भारत से बातचीत पर पाकिस्तान का जवाब :इमरान बोले- कितने दिनों से इंतजार है कि हम सभ्य पड़ोसी बनकर रहें, पर करें क्या, संघ की आइडियोलॉजी रास्ते में आ गई

इमरान खान ने इसी साल जून में कहा था कि अगर भारत कश्मीर में पुरानी स्थिति बहाल करने का रोडमैप बनाता है तो हम उसके साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि भारत पाकिस्तान को बताए कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को वापस लेने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। कश्मीर का स्पेशल स्टेटस खत्म करना इंटरनेशनल लॉ और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नियमों का उल्लंघन है।

0 999,066

ताशकंद. भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता को लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने चौंकाने वाला बयान दिया है। उज्बेकिस्तान में चल रही सेंट्रल साउथ एशिया कॉन्फ्रेंस में पहुंचे इमरान से सवाल किया गया कि क्या आतंकवाद और बातचीत एकसाथ चल सकते हैं। न्यूज एजेंसी ANI ने कहा कि ये भारत का उनसे सवाल है।

इस सवाल पर इमरान खान ने कहा, “भारत का तो हम कितने दिनों से इंतजार कर रहे हैं कि हम सिविलाइज्ड हमसाया (सभ्य पड़ोसी) बनकर रहें। पर करें क्या, RSS की आडियोलॉजी रास्ते में आ गई।’

इसके बाद उनसे सवाल पूछा गया कि आप पर आरोप लगा रहे हैं कि क्या तालिबान पर आपका कंट्रोल नहीं है, लेकिन इमरान ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया गया। इमरान के अंगरक्षकों ने सवाल पूछने वाले रिपोर्टर को रोक दिया।

इसी साल कहा था- कश्मीर में पुरानी स्थिति बहाल हो तो बातचीत को राजी
इमरान खान ने इसी साल जून में कहा था कि अगर भारत कश्मीर में पुरानी स्थिति बहाल करने का रोडमैप बनाता है तो हम उसके साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि भारत पाकिस्तान को बताए कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को वापस लेने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। कश्मीर का स्पेशल स्टेटस खत्म करना इंटरनेशनल लॉ और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नियमों का उल्लंघन है।

PM के साथ कश्मीरी नेताओं की बातचीत में भी उठा था मसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जून को कश्मीरी नेताओं के साथ मीटिंग की थी। इसमें कश्मीर में दोबारा चुनाव कराए जाने और परिसीमन के मुद्दे पर बातचीत हुई थी। मोदी ने कहा था कि वो दिल्ली और कश्मीरियों के दिलों की दूरियां कम करना चाहते हैं। बैठक में शामिल PDP चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि जिस तरह भारत चीन के साथ बातचीत कर रहा है, उसी तरह उसे पाकिस्तान के साथ भी बातचीत दोबारा शुरू करनी चाहिए।

Leave A Reply

Your email address will not be published.