तालिबानी हुकूमत LIVE:काबुल एयरपोर्ट पर रखे 73 विमानों को डिसेबल कर गई अमेरिकी सेना, कहा- कभी उड़ नहीं पाएंगे ये एयरक्राफ्ट
अमेरिकी सेना ने सोमवार रात को काबुल छोड़ दिया। उसके जाते ही तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट पर कब्जा कर लिया। लेकिन यहां रखे विमानों को तालिबान कभी इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिकी सेना इन विमानों को निष्क्रिय कर गई है।
सेंट्रल कमांड के हेड जेनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा कि 73 एयरक्राफ्ट जो हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रखे हैं, उन्हें डिसेबल कर दिया गया है। मैकेंजी ने कहा- ‘ये विमान अब कभी नहीं उड़ेंगे… इन्हें कभी कोई ऑपरेट नहीं कर पाएगा। हालांकि इनमें से ज्यादातर विमान मिशन के लिहाज से नहीं बनाए गए थे, लेकिन फिर भी इन्हें कभी कोई उड़ा नहीं सकेगा।’
मैकेंजी ने यह भी कहा कि अमेरिकी सेना करीब 70 माइन रेजिसटेंट ऐंबुश प्रोटेक्शन (MRAP) व्हीकल एयरपोर्ट पर छोड़ आई है। यह व्हीकल IED अटैक और दुश्मन के हमलों को झेल सकता है। एक व्हीकल की कीमत 10 लाख डॉलर तक होती है। सेना ने इन्हें भी डिसेबल कर दिया है।
तालिबान ने किया आजादी का ऐलान
तालिबान के अल्टीमेटम से पहले ही अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान छोड़ दिया। रात करीब 12 वजे काबुल एयरपोर्ट से सेना का आखिरी दल रवाना हुआ। इसके साथ ही अमेरिकी सेना के यहां 20 साल चले संघर्ष का अंत हो गया। इधर अमेरिकी सेना की विदाई हुई और उधर तालिबान ने अफगानिस्तान की आजादी का ऐलान कर दिया। तालिबान ने कहा है कि इस जंग में हमारी जीत हुई है। यह घुसपैठियों के लिए एक सबक है।
तालिबान ने कहा- हम अमेरिका समेत सभी के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं
काबुल एयरपोर्ट पर रिपोर्टर्स से बात करते हुए तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक मौका है और हमारा मुल्क अब आजाद है। मैं सभी अफगानियों को जीत की बधाई देता हूं। हम अमेरिका समेत पूरी दुनिया के साथ अच्छे रिश्ते कायम करना चाहते हैं।’
अमेरिकी सेना ने तय समय से 24 घंटे पहले ही अफगानिस्तान छोड़ा
तालिबान के साथ हुए समझौते के तहत अमेरिका को 31 अगस्त से तक पूरी तरह अफगानिस्तान को छोड़ देना था। लेकिन अमेरिका चौबीस घंटे पहले ही अफगानिस्तान से निकल गया। जैसे ही अमेरिका के चार सैन्य परिवहन विमानों सी-17 ने काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरी, तालिबान के लड़ाकों ने जश्न में फायरिंग शुरू कर दी।
काबुल एयरपोर्ट अब किसी के कंट्रोल में नहीं
अमेरिकी विमानों ने अफगानिस्तान का एयरस्पेस छोड़ा भी नहीं था कि तालिबान ने अफगानिस्तान के अमेरिका मुक्त होने की घोषणा कर दी। इसी बीच नोटैम (नोटिस टू एयरमैन) ने आपात संदेश जारी कर कहा कि काबुल एयरपोर्ट अब किसी के नियंत्रण में नहीं है और यहां कोई एयर ट्रैफिक कंट्रोल भी नहीं है। इसका मतलब ये है कि किसी विमान का यहां से उड़ना या उतरना सुरक्षित नहीं है।
वहीं तालिबान का कहना है कि उसके स्पेशल फोर्स बदरी 313 ने काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा की कमान संभाल ली है। उधर जनरल मैकेंजी ने अमेरिका में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की पूरी तरह वापसी की घोषणा कर दी। जनरल मैकेंजी ने ये भी बताया कि अफगानिस्तान छोड़ने की कोशिश कर रहे कुछ अमेरिकी नागरिक अभी अफगानिस्तान में ही रह गए हैं।
ट्रम्प ने कहा- सैन्य अभियान की ऐसी दुर्गति कभी नहीं हुई
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान से सैन्य वापसी के तरीके पर मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘इतिहास में कभी भी सैन्य अभियान का ऐसा अंजाम नहीं हुआ। वहां से हमारे सभी सैन्य साजो-सामान और हथियार वापस लाने की अमेरिका को मांग करनी चाहिए। इस पर हमारे अरबों डॉलर खर्च हुए हैं। ऐसा न हो तो कम से कम हमें उन्हें बम गिराकर नष्ट करना चाहिए।’
कल तालिबान ने हजारा समुदाय के 14 लोगों की हत्या की
अफगानिस्तान के अखबार इतलेआत रोज ने दावा किया है कि दायकुंदी प्रांत के खदीर जिले में तालिबान ने कुल 14 लोगों को मारा है, जिनमें 2 आम नागरिक हैं। वहीं हजारा मामलों पर नजर रखने वाले एक कार्यकर्ता का कहना है कि हम स्वतंत्र तौर पर पीड़ितों से बात नहीं कर सके हैं लेकिन स्थानीय मीडिया ने 14 लोगों के मारे जाने की खबर प्रकाशित की है।
हजारा समुदाय से जुड़े कार्यकर्ताओं का दावा है कि हजारा बहुल जिले दायकुंदी में तालिबान ने नजीबा लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब में तोड़फोड़ और लूटपाट की है। हजारा पत्रकार बशीर अहंग के मुताबिक इस लाइब्रेरी में स्थानीय हजारा लड़कियां और लड़के पढ़ाई करते थे।
पंजशीर पर तालिबान ने हमला किया
पंजशीर में अहमद मसूद से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि तालिबान ने कई तरफ से हमला बोला है। पंजशीर के लड़ाके भी उनका जवाब दे रहे हैं। इससे पहले तालिबानी सूत्रों ने कहा था कि पंजशीर में कई गुट तालिबान के समर्थन में आ रहे हैं। पंजशीर पर हमले की पुष्टि कई सूत्र कर रहे हैं।