J-K: महबूबा मुफ्ती के घर गुपकार बैठक, फारूक बोले- BJP के खिलाफ होने का मतलब एंटी नेशनल नहीं
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जो लोग प्रचार कर रहे हैं कि गुपकार घोषणा राष्ट्र विरोधी है, वो गलत हैं. हम भाजपा के विरोधी हैं और इसका मतलब ये नहीं है कि राष्ट्र विरोधी हैं. बीजेपी ने देश और संविधान को नुकसान पहुंचाया है.
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के आवास पर गुपकार घोषणा (पीपुल्स अलायंस फॉर डिक्लेरेशन) की बैठक चल रही है. इस बैठक में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जो लोग प्रचार कर रहे हैं कि गुपकार राष्ट्र विरोधी है, वो गलत हैं. हम भाजपा के विरोधी हैं और इसका मतलब ये नहीं है कि राष्ट्र विरोधी हैं. बीजेपी ने देश और संविधान को नुकसान पहुंचाया है. हम चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर के लोगों का अधिकार वापस किया जाए.
उन्होंने कहा कि धर्म पर हमें विभाजित करने के उनके प्रयास विफल हो जाएंगे. जब हम 370 के पुनरुद्धार की बात करते हैं तो हम जम्मू और लद्दाख में क्षेत्र की क्षेत्रीय स्वायत्तता की भी बात करते हैं. बता दें कि 15 अक्टूबर को फारूक अब्दुल्ला के घर पर बैठक हुई थी. उस दिन फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कुछ दिनों में बैठक करके आगे की रणनीति बनाई जाएगी. उसके बाद अब शनिवार को बैठक हो रही है.
वहीं, सज्जाद लोन ने कहा कि हमने आज के अलहदा ढांचे पर फैसला किया है. फारूक अब्दुल्ला हमारे अध्यक्ष होंगे. हम जल्द ही वास्तविकता पर एक श्वेत पत्र के साथ आएंगे. हम एक शोध दस्तावेज देंगे कि हमारे पास क्या था और वे क्या ले गए हैं. दो हफ्ते में हम अपनी अगली बैठक जम्मू में करेंगे और उसके बाद हमारा सम्मेलन होगा. राज्य का हमारा सबसे पहला झंडा हमारे गठबंधन का प्रतीक होगा.
बता दें कि गुपकार घोषणा (पीपुल्स अलायंस फॉर डिक्लेरेशन) जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ाई लड़ रहा है. इस समूह का गठन 22 अगस्त 2019 को फारूक अब्दुल्ला के गुपकार रोड स्थित आवास पर हुई बैठक में किया गया था. गुपकार समूह ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को असंवैधानिक करार देते हुए इसकी बहाली के लिए संघर्ष करने का ऐलान किया था.
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के एक दिन पहले हुआ था गठन
गुपकार समूह के गठन की नींव जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के एक दिन पहले ही पड़ गई थी, जब फारूक अब्दुल्ला के गुपकार रोड स्थित आवास पर इन्हीं छह दलों की बैठक हुई थी जो समूह के सदस्य हैं. बैठक के बाद साझा बयान जारी किया गया था, जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा, पहचान और संविधान बरकरार रखने को लेकर सभी सदस्य दलों ने सहमति जताई थी.