करतारपुर कॉरिडोर: भारत ने साझा की 575 तीर्थयात्रियों की लिस्ट, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, सीएम अमरिंदर सिंह का नाम शामिल- सूत्र
करतारपुर कॉरिडोर को 10 नवंबर को खोल दिया जाएगा. रोज करीब पांच हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. इसके लिए वीजा की जरूरत नहीं है लेकिन साथ में पासपोर्ट रखना जरूरी है. ये साल भर खुला रहेगा.
नई दिल्ली: भारत ने आज करतारपुर कॉरिडोर के जरिए गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के उद्घाटन में जाने वाले 575 तीर्थ यात्रियों की सूची पाकिस्तान के साथ साझा की है. सूत्रों के मुताबिक इस लिस्ट में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, हरसिमरत कौर बादल, पंजाब के मुख्यमंत्री सीएम अमरिंदर सिंह और पंजाब के सांसदों, विधायकों और अन्य लोगों के नाम शामिल हैं.
Govt sources: India has today shared list of 575 pilgrims to go in inaugural 'jatha' to Gurudwara Kartarpur Sahib through Kartarpur corridor. It includes ex-PM Manmohan Singh, Union Ministers Hardeep Puri, Harsimrat Kaur Badal, Punjab CM Amarinder Singh, Punjab's MPs-MLAs&others. pic.twitter.com/b8rb4hKIPh
— ANI (@ANI) October 29, 2019
बता दें कि भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर को लेकर एक समझौते पर साइन कर लिया है. 10 नवंबर को ये कॉरिडोर खुल जाएगा. समझौते के तहत करतारपुर की यात्रा के लिए वीजा की जरुरत नहीं होगी. हालांकि श्रद्धालुओं के पास पासपोर्ट होना जरूरी है. हर दिन करीब पांच हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे.ये कॉरिडोर सुबह से शाम तक खुला रहेगा. सुबह में कॉरिडोर में जाने वाले श्रद्धालुओं को उसी दिन शाम तक लौट आना होगा. ये कॉरिडोर पूरे साल खुला रहेगा. अगर कभी इसे बंद किया जाएगा तो इसकी जानकारी पहले ही दे दी जाएगी. जो भी यात्री करतारपुर कॉरिडोर में जाना चाहेगा उसकी सूची भारत पाकिस्तान को 10 दिन पहले ही सौंपेगा. इसके बाद यात्रा की तारीख के चार दिन पहले पाकिस्तान यात्रियों का पुष्टिकरण करेगा.
दर्शन के लिए देना होगा चार्ज
जो तीर्थयात्री करतारपुर कॉरिडोर में दर्शन करने के लिए जाएगा उसे 20 अमेरिकी डॉलर देने होंगे. यानी दर्शन के लिए करीब 1420 रुपये देने होंगे. भारत, पाकिस्तान के इस फैसले के विरोध में है. पाकिस्तान ने साफ किया है कि वह इस चार्ज को नहीं हटाएगा. पैसे नहीं देने की सूरत में दर्शन की इजाजत नहीं होगी.
पाकिस्तान को होगी इतनी कमाई
करतारपुर कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान को सालाना तीन करोड़ 65 लाख डॉलर रुपये का अनुमान है. तीर्थयात्रियों से सेवा शुल्क के रूप में पाकिस्तान को सालाना 259 करोड़ रुपये (भारतीय मुद्रा) मिलेंगे. ये पाकिस्तान के लिए विदेशी मुद्रा का अन्य स्रोत होगा.