नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पिछले 52 दिनों से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. अब इस प्रदर्शन को किसानों का समर्थन भी मिल गया है. पंजाब के संगरूर से आज दोपहर 12 बजे करीब 800 किसान शाहीन बाग के लिए रवाना होंगे. बताया जा रहा है कि ये लोग अगले चार दिनों तक शाहीन बाग में रहेंगे.
शाहीन बाग और सरिता विहार में बढ़ी सुरक्षा
बता दें कि जामिया नगर इलाके में प्रदर्शन के दौरान पिछले तीन-चार दिनों से फायरिंग की घटनाएं हो रही हैं. वहीं, आठ फरवरी को दिल्ली में विधानसभा चुनावों के लिए वोट भी डाले जाएंगे. इन्हीं कारणों को देखते हुए शाहीन बाग और सरिता विहार में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दिल्ली पुलिस के साथ-साथ यहां एसएसबी और झारखंड आर्म्ड फोर्स मौजूद हैं.
शाहीन बाग प्रदर्शन में बड़ी मात्रा में महिलाएं शामिल हैं, ऐसे में महिला सुरक्षा बल भी यहां पर तैनात है. पुलिस बैरी गेटिंग के पास एक मेटल डिटेक्टर भी लगाया गया है. अंदर जाने वालों और अंदर से आने वालो दोनों की चेकिंग हो रही है.
क्राइम ब्रांच कर रही है फायरिंग की घटनाओं की जांच
यहां यह भी बता दें कि जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर रविवार रात को हुई फायरिंग की घटना की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है. इससे पहले भी जामिया और शाहीन बाग में हुई फायरिंग की घटना की जांच क्राइम ब्रांच ही कर रही थी.
दिल्ली के मौसम में अब ठंड कम होने लगी है लेकिन लेकिन राजधानी के एक हिस्से शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले 52 दिनों से प्रदर्शन जारी है…
चुनाव के बीच सियासी अखाड़ा बना शाहीन बाग
दिल्ली के चुनावी मौसम में शाहीन बाग का प्रदर्शन सियासी अखाड़ा बनने लगा है. बीजेपी शाहीन के प्रदर्शन के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है तो वहीं आप का आरोप है कि केंद्र सरकार चुनाव के लिए जानबूझकर शाहीन बाग का मुद्दा उठा रही है.
कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़कड़डूमा में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि शाहीन बाग विपक्ष की प्रयोगशाला बन गया है. पीएम मोदी ने कहा, ”शाहीन बाग के पीछे राजनीति का एक ऐसा डिजाइन है जो राष्ट्र के सौहार्द को खंडित करने के इरादे रखता है. अगर ये सिर्फ कानून का विरोध होता तो सरकार के तमाम आश्वासन के बाद इसे समाप्त हो जाना चाहिए था लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस राजनीति का खेल खेल रहे हैं.” शाहीन बाग प्रदर्शन को लेकर ये पीएम मोदी का पहला बयान था.