टैक्स चोरी / कांग्रेस पर हैदराबाद की फर्म से 170 करोड़ रुपए लेने का आरोप, आयकर विभाग ने नोटिस भेजा
आईटी ने फर्जी अनुबंधों के जरिए करीब 3,300 करोड़ रु. की टैक्स चोरी पकड़ी थी। तलाशी अभियान के दौरान 4.19 करोड़ रु. की नगदी और 3.2 करोड़ रु. से अधिक के आभूषण भी जब्त हुए थे। कानूनी बैंकिंग तंत्र के बजाय अवैध तरीके से पैसे के लेन-देन को हवाला कहा जाता है।
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देश में 42 स्थानों पर बड़े कारोबारी समूहों पर छापा मारा, 3300 करोड़ रु. की टैक्स चोरी का खुलासा
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आयकर विभाग ने नवंबर की शुरुआत में दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, इरोड, पुणे, आगरा और गोवा में छापा मारा था
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आईटी विभाग ने कहा- दक्षिण भारत में आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए घर बनाने के प्रोजेक्ट में टैक्स चोरी की गई
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कांग्रेस और आंध्र प्रदेश के एक अन्य राजनीतिक दल के पदाधिकारी आयकर विभाग के राडार पर
नई दिल्ली. आयकर (आईटी) विभाग ने मंगलवार को हैदराबाद की एक फर्म से बड़ी रकम लेने पर कांग्रेस पार्टी को नोटिस जारी किया। कांग्रेस ने कथित तौर पर फर्म से 170 करोड़ रु. की रकम फंड के रूप में हासिल की थी। विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि कांग्रेस पार्टी से इस पर स्पष्टीकरण मांगा गया।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अधिकारियों के मुताबिक, इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में काम करने वाले अग्रणी कारोबारी घरानों पर दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद में छापामार कार्रवाई की गई थी। इस दौरान, कांग्रेस को हैदराबाद स्थित ‘मेघा इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इंजीनियरिंग’ से बड़ी रकम भेजने का खुलासा हुआ था। इस मामले में कांग्रेस और आंध्र प्रदेश के एक राजनीतिक दल के कुछ पदाधिकारी आयकर विभाग के राडार पर हैं।
तलाशी में 4.19 करोड़ रु. की नगदी 3.2 करोड़ रु. के आभूषण मिले
आईटी ने फर्जी अनुबंधों के जरिए करीब 3,300 करोड़ रु. की टैक्स चोरी पकड़ी थी। तलाशी अभियान के दौरान 4.19 करोड़ रु. की नगदी और 3.2 करोड़ रु. से अधिक के आभूषण भी जब्त हुए थे। कानूनी बैंकिंग तंत्र के बजाय अवैध तरीके से पैसे के लेन-देन को हवाला कहा जाता है।
आईटी ने कहा- कैश जनरेशन का एक बड़ा रैकेट
आईटी की टीम ने नवंबर की शुरुआत में दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, इरोड, पुणे, आगरा और गोवा में कई कारोबारी घरानों पर छापे मारे थे। 42 जगहों पर हुई कार्रवाई में फर्जी बिलों के जरिए हवाला लेन-देन करने वाले संगठित समूह का खुलासा हुआ था। इस दौरान कॉरपोरेट्स, हवाला ऑपरेटरों और पैसा ट्रांसफर करने के पूरे नेटवर्क का पता चला था। विभाग ने इसे “कैश जनरेशन का एक बड़ा रैकेट” करार दिया था।
आयकर विभाग को पता चला था कि गिरोह के सदस्य फर्जी बिल जारी करके हवाला के जरिए बड़ी रकम का लेन-देन कर रहे थे। आयकर विभाग के मुताबिक, इन कंपनियों ने दक्षिण भारत में आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए बनने वाले घरों के प्रोजेक्ट में फर्जीवाड़ा करके टैक्स चोरी की।
आंध्र प्रदेश में एक व्यक्ति को 150 करोड़ रु. से ज्यादा का नगद भुगतान
सीबीडीटी ने कहा, “आयकर विभाग को आंध्र प्रदेश के एक महत्वपूर्ण व्यक्ति को 150 करोड़ रु. से ज्यादा रकम का नगद भुगतान करने के सबूत मिले हैं।” सीबीडीटी ने कहा कि इनमें से अधिकतर कंपनियां राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और मुंबई में स्थित हैं। इनमें से एक कंपनी पर अप्रैल में भी कार्रवाई की गई थी।