पाकिस्तान में अजीब हत्या:बच्ची ने सपने में टीचर को ईशनिंदा करते देखा, उसने 3 महिला टीचर को बताया; उन्होंने उस टीचर को मार डाला

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पाकिस्तान में ईशनिंदा के नाम पर होने वाली हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तान के डेरा इस्‍माइल खान में मंगलवार को 3 महिला टीचर्स ने ईशनिंदा के आरोप में अपनी एक सहयोगी महिला टीचर का गला रेतकर हत्या कर दी। हैरानी की बात यह है कि एक सपने के आधार पर मृतक टीचर के ऊपर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था।

पाकिस्तानी अखबार द डॉन के मुताबिक, इस घटना को जामिया इस्लामिया फलाहुल बिनात में अंजाम दिया गया। जब पुलिस मौका ए वारदात पर पहुंची, तो उसे टीचर का खून से लथपथ शव मिला। इसके बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

13 साल की लड़की ने देखा था सपना
पुलिस अधिकारी ने बताया- 13 साल की एक लड़की ने कल रात एक सपना देखा था, जिसमें उसे मृतक टीचर के द्वारा की गई ईशनिंदा के बारे में पता चला, और उसे उस टीचर की हत्या करने का आदेश मिला। उसने जब यह सपना अपनी रिश्तेदार टीचर को बताया तो उसने दो अन्य टीचर के साथ मिलकर अपनी सहयोगी की हत्या कर दी।

पुलिस का यह भी कहना है कि, मृतका धार्मिक नेता मौलाना तारिक जमील की फॉलोअर थी, जो आरोपियों का पंसद नहीं था। आरोपी महिलाएं महसूद जनजाति की हैं जो दक्षिण वजीरिस्तान के कबायली जिले में रहती हैं।

पाकिस्तान में ईशनिंदा के नाम पर लगातार हिंसक वारदतों को अंजाम दिया जाता है। खास तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय कट्टरपंथियों के निशाने पर रहता है।
पाकिस्तान में ईशनिंदा के नाम पर लगातार हिंसक वारदतों को अंजाम दिया जाता है। खास तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय कट्टरपंथियों के निशाने पर रहता है।

दोषियों को सख्त सजा देने की मांग
इस घटना के बाद, वफाकुल मदारिस अल अरब पाकिस्तान, जो कि मदरसों का एक बोर्ड है, ने हत्या की निंदा करते हुए इसे “दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया। बोर्ड ने एक बयान जारी कर घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की।

पिछले साल श्रीलंकाई मैनेजर को जिंदा जलाया था

पिछले साल सियालकोट में ईशनिंदा के आरोप में श्रीलंकाई मैनेजर को जिंदा जला दिया गया था।
पिछले साल सियालकोट में ईशनिंदा के आरोप में श्रीलंकाई मैनेजर को जिंदा जला दिया गया था।

पिछले साल भी पाकिस्तान के सियालकोट में श्रीलंकाई मूल के एक फैक्ट्री मैनेजर को ईशनिंदा के आरोप में सरेआम जिंदा जला दिया गया था। प्रियंथा कुमारा नाम के इस शख्स के केबिन में एक पोस्टर फटा हुआ मिला था जिस पर मोहम्मद लिखा था। फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों ने इसे पैगंबर का अपमान मान लिया था।

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