बठिंडा. नगर निगम चुनाव अक्तूबर 2020 तक करवाने के स्तानीय निकाय विभाग की योजना को एक बार पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से धक्का लगा है। इसमें नगर निगम बठिंडा की हदबंदी को लेकर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान बेशक चुनावों को लेकर किसी तरह का स्टे जारी नहीं किया गया है लेकिन लोकल बाड़ी डिपार्टमेंट को हिदायते दी है कि वह शिअद-भाजपा के 35 एतराजों को दूर करने के बाद 15 दिसंबर 2020 को कोर्ट में अपना जबाव दाखिल करे। फिलहाल दिसंबर से पहले किसी तरह के चुनाव की संभावना पर फिलहाल विराम लग गया है।
हाईकोर्ट के डबल बैंच की तरफ से शुक्रवार को की गई सुनवाई में सरकार को नोटिस किया गया है कि वह सही मायनों में शिअद-भाजपा द्वारा लगाए गए एतराज को दूर करे। हालांकि लोकल निकाय विभाग के वकील स्टे के अभाव में केस को खारिज करवाना चाहते थे, लेकिन कोर्ट ने एतराज को क्लियर करने को अधिक तरजीह दी तथा एतराज व नई नोटिफिकेशन जारी होने में करीब 2 माह का वक्त लगने की बात पर सुनवाई को 15 दिसंबर तारीख दे दी गई है जिससे शिअद व भाजपा नेता खुश हैं।
चुनाव की तारीख तय नहीं होने तक शिअद-भाजपा के एतराज को क्लियर करना जरूरी
शुक्रवार को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में शिअद-भाजपा की तरफ से सीनियर वकील केएस डडवाल पहुंचे जिन्होंने कोर्ट की डबल बैंच के समक्ष अकाली-बाजपा पार्षदों के अंदेशों को उठाया। हदबंदी मामले में जनगणना को 2014 का आधार बनाने की बजाय 2021 की जनगणना के पूरी होने के बाद आने वाली जनसंख्या को आधार बनाकर वार्डबंदी करने की बात की गई जिसके लिए बाकायदा नोटिफाई किया गया है। इस तरह से अगर साल 2021 की जनसंख्या को आधार बनाया जाता है तो नगर निगम बठिंडा की आबादी चार लाख के करीब हो जाएगी व एक वार्ड में कम से कम वोटरों के आधार पर वार्ड संख्या 65 के करीब पहुंच सकती है।
कोर्ट द्वारा भले ही इस तर्क में स्टे नहीं दी गई, लेकिन निगम चुनाव की तारीख तय नहीं होने तथा एतराज क्लियर होने को लेकर गंभीरता से काम करने के निर्देश पर शिअद-भाजपा के उठाए अंदेशों को भी प्राथमिकता देने की बात कही गई। हालांकि स्टेट की तरफ से हाजिर वकील ने केस रद्द करने की मांग की, लेकिन शिअद द्वारा एतराज को रद्दी में डालने कीं बात पर इसकी गंभीरता से सुनवाई करने का मौखिक निर्देश दिया गया। इस मामले में एक बात पूरी तरह स्पष्ट है कि अगर नोटिफिकेशन बिना एतराज किए नोटिफाई किया जाता है तो अदालत में पुन शिअद-भाजपा आ सकते हैं व निगम चुनावों पर आशंका के बादल छा सकते हैं हालांकि कोरोना वायरस के कारण निगम चुनावों को लेकर किसी तरह की जल्दबाजी न करने को लेकर आम आदमी पार्टी भी अपना विरोध जता चुकी है व उसने इस बाबत कोर्ट का रुख करने की बात भी कही है। इस स्थिति में अगर आप चुनावों को कोरोना काल के चलते टालने के लिए कोर्ट का रुख करती है तो इसमें चुनाव लंबे समय तक लटकने की आशंका बन सकती है।