एफडी कराने वालों के लिए जरूरी है 30 जून तक ये फॉर्म जमा करना, वरना होगा बड़ा नुकसान
अगर आपने लॉकडाउन (Lockdown) में या इससेपहले किसी भी बैंक में एफडी (FD-Fixed Deposit) कराई है तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. क्योंकि एक फॉर्म आपने जमा नहीं किया तो बैंक आपके मुनाफे पर टैक्स काट लेगा.
नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI-State Bank of India) ने एफडी पर ब्याज दरें घटाकर अपने ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है. वहीं, अब अगर आपने 15G और 15H फॉर्म जमा (TDS) नहीं किया तो आपके मुनाफे (ब्याज से आमदनी) पर बैंक TDS काट लेगा. ऐसे में आपका मुनाफा कम हो जाएगा. आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) के कारण जारी लॉकडाउन (Lockdown) को देखते हुए CBDT ने फॉर्म 15G और फॉर्म 15H भरने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी है.
SBI खाताधारक ऑनलाइन अपने खातों में लॉग इन कर सकते हैं और ई-सेवाओं के तहत फॉर्म जमा कर सकते हैं.
>> ग्राहक ‘ई-सेवाएं’, ’15G / H’ विकल्प चुनें.
>> अब, फॉर्म 15G या फॉर्म 15H चुनें
>> इसके बाद Customer Information File (CIF) No पर क्लिक करें और सबमिट कर दें.
>>Submit’button पर क्लिक करने के बाद, यह आपको एक पेज पर ले जाएगा, जिसमें कुछ पहले से भरी हुई जानकारी होगी. इसके बाद अन्य जानकारी भरें.
- Form 15G या Form 15H का क्या मतलब है
- Form 15G या Form 15H सेल्फ-डेक्लेरेशन फॉर्म हैं. इनमें कोई व्यक्ति घोषित करता है कि उसकी इनकम टैक्सेबल लिमिट यानी कर लगने योग्य सीमा से कम है. इसलिए उसे टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाए.
- कितने साल के लिए भरा जाता है Form 15G या Form 15H
- 15G और 15H की वैधता केवल एक साल के लिए होती है. इन्हें हर साल जमा करने की जरूरत पड़ती है.
- क्यों जरूरी 15G और 15H फॉर्म जमा करना
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जब किसी फाइनेंशियल ईयर में एफडी पर ब्याज से होने वाली आमदनी एक निश्चित सीमा को पार कर जाती है तो बैंकों को टीडीएस (स्रोत पर कर में कटौती) करना अनिवार्य होता है. इसीलिए जमाकर्ता को फॉर्म 15G या फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) यह बताने के लिए स्व-घोषणा पत्र देता होता हैं और उसमें बताना होता है कि उनकी आय टैक्स योग्य सीमा से कम है. खाता धारकों द्वारा फॉर्म 15G और फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) यह सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तुत किया जाता है कि उनकी आय पर टीडीएस नहीं काटा जाता है. फॉर्म 15G या 15H जमा कर आप ब्याज या किराये जैसी आमदनी पर TDS से बच सकते हैं. इन फॉर्म को बैंक, कॉरपोरेट बॉन्ड जारी करने वाली कंपनियों, पोस्ट ऑफिस या किराएदार इत्यादि को देना पड़ता है.
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अगर टैक्स कट जाए तो कैसे पाए पैसे वापसफॉर्म 15G या 15H के जमा करने में विलंब के कारण काटे गए अतिरिक्त TDS का रिफंड केवल इनकम टैक्स रिफंड फाइल कर ही लिया जा सकता है.
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कब तक जमा कर सकते है 15G और 15H फॉर्मसीबीडीटी ने कहा, ‘कोविड-19 वायरस महामारी के कारण बैंकों सहित तमाम सेक्टर्स का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ऐसी हालत में कई लोगों को समय पर फॉर्म 15जी तथा फॉर्म 15एच भरने में परेशानी हो सकती है.अगर ऐसा होता है तो टैक्स की देनदारी न होने के बावजूद उनका टीडीएस कट सकता है. सीबीडीटी ने कहा, ‘इस परेशानी को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया है और अगर कोई व्यक्ति वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बैंकों तथा अन्य वित्तीय संस्थानों में फॉर्म 15जी तथा फॉर्म 15एच जमा करता है तो ये फॉर्म 30 जून, 2020 तक मान्य होंगे.