकिस्तान को डोजियर भी सौंपा. इसमें कहा गया कि किसी भी भारत विरोधी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके बाद पाकिस्तान ने इस मामले में भारत को आश्वासन दिया है.
भारत ने कहा कि पाकिस्तान के कुछ व्यक्ति और संगठन इस यात्रा को बाधित करने और श्रद्धालुओं की भावनाओं के साथ खेलने की कोशिश कर सकते हैं. भारत ने पाकिस्तान से मांग की है कि अगर जरूरत पड़े तो गुरुद्वारा में एक काउंसलर भी मौजूद रहे, जो श्रद्धालुओं की मदद करे.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने बाढ़ समीक्षा से जुड़ी जानकारियां भी पाकिस्तान के साथ साझा कीं और कहा कि वह जल्द से जल्द इस समस्या को सुलझाए. भारत ने साफ तौर पर कहा कि तटबंध भारतीय श्रद्धालुओं के लिए परेशानी खड़ी करेगा. भारत की ओर बनाए जा रहे पुल की जानकारी भी पाकिस्तान के साथ साझा की गई और कहा गया कि ऐसा ही पुल वह भी अपनी ओर बनाए. पाकिस्तान ने इस पर भी हामी भर दी है.
बैठक खत्म होने के बाद गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (आतंरिक सुरक्षा) एससीएल दास ने बताया, ‘भारत ने डेरा बाबा नानक और आसपास के इलाकों में बाढ़ को लेकर चिंता को पाकिस्तान से अवगत कराया. तटवर्ती इलाकों में सड़क निर्माण का कार्य पाकिस्तान की तरफ से पूरा किया जा था.’ वहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने कहा कि 80 फीसदी मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई. बाकी मुद्दों को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच एक और बैठक किए जाने की जरूरत है.
भारत की ओर प्रतिनिधिमंडल की एससीएल दास अगुवाई कर रहे हैं जबकि बैठक में पाकिस्तान की ओर से 20 प्रतिनिधि शामिल हैं जिसका नेतृत्व मोहम्मद फैसल ने किया. हालांकि बारिश के चलते वाघा बार्डर पर बैठक देर से शुरू हुई. पहले सुबह 9.30 बजे बैठक का वक्त तय था.
बैठक शुरू होने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने कहा कि पाकिस्तान करतापुर कॉरिडोर को संचालित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इस दिशा में सहयोग कर रहा है. गुरुद्वारा का निर्माण कार्य 70% से अधिक पूरा हो गया है. हम उम्मीद करते हैं कि आज चर्चा सही दिशा में होगी.
Dr Mohammad Faisal, Spokesperson of Ministry of Foreign Affairs Pakistan, at Wagah (Pakistan): Pakistan is fully committed & cooperating to operationalize #KartarpurCorridor. More than 70% of Gurdwara's construction work is completed. We hope to have productive discussion today. pic.twitter.com/zoAEgfHwnK
— ANI (@ANI) July 14, 2019
बहरहाल, खालिस्तान समर्थकों की बैठक में मौजूदगी को लेकर भी चर्चा होनी तय मानी जा रही है. क्योंकि पाकिस्तान ने बैठक से ठीक पहले जो चाल चली है. वो सबके सामने आ गया है.
करतारपुर कॉरिडोर खोले जाने की तारीख तय है. इसे 22 नवंबर को होने वाली गुरु नानक की 550वीं जयंती से पहले शुरू होना है. लेकिन तैयारियां अभी भी बाकी हैं. हिन्दुस्तान ने अपने हिस्से के काम को तेजी से निपटाया है, लेकिन पाकिस्तान की बदनीयती कहिए कि वो लगातार पेच फंसा रहा है और ननकाना साहिब में पवित्र दर्शन की राह में रोड़े अटका रहा है.
उन्हीं बाधाओं को दूर करने के लिए दोनों देशों में आज फिर वाघा बॉर्डर पर बैठक हुई. लेकिन जिस तरह से पाकिस्तान टालमटोल का रवैया अपनाता रहा है, वो समाधान की ओर जाता नहीं दिख रहा.
India-Pakistan bilateral meeting on #KartarpurCorridor underway at Wagah, Pakistan. pic.twitter.com/fDignqQEKJ
— ANI (@ANI) July 14, 2019
खालिस्तान समर्थकों पर नाराजगी
बैठक से ठीक पहले पाकिस्तान ने खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला को वहां के सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटा दिया. ये कूटनीतिक दबाव का बड़ा असर है. पहले दौर की बातचीत में भारत ने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी. गोपाल सिंह चावला करतारपुर कॉरिडोर की वार्ता कमेटी का भी सदस्य था.
चावला के अलावा खालिस्तानी मूवमेंट को हवा देने वाले मनिंदर सिंह, तारा सिंह, बिशन सिंह और कुलजीत सिंह जैसे नाम थे. लेकिन बैठक से ठीक पहले जब पाकिस्तान ने सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की नई लिस्ट जारी की तो उसमें भी खालिस्तानी समर्थकों को तवज्जो दी गई. खालिस्तान समर्थक बिशन सिंह के बदले उसके भाई अमीर सिंह को कमेटी में डाल दिया गया है और वो भी खालिस्तान समर्थक बताया जा रहा है.
भारत की चिंताएं
खालिस्तानी समर्थकों की मौजूदगी के अलावा भारत की कई चिंताएं हैं. पहले दौर की बातचीत के दरम्यान भारत ने पुरजोर तरीके से तमाम मुद्दों को उठाया था. भारत की मांग रही है कि करतारपुर में एक दिन में 5000 श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका मिले. लेकिन पाकिस्तान महज 700 श्रद्धालुओं के दर्शन पर ही अड़ा है. भारत की मांग है कि करतापुर कॉरिडोर साल भर खुले.
पाकिस्तान इसके लिए भी राजी नहीं है. हिन्दुस्तान चाहता है कि श्रद्धालुओं का कोई वीजा या शुल्क ना लगे, पड़ोसी मुल्क इससे भी सहमत नहीं. भारत चाहता है कि प्रवासी भारतीयों को भी मौका मिले, लेकिन पाकिस्तान सिर्फ भारतीय श्रद्धालुओं की जिद पर अड़ा है.
हिन्दुस्तान की ऐसी कई चिंताएं हैं जिसे पाकिस्तान अब तक अनसुना करता रहा है. लेकिन लाहौर पहुंची आजतक की टीम ने वहां लोगों से बात की तो उन्होंने करतारपुर कॉरिडोर को लेकर दोनों देशों के संबंध सुधरने का भरोसा जताया. पड़ोसी मुल्कों की आवाम चाहती है अमन कायम हो और करतारपुर कॉरिडोर के बहाने दोनों देशों में रिश्ते की कड़वाहट खत्म हो. लेकिन पाकिस्तान का रवैया सुस्ती भरा है.