यूक्रेन से भारतीयों की एयर लिफ्टिंग:आज रात 256 भारतीय छात्र लौटेंगे, 25-27 फरवरी और 6 मार्च को 3 और फ्लाइट्स रवाना होंगी

फ्लाइट आज रात 10.15 बजे देश लौट आएगी। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक एयर इंडिया की फ्लाइट ड्रीमलाइनर B-787 यूक्रेन भेजी गई है और इसकी क्षमता 200 यात्रियों की है। इसके अलावा चार अन्य उड़ानें ऑपरेट की जाएंगी। भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा, कीव से दिल्ली के लिए चार उड़ानें 25 फरवरी, 27 फरवरी और 6 मार्च, 2022 को ऑपरेट होंगी।

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रूस ने यूक्रेन के दो प्रांतों को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया है, जिसके बाद तनाव बढ़ गया है। यूक्रेन और उसके सीमावर्ती इलाकों में 20 हजार से ज्यादा भारतीय रहते हैं, जिन्हें वापस लाने सरकार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में मंगलवार सुबह एयर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट यूक्रेन रवाना की गई है। यूक्रेन के खार्किव से 256 भारतीय छात्र देश लौटेंगे।

फ्लाइट आज रात 10.15 बजे देश लौट आएगी। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक एयर इंडिया की फ्लाइट ड्रीमलाइनर B-787 यूक्रेन भेजी गई है और इसकी क्षमता 200 यात्रियों की है। इसके अलावा चार अन्य उड़ानें ऑपरेट की जाएंगी। भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा, कीव से दिल्ली के लिए चार उड़ानें 25 फरवरी, 27 फरवरी और 6 मार्च, 2022 को ऑपरेट होंगी।

रूस ने यूक्रेन के दो प्रांतों को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया है। रूस के इस कदम पर भारत ने चिंता जाहिर की है। यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में भारत के रिप्रेजेंटेटिव टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन और उसके सीमावर्ती इलाकों में 20 हजार से ज्यादा भारतीय रहते हैं, इनमें स्टूडेंट भी शामिल हैं। तिरुमूर्ति ने कहा कि इन भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है।

भारत ने की दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील
रूस और यूक्रेन तनाव पर UN में भारत का स्टैंड टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, “यूक्रेन और रूस के बीच सीमा पर तनाव गहरी चिंता का विषय है। इस इलाके में रूस का कदम शांति और सुरक्षा को कमजोर करेगा। हम दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील करते हैं। हम मानते हैं कि यह मुद्दा केवल और केवल डिप्लोमैटिक डायलॉग्स के जरिए सुलझ सकता है। अभी तनाव को कम करने के लिए जो भी कदम उठाए गए हैं, उनके लिए हमें थोड़ा वक्त भी देना होगा।”

उन्होंने कहा, “सभी पक्षों को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और शांति को बनाए रखना चाहिए। इस तनाव का जल्द से जल्द ऐसा समाधान होना चाहिए, जो सभी पक्षों को मंजूर हो। डिप्लोमैटिक कोशिशों को तुरंत बढ़ाया जाना जरूरी है।”

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