बठिंडा. सेहत मुलाजिम संघर्ष कमेटी पंजाब की तरफ से अपनी मांगों को मनवाने के लिए बठिंडा में विरोध प्रदर्शन करने के बाद वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर का घेराव करने के लिए कूच किया। इस दौरान रास्ते में पुलिस की तरफ से लगाए गए बैरिगेट को सेहत कर्मचारियों ने तोड़ते हुए पुलिस के साथ धक्कामुकी की जिसके चलते पुलिस ने सेहत कर्मियों को रोकने के लिए हलका लाठीचार्ज भी किया। सेहत कर्मी की तरफ से पिछले दो माह से लगातार संघर्ष किया जा रहा है। इस दौरान वीरवार को समूह कर्मचारियों ने पहले अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन किया व सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया जाता है तो वह सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे।
वीरवार को सिविल अस्पताल परिसर में समूह कर्मचारियों ने पहले कोविड महामारी के दौरान शहीद हुए समूह सेहत कर्मियों को श्रद्धांजलि भेट की। इसके बाद सभी कर्मी वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर का घेराव करने के लिए निकल पड़े। वही संघर्ष कमेटी के संयोजक कुलबीर सिंह मोगा व निंदर कौर मुक्तसर ने कहा कि वह सरकार से कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, कोविड के दौरान ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों को विशेष इंक्रीमेंट देने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। इन मांगों की तरफ राज्य के सेहत मंत्री कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं बल्कि उनकी मांगोंको नजरअंदाज किया जा रहा है। इस बाबत उनकी सेहत अधिकारियों से कई बार बैठक भी हो चुकी है व सभी मांगों को सरकार के पास रखा जा चुका है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार घर-घर रोजगार देने का नारा लगा रही है वही जो लोग पहले काम कर रहे हैं उन्हें नौकरी से हटाकर बेरोजगार किया जा रहा है।
देश में फैली कोविड की बीमारी में पंजाब के सैकड़ों कर्मी ड्यूटी के दौरान काम करते या तो संक्रमित हुए या फिर कई लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ी है। इस सबके बावजूद सरकार ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को पक्का करने की बजाय उन्हें नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि अधिकतर कर्मी ऐसे हैं जो पिछले 12 साल से विभाग में एपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसमें सरकार राजनीतिक हितों की खातीर अंदर खाते अपनों को नौकरी में रख रही है लेकिन जो लंबे समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं उन्हें पक्का करने से इंकार किया जा रहा है। यही नहीं सरकार ने कोरोना काल में पहले मेडिकल के स्टूडेंटों की फीस में 70 फीसदी बढ़ोतरी कर दी वही अब पैरामेडिकल छात्रों की फीसों में 40 फीसदी बढ़ा दिए है। इससे सरकार का लोकविरोधी चेहरा सामने आ रहा है। इस महामारी के दौर में जहां सरकारे लोगों की सहायता कर उन्हें आर्थिक सहयोग देती है वही पंजाब सरकार इस दौर में भी दोंनों हाथों से लोगों को लूटने में लगी है। इस दौरान समूह कर्मचारियों ने 25 सितंबर को किसान संगठनों की तरफ से बुलाए गए पंजाब बंद में पूरा सहयोग करने की घोषणा की। इस दौरान प्रमुख तौर पर गगनदीप सिंह बठिंडा, गुलजार खां संगरूर, गुरमीत कौर फरीदकोट, सुखविंदर सिंह मुक्तसर, टहल सिंह फाजिल्का, केवल सिंह मानसा, गुरप्रीत सिंह ने भी संबोधित किया।