होर्डिंग से मौत: सड़कों को पेंट करने के लिए सरकार को और कितने लीटर खून की जरूरत?- मद्रास हाईकोर्ट
अवैध होर्डिंग को लेकर तमिलनाडु (Tamilnadu) की एआईएडीएमके सरकार (AIADMK Government) को फटकार लगाते हुए मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने शुक्रवार को पूछा कि इस तरह के बैनरों से और कितनी जानें जाएंगीं जो लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं.
चेन्नई. अवैध होर्डिंग को लेकर तमिलनाडु (Tamilnadu) की एआईएडीएमके सरकार (AIADMK Government) को फटकार लगाते हुए मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने शुक्रवार को पूछा कि इस तरह के बैनरों से और कितनी जानें जाएंगीं जो लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं. एक दिन पहले महानगर में एक अवैध होर्डिंग 23 वर्षीय महिला इंजीनियर पर गिर गया जिस कारण उसका संतुलन बिगड़ गया और वह सड़क पर गिर गई. इस दौरान पानी के टैंकर ने उसे कुचल दिया. अदालत ने पूछा कि क्या सरकार ऐसे अनधिकृत बैनरों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगी.
कोर्ट ने पूछा और कितने लीटर खून की जरूरत
न्यायमूर्ति एम. सत्यनारायण और न्यायमूर्ति एन. शेशासाय ने आश्चर्य जताया, ‘‘राज्य सरकार को सड़कों को पेंट करने के लिए और कितने लीटर खून की जरूरत है.’’ अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि पीड़ित के परिवार को पांच लाख रुपये अंतरिम मुआवजा दिया जाए. साथ ही सरकार को यह राशि इसके जिम्मेदार अधिकारियों से वसूलने की छूट भी दी.
अदालत ने सरकार को निर्देश दिए कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई सहित उचित कार्रवाई की जाए, चाहे वे पुलिस विभाग के हों या चेन्नई निगम के हों. अदालत ने पूछा कि क्या अब कम से कम मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ऐसे अनधिकृत बैनरों के खिलाफ बयान जारी करना चाहेंगे.
गुरुवार को हुई थी इंजीनियर की मौत
अदालत ने घोर नौकरशाही उदासनीता की तरफ इंगित करते हुए कहा, इस देश में जीवन का कोई मूल्य नहीं है. अदालत ने टिप्पणी की, हमारा इस सरकार में विश्वास नहीं है. अदालत ने यह टिप्पणी सामाजिक कार्यकर्ता ‘ट्रैफिक’ रामास्वामी की याचिका पर की. ये अवैध होर्डिंग के कारण गुरुवार को इंजीनियर की मौत को अदालत के संज्ञान में लाये.
अदालत ने पूछा, ‘‘सोचिए लड़की देश की जीडीपी में क्या योगदान कर सकती थी. क्या वह नेता बिना बैनर के अपने परिवार में शादी आयोजित नहीं कर सकता था.’’ अदालत ने कहा कि कम से कम राजनीतिक दलों को ऐसे अवैध कार्यों के खिलाफ आंदोलन चलाना चाहिए. बाद में महाधिवक्ता विजय नारायण ने अदालत को बताया कि सत्तारूढ़ और विपक्षी दल दोनों ने इस संबंध में बयान जारी कर अपने कार्यकर्ताओं को बिना इजाजत ऐसे बैनर लगाने से परहेज करने को कहा है.