बठिंडा. शिरोमणि अकाली दल के प्रधान व सांसद सुखबीर सिंह बादल ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने समय रहते तीनों खेती बिलों को वापिस नहीं लिया तो आने वाले तीन माह में पंजाब में तूफान आ जाएगा। किसानों का यह तूफान ऐसा होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को या तो कुर्सी छोड़नी पड़ेगी या फिर तीनों बिलों को रद्द करना होगा। इसलिए अभी भी समय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय रहते इन बिलों को वापिस ले। उन्होंने कहा कि किसान ही नहीं बल्कि देश के लोग भी चाहते हैं कि सरकार इन बिलों को वापिस ले।
कृर्षि बिलों पर बोलते सुखबीर बादल ने कहा कि केंद्र सरकार में सिर्फ मोदी की चलती है। मोदी जिद्दी प्रधानमंत्री है जो सोचते हैं कि उन्होंने जो कह कर दिया या फिर कर दिया उसे वह किसी भी हालत में वापिस नहीं लेंगे। इससे पहले नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी का फैसला गलत था जिसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ा। अब यही रुख खेती बिलों को लेकर अपनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री के सभी काम व ड्राफ्ट अफसर बनाते हैं व खेती व किसानी को लेकर अफसरों को कोई अनुभव व जानकारी नहीं है। यही कारण है कि इस बिल का पंजाब में ही नहीं बल्कि पूरे देश में विरोध होने लगा है। उन्होंने कहा कि अकाली दल 100 साल पुरानी पार्टी है व 35 साल तक भाजपा के साथ रही लेकिन इसके बावजूद भाजपा व उनके नेताओं ने खेती बिलों पर उनके साथ धोखा किया व उनके विरोध के बावजूद एमएसपी पर हमारे एतराज को नजरअंदाज किया गया। बिल लाने से पहले केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें आश्वस्त किया था कि किसानों को बिल में जिन बातों को लेकर दिक्कत है उसे हमे बताया जाए। हम इसमे सभी एतराज दूर करने के बाद ही बिल को लोकसभा व राज्य सभा में पारित करवाएंगे लेकिन सरकार ने बिल लाने से पहले सभी बातों को नजरअंदाज किया। हमने बिल को सलेक्शन कमेटी में देने व बिल को अगले सत्र तक रोकने की बात भी कही लेकिन इसमें जब मोदी सरकार ने कोई बात नहीं मानी तो उन्होंने मंत्रींमंडल से बाहर जाने व भाजपा से गठजोड़ तोड़ने का फैसला लिया। उन्होंने बिल को लेकर वर्तमान में सरकार के रुख पर कहा कि मोदी सोच रहे हैं कि किसान थक जाएंगे व आंदोलन कमजोर हो जाएगा लेकिन यह उनकी गलत फहमी है। सरकार मामले में जितनी देरी करेगी आंदोलन उतना मजबूत होगा व सरकार को सत्ता से बाहर कर देगा।
सुखबीर बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल किसानों के आंदोलन का दिल से समर्थन कर रही है। किसानों को हर तरह की सुविधा दी जा रही है व हजारों वर्कर आंदोलन में पहुंचे हैं। तलवंडी साबों से ट्रांसपोर्ट की बसे किसानों को आंदोलन वाले बार्डर तक लेकर जाने व लेकर आने की सेवा कर रही है। यह सेवा आगे भी जारी रहेगी। आंदोलन में सीधे तौर पर हिस्सा नहीं लेने के सवाल के जबाव में सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उन्होंने तख्त श्री दमदमा साहिब व अमृतसर साहिब से मार्च निकाला था व इसमें हजारों की तादाद में किसान व आम लोग शामिल हुए। इस दौरान किसान संगठन चाहते थे कि आंदोलन को किसानों के हाथों में ही रहने दिया जाए इसके बाद अकाली दल ने प्रत्यक्ष तौर पर आंदोलन नहीं चलाया। वर्तमान में राजनीतिक दखलअंदाजी नहीं होने के चलते ही आंदोलन मजबूत हुआ है। राज्य में विभिन्न स्थानों में मोबाइल टावरों से तोड़फोड करने के मामले में सुखबीर बादल ने कहा कि किसान शांतिपूर्वक आंदोलन करे व इस तरह की कारगुजारी से परहेज करे, शांति से आंदोलन चलाने के कारण ही उनकी ताकत बनी है व इस ताकत को उन्हें बरकरार रखना चाहिए।