मानव संसाधन मंत्री निशंक का दावा- चरक ऋषि ने की थी परमाणु की खोज
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दावा किया है कि परमाणु और अणु की खोज चरक ऋषि ने की थी.
मुंबई। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दावा किया है कि परमाणु और अणु की खोज चरक ऋषि ने की थी. साथ ही उन्होंने कहा कि नासा (NASA) कह रहा है कि अगर निकट भविष्य में चलता-फिरता कंप्यूटर मुमकिन हो पाया तो यह संस्कृत के कारण ही संभव होगा. नासा ऐसा इसलिए कह रहा है क्योंकि यह एक वैज्ञानिक भाषा है जिसमें शब्दों को ठीक उसी तरह लिखा जाता है जिस तरह से वे बोले जाते हैं.
असल में, आईआईटी-बॉम्बे के 57वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए पोखरियाल ने यह दावा किया. उन्होंने कहा कि परमाणु और अणु की खोज चरक ऋषि ने की थी. मंत्री ने कहा कि परमाणुओं और अणुओं पर शोध किसने किया? जिसने परमाणुओं और अणुओं पर शोध किया, उसकी खोज चरक ऋषि ने की थी.
Union Human Resource Development Minister, Ramesh Pokhriyal 'Nishank': Who did research on atoms & molecules? The one who researched on atoms and molecules, discovered them, was Charak Rishi. (10.8.19) https://t.co/d0yMBLnVwz
— ANI (@ANI) August 10, 2019
अनुसंधान पर जीडीपी का 0.7 फीसदी खर्च
बता दें कि भारत में अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) पर खर्च पिछले एक दशक में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.7 फीसदी रहा. यह जानकारी 22 जुलाई को लोकसभा में दी गई थी. इजरायल, चीन और ब्राजील के मुकाबले यह खर्च काफी कम है जहां आरएंडडी पर खर्च जीडीपी का क्रमश: 4.3 फीसदी, दो फीसदी और 1.2 फीसदी रहा है.
मानव संसाधन विकास पोखरियाल ने लिखित जवाब में बताया था कि आरएंडडी में निवेश कम होने का एक कारण निजी क्षेत्र द्वारा कम निवेश करना है. उन्होंने कहा, “आरएंडडी में निवेश कम होने का एक कारण इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र का निवेश कम होना है. प्रौद्योगिकी के मामले में उन्नत देशों में निजी क्षेत्र में निवेश का हिस्सा 65-75 फीसदी होता है जबकि भारत में महज 30 फीसदी है.”
उन्होंने कहा कि पिछले दशक में हालांकि आरएंडडी में देश का निवेश बढ़कर तीन गुना हो गया है फिर भी यह जीडीपी का 0.7 फीसदी ही रहा है. पोखरियाल ने कहा, “विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रबंधन सूचना प्रणाली (एनएसटीएमआईएस) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2004-05 से लेकर 2014-15 के दौरान आरएंडडी खर्च में तीन गुना इजाफा हुआ है.”