तालिबानी हुकूमत LIVE:तालिबान 9/11 के हमले की बरसी पर कर सकता है नई सरकार का ऐलान; अमेरिका ने कहा- नहीं देंगे मान्यता
तालिबान ने अपनी सरकार गठन के कार्यक्रम में चीन और पाकिस्तान को न्यौता दिया है। तालिबान के राजनीतिक दफ्तर के उप-प्रमुख अब्दुल सलाम हनफी ने सोमवार को काबुल में चीन के राजदूत से भी मुलाकात की है।
अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि तालिबान 11 सितंबर यानी 9/11 के आतंकी हमले की बरसी के दिन नई सरकार का ऐलान कर सकता है। इस बीच अमेरिका ने तालिबानी सरकार को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि तालिबान को मान्यता देना दूर की कौड़ी है।
आतंकी हसन अखुंद बन सकता है तालिबान सरकार का प्रधानमंत्री
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को तालिबानी सरकार का प्रमुख बनाया जा सकता है। बता दें अखुंद संयुक्त राष्ट्र की आतंकियों की लिस्ट में शामिल है। हसन अखुंद अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार में मंत्री भी रह चुका है। वह तालिबान के बड़े फैसले लेने वाली रहबरी शूरा का प्रमुख है और तालिबान के गढ़ कंधार से ताल्लुक रखता है।
अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार की कमान को तालिबान के दोहा गुट, कंधार गुट और आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के बीच विवाद की खबरें थीं। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की मदद से तालिबान के ऐसे सदस्य को सरकार की कमान सौंपी जा सकती है, जो ज्यादा बड़ा नाम नहीं हो। ये नेता मुल्ला हसन अखुंद हो सकता है।
Sep 7—#Kabul, #Afghanistan
Taliban members seen attacking protesters in the Afghan capital.pic.twitter.com/GXZ4eRiKLk— Heshmat Alavi (@HeshmatAlavi) September 7, 2021
ऐसी अटकलें हैं कि पिछले दिनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद के काबुल दौरे के दौरान मुल्ला हसन अखुंद के नाम पर सहमति बन गई थी। बताया जा रहा है कि मुल्ला बरादर और मुल्ला याकूब को हसन अखुंद के डिप्टी की जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के सिराज हक्कानी को भी कोई बड़ा मंत्रालय दिया जा सकता है। माना जा रहा है कि तालिबानी सरकार का ऐलान बुधवार को किया जा सकता है।
Sep 7—#Kabul, #Afghanistan
Outside Pakistan Embassy
Hundreds of courageous men and women chanting against Pakistan's interference in their country and saying long live Afghanistan!pic.twitter.com/6fbbbio8Cm— Heshmat Alavi (@HeshmatAlavi) September 7, 2021
काबुल में लगे पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे
अफगानिस्तान में पाकिस्तान के दखल के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट रहा है। काबुल में महिलाओं ने बीती रात पाकिस्तान के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। इसे तालिबान के जुल्मों और पाकिस्तान की घुसपैठ के खिलाफ प्रदर्शन बताया जा रहा है। वैसे तो अफगानिस्तान के अलग-अलग शहरों में महिलाएं पिछले कई दिनों से अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन काबुल में पहली बार रात में प्रदर्शन हुए हैं।
बता दें तालिबान ने पंजशीर की जंग जीतकर पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा होने का दावा किया है। बताया जा रहा है कि तालिबान ने पाकिस्तान की मदद से ये लड़ाई जीती है। रेजिस्टेंस फोर्स की अगुवाई कर रहे अहमद मसूद ने भी कहा है कि पाकिस्तान वायुसेना लगातार हमले कर रही है, ताकि तालिबान आगे बढ़ सके। अब हमारी असली लड़ाई पाकिस्तान से है, क्योंकि पाक सेना और ISI तालिबानियों का जंग में नेतृत्व कर रही है।
Night-time protests are taking place in Kabul. Afghan women have had it enough and they're bravely challenging Taliban and Pakistan. "Down with Pakistan" chants are heard in these protests.
