बठिंडा. पंजाब होटल एसोसिएशन ने कोरोना काल में हुए लाकडाउन व विभिन्न पाबंदियों के कारण होटल इंडस्ट्री के बर्बाद होने का अंदेशा जताया है। इसमें प्रदेश प्रधान सतीश अरोड़ा ने कहा कि वह सरकार से पिछले तीन माह से राहत देने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इस बारे में आज तक कोई भी सार्थक कदम नहीं उठाया है। वह सरकार से किसी तरह से बड़े पैकेज की मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि उन्होंने इंडस्ट्री के बिजली बिलों को माफ करने, हाउस व प्रापर्टी टैक्स माफ करने व एक्साइज लाइसेंस फीस में छूट देने की मांग की है। सरकार से कहा है कि वह उक्त टैक्सों में इंडस्ट्री को कुछ समय की छूट प्रदान कर दे तो उनके लिए राहत होगी क्योंकि कोरोना वायरस के कारण लगी पाबंदियों के कारण उनकी इंडस्ट्री पूरी तरह से वेंटीलेंटर पर पहुंच चुकी है व उनके पास हर माह लाखों के खर्चे है लेकिन आय के कोई भी साधन नहीं है।
होटल फरवरी से लेकर अगस्त तक पूरी तरह से खाली पड़े हैं। वर्तमान में कमाई न होने के बावजूद उन्हें लाखों रुपए के टैक्स भरने के लिए कहा जा रहा है जो उनके लिए संभव नहीं है। होटल व्यवसाय से जुड़े व्यापारी सिर्फ इसी धंधे से जुड़े हैं। होटल एसोसिएशन कई बार सरकार के प्रतिनिधियों के पास इस बाबत राहत की मांग कर चुके हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। बल्कि सरकार बिजली निगम के मार्फत उनके होटलों व रेस्टोरेंट के जबरदस्ती कनेक्शन काटकर बर्बाद करने पर तुली है। वही निगम व दूसरी एजेंसियां उनके होटलों को सील करने की धमकियां दे रही है। इस स्थिति में उनके पास एकमात्र रास्ता करों व मरो का बचा है। इसमें अगर उनके होटलों के खिलाफ किसी तरह की कारर्वाई बिजली निगम, नगर निगम व दूसरी एजेंसियों की तरफ से तत्काल बंद नहीं की जाती है तो वह सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए मजबूर होंगे। सतीश अरोड़ा ने कहा कि एक तरफ देश के प्रधानमंत्री पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं वही देश की इक्नामी को नंबर वन लेकर जाने की बात कर रहे हैं वही होटल रेस्टोरेंट व पर्यटन से जुड़े उद्योगों के मामले में चुप्पी साधकर बैठे हैं। उन्होंना कहा कि वर्तमान में होस्पिटली सेंक्टर को फ्रैडली पालसी की जरूरत है जो राज्य व केंद्र सरकार के बिना संभव नहीं है। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार से इस गंभीर मसले में होटल इंडस्ट्री को तत्काल राहत देने की मांग की है वही चेतावनी दी है कि सरकार ने इस बाबत कोई फैसला जल्द नहीं लिया तो इस व्यवसाय से जुड़े लाखों लोग सरकार के खिलाफ सड़कों में उतरेंगे।
फोटो-बीटीडी-1-सतीश अरोड़ा