महाराष्ट्र चुनाव: एक हफ्ते में हो सकता है BJP-शिवसेना गठबंधन का एलान, जानें किसे मिल सकती हैं कितनी सीटें

सूत्र बताते हैं कि इस दौरे में शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की मोदी से मुलाक़ात हो सकती है. इस बैठक में ही गठबंधन पर अंतिम मुहर लग सकती है. शिवसेना ने कहा कि कोई कितनी भी ख़बरें दे दे, अफ़वाह उड़ा दे. गठबंधन के समीकरण अमित शाह, उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडनवीस के बीच ही तय होंगे.

 

मुंबई: महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की घोषणा आनेवाले एक हफ़्ते के अंदर होने की संभावना है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अगले 6-7 दिनों में बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस और शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे मुंबई में मुलाक़ात कर सीट बंटवारे पर अंतिम चर्चा करेंगे. जिसके के बाद बैठक की पूरी जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को दी जाएगी और गठबंधन के फॉर्मूले पर अंतिम मुहर अमित शाह लगाएंगे.

 

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी और शिवसेना के बीच पहले चरण की बातचीत हो चुकी है जिसमें बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के दौरान बने फॉर्मूले पर रज़ामंदी नहीं बनी है. बीजेपी ने बीजेपी- 160 शिवसेना- 110 मित्र पक्ष – 18 का फॉर्मूला शिवसेना से सामने रखा जिसे शिवसेना मंज़ूर नहीं किया. शिवसेना चाहती है कि उन्हें कम से कम 125 सीटें दी जाए लेकिन बीजेपी इसे मानने के लिए तैयार नहीं है. सूत्र बताते हैं कि 7 सितंबर को मोदी के महाराष्ट्र के दौरे के बाद इस फॉर्मूले पर मोहर लग सकती है और 11-12 सितंबर को मुंबई में गठबंधन के सीट बंटवारे का ऐलान हो जाएगा. दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे के लिए ज़्यादा सीटें हासिल करने की कोशिश में है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी 110 के प्रस्ताव के थोड़ा ऊपर जाकर शिवसेना के सीट दे सकती है जिसे शिवसेना भी मंज़ूर कर सकती है.

 

15 से 20 अक्टबूर के बीच में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है. लेकिन अबतक बीजेपी-शिवसेना में सीट बंटवारे पर रज़ामंदी नहीं हो पाई है. जानकारों की मानें तो बीजेपी 150 सीटों से कम पर चुनाव नहीं लड़ेगी. सूत्र बताते हैं कि लोकसभा में मिली बंपर जीत और 370 के एतिहासिक निर्णय के बाद मोदीमय हुए देश माहौल के दम पर बीजेपी अकले ही चुनाव लड़कर सत्ता हासिल करने का दम भर रही है.

 

खुद मुख्यमंत्री ये मानते है कि बीजेपी अगर ताक़त ताक़त लगाएगी तो पूर्ण बहुमत खुद के दम पर मिल जाए. लेकिन वो सत्ता के लिए शिवसेना के साथ वादाखिलाफी नहीं कर सकते. मुख्यमंत्री ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि हमारे कई लोगों को लगता है कि 100% रिजल्ट आएगा. लेकिन ऐसा नहीं होता कि आज दोस्ती और कल हमारे स्वार्थ के लिए हम छोड़ दे. लोकसभा के समय हमने एक साथ जाने का तय किया. ये बात सही है कि उस समय की और आज की परिस्थिति में काफ़ी अंतर है. बीजेपी की ताक़त इतनी बढ़ी है कि सहज रुप से हमारे कार्यकर्ताओं को लगता है कि ज़्यादा सीटें लड़नी चाहिये. लेकिन मैं ये कहूंगा कि हम गठबंधन में लड़ेंगे.

 

इन दावों के बाद भी दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारों को लेकर मतभेद ख़त्म नहीं हुए है. इन्हीं कारणों की वजह से प्रधानमंत्री का महाराष्ट्र दौरा अहम माना जा रहा है. सूत्र बताते हैं कि इस दौरे में शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की मोदी से मुलाक़ात हो सकती है. और इस बैठक में ही गठबंधन पर अंतिम मुहर लग सकती है.

 

बीजेपी के सूत्र बताते है कि इस बार गठबंधन में शामिल छोटी पार्टियों को भी बीजेपी उनके चुनाव चिन्ह कमल पर चुनाव लड़ने के लिए राज़ी कर रही है. खबरें है कि रामदास आठवले, महादेव जानकर, सदाभाउ खोत जैसे नेताओं को अपनी पार्टी बीजेपी में विलीन कर सकते है. अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी 160 सीटें पर नहीं बल्कि 178 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. ऐसे हालात में बीजेपी खुद के दम पर सत्ता हासिल भी कर सकती है. यही डर शिवसेना को है और वो ज़्यादा से ज़्यादा सीटें अपने नाम पर करना चाहती है.

 

वहीं शिवसेना इन ख़बरों को केवल अफ़वाह क़रार दे रही है. शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, ”कोई कितनी भी ख़बरें दे दे, अफ़वाह उड़ा दे. गठबंधन के समीकरण अमित शाह, उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडनवीस के बीच ही तय होंगे” शिवसेना को 125 से ज़्यादा सीटें मिलने की विश्वास है. लेकिन हाल के माहौल को देखकर ऐसा होने का संभावना कम ही नज़र आ रही हैं. यानि गठबंधन हुआ तो बीजेपी की शर्तों पर ही होगा, वरना नहीं.

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