नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने मजदूरों को बड़ा तोहफा दिया है. केजरीवाल सरकार ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का फैसला किया है. अब दिल्ली सरकार के इस फैसले से सीधे तौर पर 50 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा. न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का आज मुख्यमंत्री केजरीवाल ने खुद एलान किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने गरीबों की मदद के लिए न्यूनतम मज़दूरी बढ़ाने का फैसला किया है.
ग़रीबों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय। दिल्ली आज देश में सबसे ज़्यादा न्यूनतम मज़दूरी दे रही है
ग़रीबी कम करने और आर्थिक मंदी से निपटने के लिए अहं क़दम। ग़रीब की जेब में पैसा जाएगा तो वो रोज़मर्रा का सामान ख़रीदेगा। इस से डिमांड बढ़ेगी, उत्पादन बढ़ेगा, लोगों को रोज़गार मिलेगा https://t.co/bh5xv4s7R1
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 28, 2019
इस बाबत सरकार ने नई अधिसूचना जारी की है. इसमें कहा गया है कि अकुशल मजदूरों का न्यूनतम वेतन 8632 से बढ़ाकर 14842 कर दिया गया है. इसी तरह ग्रेजुएट और उससे ज्यादा पढ़े लिखे लोगों का न्यूनतम वेतनमान अब 19,572 रुपये प्रतिमाह होगा.
दिल्ली सरकार के ट्विटर हैंडल से इस फैसले के संदर्भ में ट्वीट किया गया, ” ग़रीबों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय. दिल्ली आज देश में सबसे ज़्यादा न्यूनतम मज़दूरी दे रही है. ग़रीबी कम करने और आर्थिक मंदी से निपटने के लिए अहं क़दम. ग़रीब की जेब में पैसा जाएगा तो वो रोज़मर्रा का सामान ख़रीदेगा। इस से डिमांड बढ़ेगी, उत्पादन बढ़ेगा, लोगों को रोज़गार मिलेगा.” अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब दिल्ली सरकार देश में सबसे अधिक न्यूनतम मजदूरी दे रही है.
दिल्ली की बसों में मार्शलों की संख्या बढ़ाकर 13 हजार कर दी जाएगी
केजरीवाल सरकार ने न्यूनतम मजदूरी बढाने के अलावा एक और घोषणा की है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के प्रति वचनबद्ध है और इसके तहत 29 अक्टूबर तक दिल्ली की बसों में मार्शलों की संख्या बढ़ाकर तकरीबन 13 हजार कर दी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं आप सभी को यह सुनिश्चत करने की जिम्मेदारी सौंपना चाहता हूं कि हर सरकारी बस में महिलाएं सुरक्षित महसूस करें और पूरे आत्मविश्वास के साथ यात्रा कर सकें.’’ केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली की बसों में मार्शलों की मौजूदा संख्या 3400 है.