जानें, जब चीन ने उठाया कश्मीर मुद्दा, तो क्या कहकर जयशंकर ने कराया चुप

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग ली के साथ बीजिंग में मुलाकात की. कश्मीर पर भारत के फैसले से बौखलाए पाकिस्तान ने दुनिया के कई देशों के सामने गुहार लगाई, जिसमें चीन भी शामिल रहा.

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर पर भारत द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसले के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग ली के साथ सोमवार को बीजिंग में मुलाकात की. भारत के फैसले से बौखलाए पाकिस्तान ने दुनिया के कई देशों के सामने गुहार लगाई, जिसमें चीन भी शामिल रहा. दोनों विदेश मंत्रियों के बीच इस मुलाकात में कश्मीर का मसला भी उठा, लेकिन विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन को कुछ ऐसा तर्क दिया कि चीन आगे कुछ नहीं कह पाया.

जब दोनों की मुलाकात में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने और राज्य का पुनर्गठन करने का मामला सामने आया तो विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ने जो फैसला लिया है वह उसके संविधान के तहत है और उससे न तो पाकिस्तान की सीमा पर कोई असर होता है और न ही चीन की.

चीन ने भारत के सामने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि इससे क्षेत्रीय अखंडता पर असर पड़ सकता है.

साझा प्रेस वार्ता में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, ‘बातचीत के दौरान अक्साई चिन का मसला भी उठा, चीन को चिंता थी कि अनुच्छेद 370 की वजह से भारत-चीन की सीमा पर असर पड़ सकता है. लेकिन, उन्होंने साफ किया कि भारत का फैसला अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कुछ असर नहीं डालेगा. इससे सिर्फ भारत के अंदर ही राज्य में असर होगा’.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर पर फैसले के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी चीन पहुंचे थे, लेकिन चीन ने इस मसले पर शांति का रास्ता ही अपनाया. चीन ने अपने बयान में कहा था कि भारत के फैसले के बारे में उन्हें पता है, वह उम्मीद करते हैं कि इससे क्षेत्र में शांति बनी रहेगी.

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