सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प खोजने में जुटी मोदी सरकार , रामविलास पासवान ने बुलाई बैठक
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने 9 सितंबर को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में देश के प्रमुख प्लास्टिक उत्पाद निर्माताओं को भी बुलाया गया है ताकि उनका फीडबैक लिया जा सके.
नई दिल्ली: देश में सिंगल युज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर धीरे धीरे सभी मंत्रालय अमल करने लगे हैं. पीएमओ और खाद्य मंत्रालय समेत कुछ अन्य मंत्रालयों में इस तरह के प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है. सिंगल युज प्लास्टिक का एक आम इस्तेमाल पानी की बोतल के लिए होता है. अब खाद्य और उपभोक्ता मंत्रालय पानी के सिंगल युज प्लास्टिक बोतल का विकल्प तलाशने में जुट गया है. ख़बर ये भी है कि 11 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगल यूज प्लास्टिक के ख़िलाफ़ एक अभियान की शुरुआत कर सकते हैं.
सोमवार को बुलाई गई बैठक
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने 9 सितंबर को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है. बैठक में एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक उत्पादों के विकल्पों पर चर्चा की जाएगी. बैठक में उपभोक्ता मामले विभाग वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के वरिष्ठ अधिकारी भी शरीक होंगे. अहम बात ये है कि बैठक में देश के प्रमुख प्लास्टिक उत्पाद निर्माताओं को भी बुलाया गया है ताकि उनका फीडबैक लिया जा सके. बैठक में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CIPET) के प्रतिनिधि और इससे जुड़े अन्य विशेषज्ञ भी शामिल होंगे.
पानी की बोतल और अन्य सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्पों पर विचार
सूत्रों के मुताबिक़ बैठक में रोज़ाना काम में आने वाली पानी और सोडा की बोतल , प्लास्टिक बैग , कॉफी बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली प्लास्टिक की पाइप और प्लास्टिक की स्ट्रॉ के विकल्पों पर विचार किया जाएगा. मंत्रालय के एक अधिकारी ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि सरकार प्लास्टिक निर्माताओं से जानना चाहती है कि अगर फिलहाल प्रचलित सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद किया जाए तो उसकी जगह कैसे लोगों तक ज़रूरी चीजें पहुंचाई जा सकेंगी और उसका ख़र्च क्या आएगा. इस बैठक सिंगल यूज प्लास्टिक की परिभाषा और मापदण्ड निर्धारित किए जाने की संभावना है.