नई दिल्ली: भारी बारिश ने एक बार फिर से राजस्थान और मध्य प्रदेश को दहलाया दिया है. एक दर्जन जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं. दोनों राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. राजस्थान के पूर्वी हिस्से में कुछ स्थानों पर पिछले 24 घंटों के दौरान मूसलाधार बारिश दर्ज की गयी. अगले 24 घंटे में राज्य के कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई है. वहीं मध्यप्रदेश के 18 जिलों में शुक्रवार सुबह तक अतिभारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की चेतावनी दी गई है. पिछले 24 घंटों में मध्यप्रदेश के पाटन में सबसे अधिक 24 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई.
राजस्थान में इन जगहों पर हुई बारिश
मौसम विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान झालावाड़ के डग में 21 सेंटीमीटर, कोटा के दीगोद में 19 सेंटीमीटर, बूंदी के पाटन में 19 सेटीमीटर, टोंक के वनस्थली में 16 सेंटीमीटर, बूंदी के तालेडा में 16 सेंटीमीटर, बूंदी में 15 सेंटीमीटर, कोटा के मंडाना में 15 सेंटीमीटर, कोटा में 15 सेंटीमीटर, बूंदी के नैनवा में 15 सेंटीमीटर, कोटा के लाडपुरा में 14 सेंटीमीटर, बूंदी के इंद्रगढ में 13 सेंटीमीटर, टोंक के निवाई में 12 सेंटीमीटर, सवाईमाधोपुर के खंडार में 12 सेंटीमीटर, और अनेक स्थानों पर 11 सेंटीमीटर से 8 सेंटीमीटर तक बारिश दर्ज की गई. उन्होंने बताया कि गुरुवार सुबह से शाम तक डबोक में हवाई अड्डे पर 33.6 मिलीमीटर, कोटा में 22.2 मिलीमीटर, जोधपुर में 13.4 मिलीमीटर, जयपुर में 8.8 मिलीमीटर, अजमेर में 5.6 मिलीमीटर, चूरू में 3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
विभाग ने आगामी 24 घंटों के दौरान अजमेर, बांसवाडा, बांरा, भरतपुर, भीलवाडा, बूंदी, चित्तौडगढ, डूंगरपुर, झालावाड़,कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही, टोंक और उदयपुर में मूसलाधार बारिश की चेतावनी जारी की है. वहीं अलवर, करौली, दौसा, धोलपुर, जयपुर, सवाईमाधोपुर, सीकर और पाली में भारी बारिश की संभावना जताई गई है.
मध्यप्रदेश में कल सुबह तक बेहद भारी वर्षा होने की चेतावनी
भोपाल मौसम विभाग के कार्यालय में पदस्थ ड्यूटी अधिकारी आर आर त्रिपाठी ने बताया कि मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे से शुक्रवार साढ़े आठ बजे तक मध्यप्रदेश के 18 जिलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा और कहीं-कहीं पर अतिभारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि जिन 18 जिलों में अतिभारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की चेतावनी दी गई है, उनमें आगरमालवा, मंदसौर, रतलाम, शाजापुर, देवास, उज्जैन, नीमच, राजगढ़, सीहोर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुरकलां, मुरैना, धार, अलीराजपुर, झाबुआ और बड़वानी शामिल हैं.
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के पूर्वी संभागीय जिलों में मानसून सक्रिय और पश्चिमी संभागों के जिलों में प्रबल रहा. प्रदेश के सभी संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा हुई. पिछले 24 घंटों में मध्यप्रदेश के पाटन में सबसे अधिक 24 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जबकि खुरई में 23 सेंटीमीटर, जबलपुर में 20 सेंटीमीटर, लटेरी और गंजबासोदा में 16-16 सेंटीमीटर, सारंगपुर, शुजालपुर, सिरोंज, करवाई एवं सीहोर में 14-14 सेंटीमीटर, ब्यावरा, भानपुर, आगर और रहेली में 13-13 सेंटीमीटर और टोंकखुर्द, गुना, सोनकच्छ और गोटेगांव में 12-12 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई.
प्रदेश के अधिकांश हिस्से पिछले तीन दिनों से पहले से ही भारी बारिश की चपेट में हैं, जिसके कारण कई निचले रहवासी इलाके पहले से ही जलमग्न हो गये हैं. प्रदेश के कई बांध, तालाब और जलाशय लबालब हो गये हैं और इनसे गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है. इसी बीच, मध्यप्रदेश जन संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता कमलेश रैकवार ने बताया कि मध्यप्रदेश के सबसे बड़े बांध इंदिरा सागर में गुरुवार को जलस्तर 260.40 मीटर तक पहुंच गया है, जो फुल लेवल से 1.73 मीटर कम है. इस बांध का फुल लेवल 262.13 मीटर है. खंडवा जिले में बने इस बांध की कुल क्षमता 8364 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी भरने की है.