पीएम मोदी ने भारतीयों पर लंदन में हमले का मुद्दा उठाया, जॉनसन ने कश्मीर को बताया द्विपक्षीय मुद्दा

प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद की तरफ भी ब्रिटिश प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया जिसने भारत और यूरोप समेत दुनिया के सभी हिस्सों को अपनी चपेट में लिया है.

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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन से फोन पर बात की. इस दौरान मोदी ने गुरुवार को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने स्वतंत्रता दिवस मना रहे भारतीयों पर हुए हमले का मुद्दा उठाया. वहीं जॉनसन ने दो टूक कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला है. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार मोदी ने जॉनसन का ध्यान निहित स्वार्थों के लिए प्रायोजित एजेंडा चला रहे लोगों के प्रति आकर्षित कराया, जो इसके लिए हिंसा का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.

 

 

बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री जॉनसन ने घटना के लिए खेद जताया और भरोसा दिया कि भारतीय उच्चायोग, उसके कर्मचारियों और आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा.

 

गौरतलब है कि अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने के खिलाफ पाकिस्तानी समूह, सिख और कश्मीरी अलगाववादी समूहों ने गत गुरुवार को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने भारत विरोधी प्रदर्शन का आयोजन किया था.

 

इसके विरोध में अलग से इंडिया हाउस (भारतीय उच्चायोग की इमारत) के बाहर भारत के समर्थन में प्रदर्शन आयोजित किया गया. इस दौरान भारत समर्थकों पर हमले किए गए.

 

जॉनसन ने फोन पर पीएम मोदी से कहा कि जहां तक कश्मीर पर उनके देश के रुख का सवाल है तो ब्रिटेन मानता है कि यह भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला है.

 

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय 10 डाउन स्ट्रीट की प्रवक्ता ने बताया यह फोन कॉल पदग्रहण करने के बाद विश्व नेताओं से इसी तरह की गई बातचीत की कड़ी थी. मोदी के साथ बातचीत के दौरान कश्मीर के हालात सहित ब्रिटेन-भारत साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई.

 

प्रवक्ता के मुताबिक प्रधानमंत्री जॉनसन ने स्पष्ट किया कि ब्रिटेन का मानना है कि कश्मीर मुद्दे का हल भारत और पाकिस्तान ही द्विपक्षीय आधार पर कर सकते हैं. उन्होंने विवाद सुलझाने के लिए बातचीत के महत्व को रेखांकित किया.

 

बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद की तरफ भी ब्रिटिश प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया जिसने भारत और यूरोप समेत दुनिया के सभी हिस्सों को अपनी चपेट में लिया है.

 

उन्होंने कट्टरपंथ, हिंसा और असहिष्णुता को खतरे को दूर करने के लिये प्रभावी कदमों की आवश्यकता पर भी बल दिया. मोदी ने जॉनसन को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी और भारत और ब्रिटेन के रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने पर जोर दिया.

 

दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि विश्व की दो अहम लोकतांत्रिक देश दुनिया की अहम समस्याओं का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं. दोनों नेताओं ने फ्रांस में होने जा रही जी-7 की बैठक में भी मिलने की बात कही.

 

 

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