महाराष्ट्र में जोड़तोड़ के लिए बैठकों का दौर जारी, संजय राउत बोले- जीत होती है जब ठान लिया जाता है

सरकार गठन के लिए संभावित गठबंधन के लिए कल एनसीपी और कांग्रेस ने एक ‘न्यूनतम साझा कार्यक्रम’ के तौर तरीकों पर चर्चा करने के लिए बैठक की. आज एक बार फिर दोनों दलों की बैठक होगी. इसके बाद शिवसेना के साथ कांग्रेस की बैठक होगी.

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नई दिल्लीमहाराष्ट्र में छिड़े सियासी घमासान के बीच शिवसेना के तेज तर्रार प्रवक्ता संजय राउत रोज़ाना ट्वीट करके अपने विरोधियों पर तंज कस रहे हैं. संजय राउत ने ट्वीट करके लिखा है कि जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है. इससे पहले उन्होंने कल ट्वीट करके ‘अग्निपथ,अग्निपथ, अग्निपथ’ लिखा था. संजय राउत ने बताया है कि सरकार गठन के लिए शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस से बातचीत कर रही है. राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है.

संजय राउत ने ट्वीट में क्या लिखा है?

संजय राउत ने लिखा है, ‘’अब हारना और डरना मना है. हार हो जाती है जब मान लिया जाता है, जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है.’’

आज क्या होगा?

बता दें कि सरकार गठन के लिए संभावित गठबंधन के लिए कल एनसीपी और कांग्रेस ने एक ‘न्यूनतम साझा कार्यक्रम’ के तौर तरीकों पर चर्चा करने के लिए बैठक की. आज एक बार फिर दोनों दलों की बैठक होगी. इसके बाद शिवसेना के साथ कांग्रेस की बैठक होगी. एनसीपी से अजित पवार, छगन भुजबल, जयंत पाटिल,नवाब मलिक और धनंजय मुंडे और कांग्रेस से अशोक चव्हाण, बालासाहेब थोराट, माणिकराव ठाकरे बैठक में शामिल हैं.

 

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के नेताओं ने राज्य को शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी. कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पार्टी के वरिष्ठ नेता माणिकराव ठाकरे ने एक होटल में ठाकरे से बातचीत की.

 

साथ सरकार बनाने की कोशिश कर रही हैं तीनों पार्टियां

 

बता दें कि सरकार गठन की कोशिशों के तौर पर हिंदुत्व विचारधारा का समर्थन करने वाली शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने की कोशिश कर रही है. पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में उसने इन पार्टियों के खिलाफ चुनाव लड़ा था.

 

शिवसेना ने छोड़ा एनडीए का साथ

 

सत्ता में साझेदारी को लेकर बीजेपी-शिवसेना में मनमुटाव होने के बाद गठबंधन सहयोगी अलग हो गए और शिवसेना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का साथ छोड़ दिया. विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी बीजेपी ने बहुमत नहीं होने का हवाला देते हुए सरकार बनाने का दावा पेश करने से इनकार कर दिया. उसके बाद राज्यपाल ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को दावा पेश करने का न्योता दिया.

 

शिवसेना ने हालांकि राज्यपाल से मिलकर दावा किया कि उसे कांग्रेस और एनसीपी का सैद्धांतिक समर्थन मिल चुका है, लेकिन वह दोनों दलों का समर्थन पत्र पेश करने में नाकाम रही. शिवसेना ने राज्यपाल से ऐसा करने के लिए तीन दिन का वक्त मांगा लेकिन उन्होंने शिवसेना की ये मांग खारिज कर दी. इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) को सरकार बनाने का दावा पेश करने का न्योता दिया. उन्होंने एनसीपी को मंगलवार रात साढ़े आठ बजे तक का समय दिया था. राज्यपाल ने केन्द्र को भेजी अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मंगलवार सुबह एनसीपी ने उन्हें संदेश भेजा कि पार्टी को उचित समर्थन जुटाने के लिए और तीन दिन का वक्त चाहिए.

 

145 के बहुमत के आंकड़े तक कौन पहुंचेगा?

 

गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी लेकिन 145 के बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई. बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली शिवसेना को 56 सीटें मिलीं. वहीं एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की.

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