दिवाली के दिन ही दिल्ली की हवा में भरा ‘ज़हर’, कई इलाकों में वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर

पिछले साल दिल्ली में दिवाली के अगले दिन आठ नवंबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 642 था, जो अति गंभीर आपात श्रेणी में आता है.

नई दिल्ली: दिवाली के दिन आज दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खराब है. पटाखों के धुंए और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने के कारण वायु गुणवत्ता के गंभीर स्तर पर पहुंचने का अनुमान है. दिल्ली में सुबह के समय वातावरण में जहरीली धुंध की चादर छाई रही और सुबह 9 बजे तक समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 313 और दोपहर ढाई बजे 341 दर्ज किया गया.

 

शनिवार को दिल्ली का एक्यूआई 302 था, जो “बहुत खराब” की कैटगरी में आता है. दिल्ली सरकार के वायु गुणवत्ता मॉनिटर के अनुसार, आनंद विहार में पीएम 10 का स्तर 515 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया.

 

वजीरपुर और बवाना में, पीएम 2.5 का स्तर 400 अंक को पार कर गया. राजधानी के 37 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों में से नौ स्टेशनों में सूचकांक “बहुत खराब” कैटगरी या उससे भी ज्यादा दर्ज किया गया. फरीदाबाद में एक्यूआई 318, गाजियाबाद में 397, ग्रेटर नोएडा में 315 और नोएडा में 357 रहा.

पिछले साल शहर में दिवाली के अगले दिन आठ नवंबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 642 था, जो अति गंभीर आपात श्रेणी में आता है. साल 2017 में दिवाली के बाद सूचकांक 367 था.

शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ और 500 से ऊपर को अति गंभीर आपात स्थिति की श्रेणी में रखा जाता है.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता के लिए दिवाली के कारण 15 अक्टूबर से 15 नवंबर का समय बहुत संवेदनशील माना जाता है. इस अवधि में दिवाली में पटाखे जलाने और निकटवर्ती राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं से दिल्ली में वायु गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित होती है.

दिवाली के आसपास दिल्ली की वायु गुणवत्ता के खतरनाक स्तर तक पहुंच जाने के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल पटाखे जलाने पर पाबंदी लगाकर केवल हरित पटाखे बनाने और बेचने की अनुमति दी थी, जिनसे 30 फीसदी कम प्रदूषण फैलता है.


दिल्लीः हवा का रुख बदलने से दिवाली के बाद भी रहेगा प्रदूषण का संकट

दिवाली के समय दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता खराब होने के संकट से इस साल भी निजात मिलने की राह में मौसम का बदलता रुख रोड़े अटका सकता है. दिवाली से पहले हवाओं का रुख बदलने और इनकी गति कम पड़ने के मौसम विभाग के पूर्वानुमान और दिवाली में पटाखों से वायु प्रदूषण बढ़ाने में मददगार बनने वाले संभावित असर ने दिल्ली की चिंता को बढ़ा दिया है.

pollution in delhi after diwali may till 6 november

मौसम विभाग की उत्तर क्षेत्रीय पूर्वानुमान इकाई के प्रमुख डा. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र सहित उत्तर के मैदानी इलाकों में 24 अक्टूबर से हवा के रुख में आयी तब्दीली के चलते अब इस क्षेत्र में उत्तर पश्चिमी हवाओं के बजाय पूर्वी हवा चल रही है. इसकी गति 25 अक्टूबर से लगातार घट रही है.

 

उन्होंने बताया कि रविवार को दिवाली के बाद 30 अक्टूबर तक हवा की संभावित अधिकतम गति 10 किमी प्रति घंटा तक ही रहने का अनुमान है. हवा की यह गति प्रदूषणकारी पार्टिकुलेट तत्वों को बहा ले जाने में सक्षम नहीं होती है.

 

मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि दिवाली पर तमाम प्रयासों के बावजूद थोड़ी बहुत आतिशबाजी से भी होने वाला प्रदूषण हवा की गुणवत्ता के संकट को बढ़ाने की आशंका को देखते हुए मौसम का साथ नहीं मिलना प्रदूषण की चिंता को बढ़ाने वाला साबित हो सकता है.

 

उन्होंने बताया कि बारिश लाने वाली पूर्वी हवाओं का रूख मानसून की वापसी के साथ ही बदल जाता है, लेकिन इसके साथ उत्तर के हिमालयी क्षेत्र से बहने वाली उत्तर पश्चिम हवायें दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सर्द मौसम की वाहक बनती है.

 

मौसम विज्ञान की भाषा में यह पश्चिमी विक्षोभ कहलाता है, जो कि दिवाली के आसपास दिल्ली को प्रदूषण से राहत भी देता है. इसी समय पंजाब हरियाणा में जलने वाली पराली के धुंये को पश्चिमी हवाओं की तेज गति दिल्ली तक असर करती है और प्रदूषणकारी तत्वों को हवा के साथ बहा ले जाने में मददगार होती है.

 

उन्होंने बताया कि इस साल दिवाली से दस दिन पहले ही पश्चिमी विक्षोभ ने दिल्ली को 18 से 20 तारीख तक वायु प्रदूषण को गंभीर होने से रोकने में मदद की. विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद 23 अक्टूबर की रात से एक बार फिर पूर्वी हवा का रुख दिल्ली एनसीआर क्षेत्र की तरफ होने के कारण दिवाली के समय दमघोंटू हवाओं से निपटने में मौसम का साथ मिलने की उम्मीद कम हो गई.

उन्होंने बताया कि तात्कालिक तौर पर यही कहा जा सकता है कि दिवाली के बाद तीन नवंबर तक मौसम से फिलहाल कोई राहत की उम्मीद नहीं है. यह जरूर है कि 31 अक्टूबर के बाद तापमान में गिरावट शुरु होगी और छह नवंबर से हवा की गति बढ़कर 15 से 20 किमी प्रति घंटा तक होने का पूर्वानुमान है.
इस हवा के जरिए दूषित कण दिल्ली से दूर जा सकते हैं. इस तरह से छह नवंबर के बाद ही वायु प्रदूषण से राहत की उम्मीद की जा सकती है.

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