विदेशी शराब बनाने वाली कंपनी पर IT का छापा, 700 करोड़ की अघोषित आय का खुलासा

आयकर विभाग ने बीयर और विदेशी शराब बनाने वाली कंपनी के ठिकानों पर छापा मारा है. इस छापेमारी में आयकर विभाग को 700 करोड़ की अघोषित आय का पता चला है. समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक आयकर विभाग ने तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और गोवा में 6 अगस्त को छापा मारा था.

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नई दिल्ली। आय कर विभाग ने बीयर और विदेशी शराब बनाने वाली कंपनी के ठिकानों पर छापा मारा है. इस छापेमारी में आयकर विभाग को 700 करोड़ की अघोषित आय का पता चला है.

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक आयकर विभाग ने तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और गोवा में 6 अगस्त को छापा मारा था. आयकर विभाग ने इस कंपनी के 55 ठिकानों पर छापेमारी की थी.

अब तक की तफ्तीश के मुताबिक इस कंपनी की 700 करोड़ रुपये की ऐसी आय का पता चला है कि जिसकी सरकार को जानकारी ही नहीं थी. ये कंपनी बीयर और विदेशी शराब बनाती है.

आयकर विभाग ने सर्च ऑपरेशन 6 अगस्त को किया था. मंगलवार को हुए इस सर्च ऑपरेशन में कंपनी के 55 ठिकानों पर छापेमारे हुई थी. इसमें तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और गोवा में कंपनी की संपत्तियों पर सर्च ऑपरेशन किया था. यह संपत्ति कंपनी के प्रमोटर, प्रमुख कर्मचारी की थी. सर्च ऑपरेशन कुछ महीने पहले मिली जानकारी के आधार पर चलाया गया. आयकर विभाग को जानकारी मिली थी कि कंपनी द्वारा आयकर की चोरी की गई है. इसमें कहा गया था कि कंपनी अपनी उत्पादन प्रक्रिया में खर्च बढ़ाकर टैक्स बचा रही है.

सर्च एक्शन के दौरान, आयकर विभाग को कई ऐसे साक्ष्य हाथ लगे हैं जिससे साफ होता है कि कंपनी ने टैक्स बचाने के लिए हेराफेरी की है. सबूतों में सप्लायर से खरीदे गए सामान के बिल हैं और बोतलें हैं, ये सामान बनाने का मुख्य सामान है. वहीं सप्लायर को पूरी पेमेंट करने के लिए चेक और आरटीजीएस के बजाए नकदी का इस्तेमाल भी हो रहा था. सप्लायर को कुछ पैसे आरटीजीएस से मिलते थे तो ज्यादातर पैसे नकद दिए जाते थे. सर्च के दौरान आयकर विभाग को पता चला कि कंपनी की कर योग्य आय 300 करोड़ रुपए है. तलाशी की कार्रवाई के दौरान एक गुप्त सूचना के आधार पर आयकर विभाग के अधिकारियों के कंपनी कर्माचारियों को ट्रैक किया और उन्हें रोककर कार से 4.5 करोड़ रुपए बरामद किए.

आयकर विभाग के अधिकारियों को सर्च ऑपरेशन में कंपनी के 700 करोड़ रुपए अघोषित आय का पता चला है, इसकी जानकारी कंपनी ने आयकर विभाग से शेयर नहीं की थी.

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