मेडिकल की तैयारी कर रहे छात्रों को झटका / पंजाब के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस में 80 प्रतिशत इजाफा, देश में इतनी बढ़ोतरी कहीं भी नहीं

सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस बढ़ाने को मंजूरी, मंत्रिमंडल और करण अवतार के बीच विवाद खत्म सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, 15% से ज्यादा फीस नहीं बढ़ाई जा सकती; यह बढ़ोतरी देश में सबसे ज्यादा सचिव-मंत्री विवाद सुलझा, मुख्य सचिव ने कैबिनेट से मांगी माफी

चंडीगढ़. मंत्रिमंडल ने बुधवार को राज्य के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स के लिए फीस 80 फीसदी बढ़ाने को मंजूरी दे दी। यह बढ़ोतरी पूरे देश में सबसे ज्यादा है। जबकि, जानकारों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के अनुसार 15 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी नहीं की जा सकती।

प्राइवेट मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस कोर्स की फीस मौजूदा 4.40 लाख से बढ़कर 7.80 लाख रुपए हो जाएगी। इस बढ़ोतरी के बाद प्राइवेट कालेजों में सरकारी कोटे के तहत फीस 18 लाख रुपए जबकि मैनेजमेंट कोटे के तहत फीस 47 लाख रुपए हो सकती है, जोकि अभी क्रमश: 13.5 व 40.2 लाख रुपए है।

राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की फीस साल 2015 में और निजी मेडिकल कॉलेजों के लिए साल 2014 में नोटिफाई की गई थी। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों को पूरा करने में असमर्थ मेडिकल कॉलेज इस वजह से फीस बढ़ाने की मांग कर रह थे।

पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में सचिव-मंत्री विवाद सुलझा, मुख्य सचिव ने कैबिनेट से मांगी माफी

पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में सचिव-मंत्री विवाद सुलझा, मुख्य सचिव ने कैबिनेट से मांगी माफी

पिछले कई दिनों से मुख्य सचिव करन अवतार सिंह और मंत्रियों बीच चलता आ रहा झगड़ा आखिर खत्म हो गया है। मुख्य सचिव ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक दौरान सभी मंत्रियों से माफी मांग ली है। कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने बताया कि मुख्य सचिव की तरफ से माफी मांगने के बाद यह विवाद खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि करन अवतार की तरफ से उन से तीन बार माफी मांगी गई। मंत्री ने बताया कि जब यह विवाद हुआ था तो तब पहली बार मुख्य सचिव ने उन को फ़ोन करके, दूसरी बार उनके गांव बादल पहुंच कर और तीसरी बार आज उन्होंने कैबिनेट से फिर अपने व्यवहार के लिए माफी मांग ली है ।

मनप्रीत ने कहा कि मनुष्य से गलती हो जाती है और मनुष्य गलती का पुतला है। यदि कोई तीन बार माफी मांगे और उसे कोई माफ न करे तो वह मनुष्य अहंकार में होता है। इसलिए पंजाब कैबिनेट ने करन अवतार सिंह के व्यवहार को नज़र -अंदाज़ कर दिया है। इसके साथ ही यह विवाद भी खत्म हो गया है।  मंत्री ने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब मंत्रियों और अफसरशाही बीच विवाद हुआ हो, इस से पहले भी कई ऐसे मामले हो चुके हैं। उन कहा कि विधायक का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है जबकि अफसर का 35 वर्ष का है। लिहाज़ा विधायक ने लोगों को जवाब देना होता है, इस लिए वह जल्दी में होते हैं।
मनप्रीत ने कहा कि 5 साल और 35 साल वर्ष की चाल कई बार नहीं मिलती। इसलिए कई बार ऐसे विवाद हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन संबंधित अभी तक कोई आखिरी फैसला नहीं हुआ है। आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह बाकी राज्यों को देखते हुए और केंद्र के फ़ैसले के बाद ही कोई कदम उठाए जाएंगे।

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