पाकिस्तान /नवाज और जरदारी को इमरान की चेतावनी- अब आपको कोई किंग नहीं बचा पाएगा
नवाज शरीफ और आसिफ अली भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं, इमरान ने साफ इशारा किया कि इस बार इन दोनों के मामले में कोई समझौता नहीं होगा मुशर्रफ के राष्ट्रपति रहते भी नवाज शरीफ जेल गए थे, उस वक्त सऊदी किंग ने पूर्व पीएम की मदद की थी
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली को चेतावनी दी है। किसी का नाम लिए बगैर इमरान ने कहा, “इस बार इन दोनों नेताओं पर कानून का शिकंजा कस गया है और अब इन्हें कोई भी (किंग) राजा नहीं बचा पाएगा।” नवाज और आसिफ अली जरदारी दोनों पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं और दोनों ही नेता इस वक्त जेल में हैं।
- साल 2000 में परवेज मुशर्रफ राष्ट्रपति थे। मुशर्रफ नवाज शरीफ सरकार का तख्तापलट करके राष्ट्रपति बने थे। सत्ता हाथ में लेने के बाद परवेज ने नवाज शरीफ को जेल में डाल दिया था। बताया जाता है कि तब नवाज के परिवार ने सऊदी अरब के सुल्तान से अपने अच्छे संबंधों का इस्तेमाल किया। सऊदी किंग के दबाव में नवाज को जेल से निकालकर सऊदी अरब निर्वासित कर दिया गया था और वो कई साल बाद पाकिस्तान लौटे थे। इसके बाद दोबारा प्रधानमंत्री भी बने।
देश को कर्जदार बनाने वालों को रहम की उम्मीद नहीं करनी चाहिए- इमरान
इमरान ने बुधवार शाम एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “ऐसे लोग जिन्होंने मुल्क के साथ धोखा किया और उसे कर्जदार बना दिया, उन्हें किसी रहम की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उनकी जवाबदेही तय की जाएगी। देश को लूटने और उसे गर्त में धकेलने वालों की मदद इस बार कोई राजा या राज परिवार नहीं कर पाएगा। मैं अपने इरादों से डिगने वाला इंसान नहीं हूं।” इमरान ने नवाज और जरदारी का नाम इस बयान में तो नहीं लिया लेकिन इसके पहले मीडिया के सामने उन्होंने इन नेताओं के नाम साफ तौर पर लिए थे।
जनता परेशान, कुछ नेताओं के पास अरबों रु. की संपत्ति
इमरान ने पिछले सप्ताह कहा था कि नवाज और जरदारी के पास पाकिस्तान में ही अरबों रुपए की जायदाद है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की वजह से एक दशक में देश पर 30 हजार बिलियन डॉलर का कर्ज हो गया। इमरान ने कहा था, “मुल्क पर 30 हजार बिलियन डॉलर का कर्ज है। जनता परेशान है और हमारे कुछ नेता अरबों रूपए की प्रॉपर्टी मुल्क और मुल्क के बाहर जमा किए हुए हैं। अब इनका हिसाब करना बहुत जरूरी हो गया है। लोकतंत्र में नेताओं की जवाबदेही तय होनी ही चाहिए। और ये तो अब नया पाकिस्तान है। ये लोग मुल्क से बाहर नहीं जा सकते।”