कोलकाताः जादवपुर यूनिवर्सिटी में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो परिसर में बाबुल सुप्रियो पर बोतल फेंकी, बाल खीचे और चश्मे तोड़ दिए

परिसर में बाबुल सुप्रियो के विरोध के दौरान उनपर बोतल फेंकी गई और उनके चश्मे को भी तोड़ दिया गया. परिसर में मंत्री के विरोध के बाद राज्यपाल सुरंजन दास ने छात्रों को प्रदर्शन खत्म करने के लिए कहा लेकिन छात्र इसके लिए राजी नहीं हुए.

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कोलकाताः पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों के एक समूह ने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो का घेराव किया और उन्हें काले झंडे दिखाए. सुप्रियो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा आयोजित एक सेमिनार को संबोधित करने के लिए विश्वविद्यालय आए थे. इस कार्यक्रम के दौरान वामपंथी छात्र संगठनों ने बाबुल सुप्रियो के खिलाफ नारेबाजी की और करीब डेढ़ घंटे तक सुप्रियो को कैंपस में घुसने से रोक दिया. इसके अलावा यहां बाबुल सुप्रियो के साथ धक्का-मुक्की भी हुई.

घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंचे राज्यपाल भी विरोध के कारण काफी देर तक परिसर में नहीं घुस सके. बाद में जब राज्यपाल परिसर से बाबुल सुप्रियो के साथ निकलने की कोशिश करने लगे तो यहां पर भी उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा.

 

वहीं भारी सुरक्षा के बीच सेमिनार में शिरकत करने वाले सुप्रियो ने कैंपस में संवाददाताओं से कहा, ”मैं यहां राजनीति करने नहीं आया हूं. विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों के व्यवहार से दुखी हूं, जिस तरह उन्होंने मेरा घेराव किया . उन्होंने मेरे बाल खींचे और मुझे धक्का दिया.”

सुप्रियो ने कहा मुझे उकास नहीं पाएंगे

 

सुप्रियो ने कहा, ”ये कुछ भी करले उकसा मुझे पाएंगे नहीं. लोकतंत्र को जीवंत बनाए रखने में विपक्ष की भूमिका सत्ताधारी दल की तरह ही काफी अहम है. मतभेदों को धैर्यपूर्वक सुनना भी आवश्यक है. इस तरह का व्यवहार अनुचित तथा निन्दनीय है.”

 

बताया जा रहा है कि परिसर में बाबुल सुप्रियो के विरोध के दौरान उनपर बोतल फेंकी गई और उनके चश्मे को भी तोड़ दिया गया. परिसर में मंत्री के विरोध के बाद राज्यपाल सुरंजन दास ने छात्रों को प्रदर्शन खत्म करने के लिए कहा लेकिन छात्र इसके लिए राजी नहीं हुए. इसके बाद राजभवन को भी इस पूरे मामले से अवगत कराया गया, जिसके बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ खुद यूनिवर्सिटी पहुंचे.

आरोप है कि कुलपति ने मौके पर पहुंची पुलिस को परिसर में नहीं घुसने दिया. बाद में राज्यपाल किसी तरह परिसर में पहुंचे, जहां से वह बाबुल सुप्रियो को अपने साथ लेकर वापस लौटने लगे. हालांकि इस दौरान भी गेट पर मौजूद छात्रों ने राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री का जमकर विरोध किया.

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