This is the cry of a nation against oppression of Taliban and invasion of Pakistan pic.twitter.com/JJrxIYmHCA
— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) September 6, 2021
पंजशीर में पाकिस्तान के दखल की जांच कर रहा ईरान
ईरान ने पंजशीर में तालिबानी हमले की निंदा की है। साथ ही कहा है कि तालिबान के हमलों में पाकिस्तान की भूमिका की जांच कर रहा है। ईरान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अफगानिस्तान की समस्या का समाधान अफगानिस्तान के अंदर ही बातचीत से होना चाहिए। साथ ही चेतावनी दी है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक सभी सीमाओं का पालन किया जाना चाहिए।
तालिबान ने अहमद मसूद के मीडिया कवरेज पर रोक लगाई
तालिबान ने रेजिस्टेंस फोर्स के नेता अहमद मसूद के मीडिया कवरेज पर रोक लगा दी है। तालिबान ने मीडिया को यह फरमान अहमद मसूद के उस वीडियो मैसेज के बाद सुनाया है, जिसमें मसूद ने पंजशीर के साथ ही पूरे अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ जंग छेड़ने की अपील की है।
बता दें मसूद ने सोमवार को मीडिया को भेजे गए एक ऑडियो मैसेज में अफगानी लोगों से कहा, ‘आप देश के अंदर हों या बाहर, मैं आप लोगों से अफगानिस्तान की गरिमा, स्वतंत्रता और समृद्धि के लिए राष्ट्रीय विद्रोह शुरू करने का आह्वान करता हूं।’
पंजशीर में तालिबानी ठिकानों पर हमले की खबर
तालिबान भले ही पंजशीर को जीतने का दावा कर रहा हो, लेकिन वहां जंग जारी रहने की खबरें हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजशीर में कुछ सैन्य विमानों ने तालिबानी ठिकानों पर हमला किया है। यह साफ नहीं हो पाया है कि ये विमान किस देश के हैं। इससे पहले सोमवार को तालिबान ने कहा था कि उसने पंजशीर भी जीत लिया है और अब पूरा अफगानिस्तान उसके कब्जे में हैं। दूसरी तरफ रेजिस्टेंस फोर्स ने भी हार नहीं मानी है।
नॉर्दर्न अलायंस के चीफ मसूद के काजिकिस्तान भागने की खबर
पंजशीर में तालिबान के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व करने वाले नॉर्दर्न अलायंस के चीफ अहमद मसूद के काजिकिस्तान भागने की खबरें हैं। तालिबान समर्थकों के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है। इधर, पंजशीर समर्थकों ने मसूद के घाटी में ही होने की बात कही है। उनका दावा है कि मसूद आखिरी दम तक पंजशीर में ही रहेंगे। वे दुश्मनों को पीठ दिखाने वालों में से नहीं हैं।
रूस ने कहा- अफगानिस्तान की जमीन से रूस और भारत में आतंकवाद फैलने का खतरा
भारत में रूस के राजदूत निकोलाय कुदाशेव ने कहा है कि अफगानिस्तान को लेकर भारत और रूस की एक जैसी चिंताएं हैं और दोनों देश लगातार संपर्क में हैं। रूस के इलाकों और कश्मीर में अफगानिस्तान की जमीन से आतंकवाद फैलाए जाने का खतरा है। साथ ही कहा कि तालिबानी सरकार को मान्यता देने से पहले रूस उसकी गतिविधियों को देखेगा।
रूस चाहता है कि अफगानिस्तान में ऐसी सरकार बने जिसमें सभी का प्रतिनिधित्व हो और जो सुरक्षा और स्थिरता ला सके। रूस के राजदूत ने ये भी कहा कि अफगानी जमीन का इस्तेमाल दूसरे देशों के खिलाफ नहीं होना चाहिए।
ISI चीफ के अफगानिस्तान दौरे पर तालिबान ने दी सफाई
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद के अफगानिस्तान दौरे पर तालिबान ने सफाई दी है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने सोमवार को जोर देकर कहा कि पाकिस्तान समेत किसी भी देश को अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल करने की अनुमति नहीं देंगे।
बता दें कि ISI चीफ फैज हामिद पिछले हफ्ते अघोषित दौरे पर अचानक काबुल पहुंच गए थे। तालिबान के नेताओं के साथ चाय पीते हुए उनकी एक तस्वीर भी सामने आई थी। इसके बाद कई देशों ने अफगानिस्तान में नई सरकार के आंतरिक मामलों में पाकिस्तान के दखल को लेकर सवाल उठाए थे।
बल्ख प्रांत में महिलाओं ने फिर किया प्रदर्शन
तालिबानी सरकार में अपने प्रतिनिधित्व और अधिकारों की मांग को लेकर अफगानिस्तान में महिलाओं का प्रदर्शन जारी है। बल्ख प्रांत में सोमवार को महिला संगठनों ने एक बार फिर प्रदर्शन किए हैं। इस दौरान तालिबानी भी मौजूद थे। स्थानीय मीडिया का दावा है कि तालिबानियों ने कार्यक्रम को कवर करने पहुंचे पत्रकारों को रोका और उनसे वहां से लौटने को कहा। पत्रकारों ने अपने आईकार्ड भी उन्हें दिखाए, लेकिन उन्हें धमकी देकर वहां से भगा दिया गया।