ऐप्स बैन पर चीन की व्यापार युद्ध की धमकी, बोला- होगा काफी नुकसान
चीनी अखबार ने 2017 के डोकलाम विवाद का जिक्र करते हुए लिखा- 'बीते कई सालों के दौरान कभी-कभी चीन-भारत सीमा पर कुछ विवाद हुए हैं. लेकिन व्यापार युद्ध दोनों देशों के लिए असामान्य होगा. 2017 के डोकलाम विवाद के दौरान भी, भारत का आर्थिक नुकसान सीमित रहा था क्योंकि संकट के बाद द्विपक्षीय व्यापार जल्द ही शुरू हो गया था.'
चीन के 59 मोबाइल ऐप्स बैन करने के भारत के फैसले पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण वाले अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि ऐसे कदम के फलस्वरूप भारत को चीन के साथ व्यापार युद्ध को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. अखबार ने लिखा कि चीन का संयम कोई वजह नहीं हो सकती कि भारत चीनी कंपनियों पर कार्रवाई करे.
- चीनी अखबार ने 2017 के डोकलाम विवाद का जिक्र करते हुए लिखा- ‘बीते कई सालों के दौरान कभी-कभी चीन-भारत सीमा पर कुछ विवाद हुए हैं. लेकिन व्यापार युद्ध दोनों देशों के लिए असामान्य होगा. 2017 के डोकलाम विवाद के दौरान भी, भारत का आर्थिक नुकसान सीमित रहा था क्योंकि संकट के बाद द्विपक्षीय व्यापार जल्द ही शुरू हो गया था.’
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि चीनी कंपनियों को ऐप्स बैन होने से नुकसान होगा, लेकिन अगर बड़ी तस्वीर देखें तो यह साफ है कि भारत इस स्थिति में नहीं है कि वह चीन की विशाल इकोनॉमी को नुकसान पहुंचा पाए.
चीनी अखबार ने लिखा कि सीमा पर हुई झड़प के बाद चीन, भारत सरकार के साथ शांति के प्रयास कर रहा था ताकि द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक समझौते को सुरक्षित रखा जा सके. इससे दोनों देशों को लाभ होता है. लेकिन अब ऐसा लगता है कि मोदी सरकार भारतीयों के बीच बढ़ते राष्ट्रवाद को रोकने में नाकाम रही है.
- ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि मोदी सरकार ने देश में बढ़ते राष्ट्रवाद के दबाव की वजह से ऐप्स बैन का फैसला किया. अखबार के मुताबिक, सीमा पर जैसी झड़प हुई, ऐसी घटना दोनों देशों ने पहले नहीं देखी थी. लेकिन भारत सरकार ने चीनी इन्वेस्टर्स के भरोसे को तोड़ा है. अगर भारत सरकार देश की राष्ट्रवादी भावना को इसी तरह बढ़ावा देती रही तो भारत को डोकलाम संकट से भी अधिक नुकसान झेलना होगा. अखबार ने उम्मीद भी जाहिर की है कि सरकार स्थिति को समझते हुए मौजूदा संकट को बढ़ने से रोकने की कोशिश करेगी.