पंजाब में कोरोना से हालात गंभीर / कार्यक्रमों में भीड़ घटाने पर फैसला आज, तुली लैब मामले में एसआईटी करेगी जांच

सीएम बोले- लोग नहीं सुधरे तो सख्ती बच्चे स्कूल ही नहीं गए तो फीस किस बात की- सीएम

चंडीगढ़. पंजाब में कोरोना से गंभीर होते हालात के चलते विभिन्न समारोहों में भीड़ घटाने को सरकार सोमवार को अहम फैसला ले सकती है। सोशल मीडिया पर लाइव सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा लोगों को ऑफिस में काम के दौरान मास्क पहनना जरूरी होगा। अगर लोग नहीं सुधरे लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सूबे में कोरोना से होने वाली मौतों का ऑडिट किया जा रहा है ताकि डॉक्टर कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए केंद्रित रणनीति बना सकें।

तुली लैब स्कैम मामले पर कहा कि इसकी जांच में तेजी के लिए 3 मेंबरी एसआईटी बनाई गई है, जिसके मुखिया अमृतसर पुलिस कमिश्नर होंगे। वहीं, निजी स्कूलों के फीस मांगने पर सीएम ने कहा कि जब बच्चे स्कूल गए ही नहीं और पढ़ाई की ही नहीं तो पैसे किस बात के। उन्होंने श्री दरबार साहिब में मार्कफेड का देशी घी इस्तेमाल करने की अपील की। सीएम ने सुखदेव सिंह ढींढसा द्वारा पार्टी बनाने पर कहा कि अकाली पार्टी में क्या घटता है ‘इससे हमारा कोई संबंध नहीं है।

205 मौतें : पहली 100 मौतें 93 दिन में, दूसरी सिर्फ 22 दिन में

पंजाब में 6 नई मौतों के बाद आंकड़ा अब 205 हो गया है। वहीं, 221 नए केस आने के बाद संक्रमितों की संख्या भी 8015 हो गई है। मौतों का आंकड़ा इसलिए चौकाने वाला है क्योंकि पहली 100 मौतें 93 दिन में हुई थीं जबकि अगली 100 सिर्फ 22 दिन में हुई हैं। पहली मौत 20 मार्च को नवांशहर में हुई थी। इसके 93 दिन बाद यानी 20 जून को मौतों की संख्या 102 थी। 21 जून के बाद हर दिन औसतन 4 से 5 मरीजों की मौत हुई है।

जुलाई के 12 दिनों में ही 2309 संक्रमित व 56 मौतें हो चुकी हैं। रविवार को जालंधर में कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री एमएस केपी, पटियाला में सीनियर डिप्टी मेयर और नायब तहसीलदार भी संक्रमित पाया गया। रविवार को अमृतसर में 2, संगरूर, पठानकोट और जालंधर में एक-एक व्यक्ति की काेरोना से मौत हुई। सूबे में 2323 मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें 59 मरीज ऑक्सीजन स्पोर्ट और 9 वेटिंलेटर पर हैं।


वही सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के सोशल मीडिया पर लोगों के सवालों के जवाबों में एक ऐसा सवाल भी आया जिसे पढ़ने के बाद सीएम की आर्मी के दिनों की यादें ताजा हो गई। सीएम ने इस दौरान आर्मी को लेकर काफी बातें कीं। दरअसल, पटियाला से एक युवक ने सवाल भेजा था कि जिस समय कैप्टन आर्मी में भर्ती हुए थे।

उस समय उनके दादा कैप्टन की यूनिट के इंस्ट्रक्टर थे। इसके अलावा दादा सूबे के सीएम को काफी याद करते हैं। यह सुनने के बाद सीएम काफी खुश हुए और बोले की मैं गाड़ी भेज दूंगा। दादा जी की उम्र काफी होगी। दादा को मिलने जरूर भेजना। कैप्टन ने कहा कि अब तो उनकी यूनिट भी चंडीमंदिर वेस्टर्न कमांड में है।

सर पटवारी बनना चाहता हूं…लगवा दो न

सर मेरी पटवारी बनने की बड़ी इच्छा है लेकिन मैं परीक्षा पास नहीं कर पाया। यह सवाल सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से उनके सोशल मीडिया पर लाइव कार्यक्रम के दौरान एक युवक ने पूछा। इस पर सीएम ने मुस्कराते हुए कहा कि बेटा चिंता ना करो आपको हम पटवारी बना कर ही छोडेंगे। लेकिन बस आप एक बार परीक्षा को पास कर लो।

कांट्रेक्ट कर्मचारियों को किया जाएगा पक्का

सीएम से कांट्रेक्ट कर्मचारियों को पक्का करने के वायदे को पूरा करने को लेकर एक सवाल पूछा गया। जवाब में सीएम ने कहा कि कानूनी पेचीदगियों हैं। सरकार नहीं चाहती है कि पिछले रास्ते से कांट्रेक्ट कर्मचारियों को पक्का किया जाए और बाद में मामला अदालत जाए और कर्मचारी परेशान हों। इसलिए सरकार इनको रेग्युलर करने का इंतजाम कर रही है।

मां से मिलने आना चाहता हूं

विदेश में बसे एक पंजाबी ने सीएम से सवाल पूछा कि वह अपनी मां से मिलने के लिए पंजाब आना चाहता है। लेकिन वह यह जानना चाहता है कि पंजाब आने के बाद उसे एकांतवास में अस्पताल में रखा जाएगा या घर पर। इस पर सीएम ने स्पष्ट करते हुए कहा कि पहले 7 दिन उन्हें सरकारी या निजी अस्पताल में एकांतवास में रहना होगा। अगर वह चाहे तो होटल में एकांतवास में रह सकते हैं। अगर वह चाहे तो अपने घर के आसपास के किसी होटल में एकांतवास में रह सकते हैं। लेकिन फिलहाल के हालात और कानून यही कहता है कि आपको  आस्पताल में ही क्वारेंटाइन में ही रहना होगा।

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