नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने पर जोर दिया है। वे शनिवार को केंद्रीय सूचना आयोग के 14वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में शामिल हुए। इस दौरान शाह ने कहा कि केंद्र सरकार सभी सूचनाएं सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि लोगों को आरटीआई के जरिए जानकारी मंगाने की जरूरत न पड़े और लोग कम संख्या में आवेदन करें।
शाह ने कहा कि सभी देश आरटीआई कानून बनाने के बाद शांत हो गए। उन्हें लगता है कि इसके बाद उन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है, लेकिन हमारी सरकार ऐसा नहीं सोचती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा प्रशासन देना चाहते हैं जिसमें आरटीआई का इस्तेमाल कम से कम हो। किसी को भी आरटीआई के तहत आवेदन करने की आवश्यकता न पड़े। हम सभी तरह की जानकारी पब्लिक डोमेन में रखना चाहते हैं।
‘जवाबदेही और पारदर्शिता के लिए आरटीआई जरूरी’
उन्होंने कहा कि 2005 में जब आरटीआई कानून अस्तित्व में आया था, तब लोगों और प्रशासन के बीच खाई को पाटने की कोशिश की गई। सरकार की कार्यप्रणाली में जवाबदेही और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए आरटीआई एक्ट आवश्यक है।