अमित शाह को थमाई गई एअर इंडिया के विनिवेश की कमान, पैनल से गडकरी बाहर
सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों का यह समूह एयर इंडिया में विनिवेश का काम करेगा. नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बने इस पैनल से समूह से सबसे ताकतवर मंत्रियों में से एक नितिन गडकरी को बाहर कर दिया गया.
नई दिल्ली। एयर इंडिया में विनिवेश पर मंत्रियों के समूह का दोबारा गठन किया गया है. इस ग्रुप का नेतृत्व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे. इस पैनल से केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को बाहर कर दिया गया है. यह पैनल एयर इंडिया की बिक्री के तौर-तरीकों पर काम करेगा. इस पैनल में अब चार मंत्री- गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रेलवे मंत्री पीयूष गोयल और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल रहेंगे.
सूत्रों के मुताबिक अब नए विनिवेश मॉडल पर एयर इंडिया के लिए नए मंत्री काम करेंगे. मिली जानकारी के मुताबिक इस पैनल का नाम इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मेकेनिज्म रखा जाएगा, पहले इसे जून 2017 में गठित किया गया था. तब इस पैनल में 5 लोग शामिल थे, जिनका नेतृत्व तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली कर रहे थे.
अन्य चार सदस्यों में से नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू, रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु, कोयला मंत्री पीयूष गोयल और सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का नाम शामिल था.
सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों का यह समूह एयर इंडिया में विनिवेश लाने की दिशा में काम करेगा. नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बने इस पैनल से समूह के सबसे ताकतवर मंत्रियों में से एक नितिन गडकरी को बाहर कर दिया गया.
आर्थिक संकट से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया में विनिवेश के लिए सरकार व्यापक तौर से तैयारी कर रही है. इसके लिए सरकार विनिवेश प्रक्रिया जल्द शुरू करेगी.
28 जून 2017 को एक बैठक में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने सैद्धांतिक रूप से एयर इंडिया और इसकी पांच सहायक कंपनियों के रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी थी.
इसके लिए कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स(CCEA) के जरिए एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (AISAM) का गठन किया गया था. वहीं अब AISAM ने विनिवेश की प्रक्रिया को आगे बढ़ाए जाने की सिफारिश की है.
सरकार से जारी समर्थन के परिणामस्वरूप एयर इंडिया के वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन में सुधार हुआ. AISAM की सिफारिशों के मुताबिक, सरकार अब कंपनी के विनिवेश की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी.