भारत ने दिखाई ताकत, पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का किया सफल परीक्षण

डीआरडीओ ने बुधवार को आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में फायरिंग रेंज से मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया. यह मिसाइल प्रणाली का तीसरा सफल परीक्षण है, जिसे भारतीय सेना की तीसरी पीढ़ी के एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल की आवश्यकता के लिए विकसित किया जा रहा है.

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नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बुधवार को आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में फायरिंग रेंज से मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया. यह मिसाइल प्रणाली का तीसरा सफल परीक्षण है, जिसे भारतीय सेना की तीसरी पीढ़ी के एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल की आवश्यकता के लिए विकसित किया जा रहा है.

इसको रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है. मैन  पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेंड मिसाइल (MPATGM) का वजह बेहद कम है. इस मिसाइल को मैन पोर्टेबल ट्राइपॉड लॉन्चर से लॉन्च किया गया था. इसने अपने लक्ष्य को बेहद सटीकता और आक्रामकता के साथ भेद दिया.

मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेंड मिसाइल (MPATGM) का यह तीसरी बार सफल परीक्षण किया गया है. केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है. आपको बता दें कि MPATGM का परीक्षण उस समय सामने आया है, जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ा हुआ है.

इससे पहले भारतीय सेना ने राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में तीसरी पीढ़ी के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ‘नाग’ का सफल परीक्षण किया था. नाग मिसाइल को भी डीआरडीओ ने विकसित किया है. अब तीसरी पीढ़ी के गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइल नाग को बनाने का काम इस साल के आखिर में शुरू हो जाएगा. अब तक इसका ट्रायल चल रहा था.

साल 2018 में नाग मिसाइल का विंटर यूजर ट्रायल किया गया था. माना जा रहा है कि भारतीय सेना 8 हजार नाग मिसाइलों को खरीदेगी. हालांकि शुरू में 500 नाग मिसाइलों के लिए आर्डर दिए जाने की संभावना है. भारत में मिसाइल बनाने वाली अकेली सरकारी कंपनी भारत डायनामिक्स लिमिटेड नाग मिसाइल बनाएगी.




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