लॉकडाउन 5 में मॉल नहीं खुल सकते हैं जिम, केंद्र ने कहा- कंटेनमेंट जोन के लिए और सख्त हों राज्य सरकारें

Lockdown 5.0: अधिकारियों ने कहा कि स्कूल, कॉलेज, मॉल्स और सिनेमा हॉल्स अगले दो हफ्तों के लिए बंद रह सकते हैं लेकिन बाकी अन्य सेक्टर्स के लिए राज्यों को अपनी ओर से फैसला लेने की छूट होगी.

0 990,200

नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण चल रहे लॉकडाउन का चौथा चरण (Lockdown 4.0) 31 मई को खत्म होने जा रहा है. इसके खत्म होने से पहले कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा ने ऐसे 13 जिलों के म्युनिसिपल कमिश्नर और जिला मजिस्ट्रेट से बात की जहां देश के कोरोना वायरस के 70 प्रतिशत मामले हैं. केंद्र सरकार के अधिकारियों ने कहा कि इस बैठक में कैबिनेट सेक्रेटरी ने जिन इलाकों में अधिक मामले हैं ऐसे कंटेनमेंट जोन को सील करने पर जोर दिया और राज्यों से 1 जून से लागू होने वाली रणनीति पर सुझाव लिए.

सरकार के अधिकारियों ने कहा कि शहरों को सुझाव दिया गया है कि कंटेनमेंट एरिया (Containment Area) को जिला प्रशासन और शहरी नगर निकाय स्थानीय स्तर पर अच्छे तकनीकी इनपुट के आधार पर अच्छे से परिभाषित करे.

राज्यों को मिल सकती है और छूट
न्यूज18 ने बुधवार को जानकारी दी थी कि लॉकडाउन 31 मई से दो और हफ्तों के लिए बढ़ सकता है और इसमें अधिक छूट दी जा सकती है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने सीएनएन न्यूज़18 को बताया कि केंद्र 31 मई के बाद लॉकडाउन बढ़ाने की शर्तों को लेकर राज्य सरकारों को और स्वतंत्रता देना चाहता है. राज्यों की मांग और उनकी आर्थिक हालत के हिसाब से केंद्र ने 17 मई को घोषित किए गए लॉकडाउन के चौथे चरण में विभिन्न तरह की छूट दी थीं.

लॉकडाउन 5.0 में सरकार मंदिरों और जिम को खोलने की इजाजत दे सकती है. गोवा और कर्नाटक सरकार ने होटल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर खोले जाने को लेकर भी रुचि दिखाई है. अधिकारियों ने कहा कि स्कूल, कॉलेज, मॉल्स और सिनेमा हॉल्स अगले दो हफ्तों के लिए बंद रह सकते हैं लेकिन बाकी अन्य सेक्टर्स के लिए राज्यों को अपनी ओर से फैसला लेने की छूट होगी.

कंटेनमेट जोन हैं बड़ी मुसीबत
सरकार की सबसे बड़ी चिंता इस समय कंटेनमेंट जोन हैं क्योंकि हाल ही में कुछ ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं जिनमें कहा गया है कि इन इलाकों को सही तरह से निर्धारित नहीं किया गया है और कुछ राज्यों ने यहां पूरी पाबंदियां भी नहीं लगाई हैं. लॉकडाउन के चौथे चरण में सरकार ने कलर-कोड जोन को छूट दी थी और अधिकतर पाबंदियां कंटेनमेंट जोन में ही लगाई थीं.

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला (Home Secerarty Ajay Bhalla) ने पिछले सप्ताह ही राज्यों को चिट्ठी लिखकर केंद्र के दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करने के लिए कहा था. पत्र में कहा गया था कि मंत्रालय की जानकारी में आया है कि गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस का पालन नहीं हो रहा है. कोविड-19 (Covid-19) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कंटेनमेंट जोन का सीमा निर्धारण और पूरी तरह से पाबंदियां लगाना बेहद जरूरी है.

इन शहरों के अधिकारी हुए शामिल
इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में जो 13 म्युनिसिपल कमिश्नर शामिल हुए वह मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, अहमदाबाद, ठाणे, पुणे, हैदराबाद, कोलकाता/हावड़ा, इंदौर, जयपुर, जोधपुर, चेंगलपट्टू और तिरुवल्लूर के थे. इनके अलावा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और प्रधान स्वास्थ्य सचिव भी शामिल हुए. अधिकारियों ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंस में राज्यों ने कोविड -19 मामलों के प्रबंधन के लिए प्रभावित क्षेत्रों के जिला प्रशासन और नगर निगमों द्वारा किए गए उपायों को साझा किया.

केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने सीएनएन न्यूज़18 को बताया कि कैबिनेट सचिव राज्यों से लिए गए सुझावों की समीक्षा करेंगे और इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से बात करके अंतिम फैसला लेंगे. केंद्र सरकार पहले ही शहरी बस्तियों में COVID-19 के प्रबंधन पर दिशा-निर्देश जारी कर चुकी है. इनमें उच्च जोखिम वाले कारकों के काम समेत, पुष्टि दर, घातक दर, मामलों के दोहरे होने की दर, प्रति मिलियन लोगों पर परीक्षण जैसे सूचकांक शामिल हैं.

कंटेनमेट जोन तय करना जरूरी
केंद्र सरकार ने जोर देकर कहा है कि कंटेनमेंट जोन को भौगोलिक स्थिति के आधार पर मामलों और संपर्क की मैपिंग करे. इससे अच्छी तरह से तय परिधि का सीमा निर्धारण हो सकेगा और लॉकडाउन के सख्त प्रोटोकॉल भी लागू किए जा सकेंगे. नगर निगम यह तय कर सकती हैं कि कौन सी आवासीय कॉलोनी, मोहल्ला, नगर निगम वॉर्ड, और थाना क्षेत्र, म्यूनिसिपल जोन, कस्बे कंटेनमेंट जोन के तौर पर परिभाषित किए जा सकते हैं. शहरों को राय दी गई है कि ऐसे इलाकों को स्थानीय प्रशासन और शहरी नगर निकाय तकनीकी इनपुट के आधार पर स्थानीय स्तर पर इसे अच्छे से परिभाषित करे.

Leave A Reply

Your email address will not be published.