चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की चौथी कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया- इसरो
चंद्रयान-2 ने चांद की चौथी कक्षा में प्रेवश कर लिया है. इसरो ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चंद्रयान-2 को चांद की चौथी कक्षा में आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुक्रवार को सफलतापूर्वक पूरी की.
बेंगलुरु: इसरो ने शुक्रवार को कहा कि उसने “चंद्रयान-2 को चांद की चौथी कक्षा में आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुक्रवार को सफलतापूर्वक पूरी की.” भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस प्रक्रिया (मैनुवर) के पूरी होने के बाद कहा कि अंतरिक्ष यान की सभी गतिविधियां सामान्य है.
#ISRO
Fourth Lunar bound orbit maneuver for Chandrayaan-2 spacecraft was performed successfully today (August 30, 2019) at 1818 hrs IST.For details please visit https://t.co/s4I7OIOF5R pic.twitter.com/ld4wbTMuBq
— ISRO (@isro) August 30, 2019
इसरो ने एक अपडेट में कहा कि, “प्रोपल्सन सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान को चंद्रमा की चौथी कक्षा में आज (30 अगस्त,2019) सफलतापूर्वक प्रवेश कराने का कार्य योजना के मुताबिक छह बजकर 18 मिनट पर शुरू किया गया.” चंद्रमा की चौथी कक्षा में प्रवेश कराने की इस पूरी प्रक्रिया में 1,155 सेकेंड का समय लगा.
Here’s a quick snapshot of all the support that is pouring in for #Chandrayaan2 as it nears its destination! We thank each and every one of you for the faith you have shown in us and for inspiring us to reach ever-higher, always! #ISRO pic.twitter.com/4yPW84flkk
— ISRO (@isro) August 30, 2019
अब एक सितंबर 2019 को शाम छह बजे से सात बजे के बीच चंद्रयान-2 को चंद्रमा की पांचवी कक्षा में प्रवेश कराया जाएगा. देश की बड़ी सफलता को साबित करते हुए भारत के दूसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में 20 अगस्त को प्रवेश किया था.
#ISRO
Lunar surface imaged by Terrain Mapping Camera-2(TMC-2) of #Chandrayaan2 on August 23 at an altitude of about 4375 km showing craters such as Jackson, Mach, Korolev and Mitra (In the name of Prof. Sisir Kumar Mitra)For more images please visit https://t.co/ElNS4qIBvh pic.twitter.com/T31bFh102v
— ISRO (@isro) August 26, 2019
इसरो ने कहा कि आगामी दो सितंबर को लैंडर ‘विक्रम’ ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और सात सितंबर को यह चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा. लैंडर के चांद की सतह पर उतरने के बाद इसके भीतर से ‘प्रज्ञान’ नाम का रोवर बाहर निकलेगा और अपने छह पहियों पर चलकर चांद की सतह पर अपने वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा.
इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्र मिशन-2 का सबसे जटिल चरण है. अतंरिक्ष एजेंसी ने कहा कि अंतरिक्ष यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.