Cyclone Amphan: विकराल रूप लेने वाला है चक्रवात, स्थिति की समीक्षा के लिये PM मोदी ने की बैठक

बैठक में गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन (National Disaster Management Authority) प्राधिकरण के अधिकारी शामिल हुए. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह (Home Ministry) भी शामिल हुए.

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नई दिल्ली. चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ (Cyclone Amphan) आज शाम तक विकराल रूप ले लेगा और इसके चलते ओडिशा (Odisha) के तटीय इलाकों और पश्चिम बंगाल (West Bengal) की गंगा नदी के पास के इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ‘अम्फान’ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने के लिए सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारी शामिल हुए. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जानकारी दी गई कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहे चक्रवात ‘अम्फान’ के खिलाफ प्रतिक्रिया उपायों की समीक्षा के लिए आज एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. प्रधानमंत्री ने स्थिति का पूरा जायजा लिया और प्रतिक्रिया तैयारियों के साथ-साथ NDRF द्वारा प्रस्तुत निकासी योजना की समीक्षा की.

पीएमओ की तरफ से बताया गया है कि रिस्पॉन्स प्लान की प्रेजेंटेशन के दौरान, डीजी नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स ने बताया कि 25 एनडीआरएफ टीमों को जमीन पर तैनात किया गया है, जबकि 12 अन्य रिजर्व में तैयार हैं. एनडीआरएफ की 24 अन्य टीमें भी देश के विभिन्न हिस्सों में स्टैंडबाय पर हैं.

20 मई को बंगाल के दीघा से टकरा सकता है तूफान
मौसम विभाग ने कहा है कि चक्रवात से तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल में गंगा से लगने वाले क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होगी. चक्रवात ‘अम्फान’ सोमवार को प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है और वह उत्तरपूर्व बंगाल की खाड़ी की तरफ बढ़ सकता है तथा 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच तटों से टकरा सकता है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि भीषण चक्रवाती तूफान का रूप ले चुका “अम्फान” बंगाल की खाड़ी के ऊपर और शक्तिशाली होकर धीरे-धीरे तट की तरफ बढ़ रहा है. यह अब प्रचंड चक्रवाती तूफान का रूप ले चुका है. विभाग ने कहा कि यह उत्तर-उत्तरपूर्व की तरफ बढ़ेगा और तेजी से उत्तरपश्चिम बंगाल की खाड़ी पहुंचेगा और भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में दीघा और हटिया के बीच पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों से टकराएगा.

तूफान से हो सकते हैं ये नुकसान
विभाग ने कहा कि अत्यधिक तेज हवाओं से कच्चे घरों को बहुत ज्यादा नुकसान और ‘पक्के’ घरों को कुछ हद तक नुकसान पहुंच सकता है.

मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि तेज हवाओं के कारण बिजली एवं संचार के खंभे मुड़ या उखड़ सकते हैं, रेलवे सेवाओं को कुछ हद तक बाधित कर सकते हैं और ऊपर से गुजरने वाले बिजली के तार एवं सिग्नल प्रणालियां प्रभावित हो सकती हैं तथा तैयार फसलों, खेतों-बगीचों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है.

कई जगहों पर हो सकती है भारी बारिश
तटीय ओडिशा में 18 मई की शाम से कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है जबकि गजपति, गंजाम, पुरी, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जैसे ओडिशा के तटीय जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है.

कोलकाता में क्षेत्रीय मौसम केंद्र के निदेशक जी के दास ने कहा कि चक्रवात के प्रभाव से उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्वी एवं पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा और हुगली समेत पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में 19 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है जबकि दूर-दराज के कुछ इलाकों में भारी बारिश का अनुमान है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तटीय इलाकों में राहत सामग्रियां, सूखे मेवे और ट्रेम्पोलिन भेज दिए गए हैं.

स्थिति से निपटने के लिए उठाए जा रहे हैं ये कदम
अधिकारी ने कहा, “हम किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी तरह के कदम उठा रहे हैं. विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं और राज्य आपदा प्रबंधन बल की टीमों को तैनात किया गया है. हम जन संबोधन प्रणालियों के जरिए घोषणाएं भी कर रहे हैं.”

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एस एन प्रधान ने कहा कि 10 इकाइयों को ओडिशा के विभिन्न जिलों में भेजा गया है जबकि 10 अन्य इकाइयों को तैयार रखा गया है.

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अधिकारियों को लोगों को संवेदनशील इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की योजना बनाने का निर्देश दिया है. साथ ही सड़क मार्ग, पेयजल आपूर्ति, बिजली आपूर्ति और अस्पतालों के ढांचे एवं वहां बिजली-पानी की आपूर्ति को जल्द बहाल करने की भी तैयारी करने को कहा है.

चक्रवात ‘अम्फान’ से एक साल पहले पिछले साल तीन मई को ओडिशा में तूफान फणी ने कहर बरपाया था और 64 लोगों की जान लेने के साथ ही बिजली,दूरसंचार, पानी एवं अन्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों की अवसंरचना को तबाह कर दिया था.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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