हाथरस गैंगरेप मामले में हंगामा जारी:पीड़ित के गांव में विपक्ष और मीडिया की एंट्री बैन; पुलिस ने कहा- मीडिया पर SIT की पड़ताल होने तक रोक, जांच पूरी होने के बाद अंदर जाने देंगे
पुलिस ने तृणमूल सांसद डेरेक ओ'ब्रायन को धक्का देकर गिराया, पीड़ित के गांव में नहीं जाने दिया तृणमूल की महिला नेता का दावा- महिला पुलिस ने ब्लाउज खींचे, मेल पुलिस ने महिला सांसद को छुआ
हाथरस गैंगरेप केस में हंगामा और राजनीति जारी है। पुलिस न तो विपक्षी नेताओं नेताओं को पीड़ित परिवार से मिलने दे रही और न ही मीडिया को एंट्री दी जा रही। गांव की सीमाओं पर पुलिस ने बैरिकेड लगा रखे हैं। इस बीच पुलिस ने दोपहर 3:50 बजे सफाई दी। एडिशनल एसपी प्रकाश कुमार ने कहा कि मीडिया को SIT की पड़ताल होने तक रोका गया है। जैसे ही जांच पूरी हो जाएगी, मीडिया को पीड़ित के गांव (चंदपा) में जाने की परमिशन दे देंगे।
Restriction on the entry of media into the village will stay till the SIT completes its probe there. Due to the prevailing law & order situation, no political delegations or individuals will be allowed to visit the village: Hathras Additional SP Prakash Kumar pic.twitter.com/phCYOv9WeW
— ANI UP (@ANINewsUP) October 2, 2020
पुलिस ने तृणमूल सांसद को धक्का देकर गिराया
इससे पहले तृणमूल (टीएमसी) के नेताओं ने गैंगरेप पीड़ित के गांव में जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने गांव के बाहर ही रोक दिया। तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को धक्के मारकर जमीन पर गिरा दिया।
#WATCH: TMC delegation being roughed up by Uttar Pradesh Police at #Hathras border. The delegation, including Derek O'Brien, was on the way to meet the family of the victim of Hathras incident. pic.twitter.com/94QcSMiB2k
— ANI (@ANI) October 2, 2020
ब्रायन के साथ तृणमूल की 2 महिला सांसद और एक पूर्व सांसद गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलना चाहते थे। इस डेलिगेशन में शामिल पार्टी की पूर्व सांसद ममता ठाकुर ने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों ने हमारे ब्लाउज खींचे और हमारी सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठीचार्ज किया, वे नीचे गिर गईं। फीमेल पुलिस के होते हुए मेल पुलिस ने हमारी सांसद को छूआ। यह शर्म की बात है।
#WATCH We were going to meet her family but there were not allowing us. When we insisted, the women Police personnel pulled at our blouses and lathi-charged at our MP Pratima Mondal. She fell down. The male Police officers touched her. This is shameful: Mamata Thakur, TMC https://t.co/404nqZhjl5 pic.twitter.com/Nxc9SLeMWY
— ANI (@ANI) October 2, 2020
प्रशासन की सफाई- तृणमूल के आरोप झूठे
हाथरस के एसडीएम (सदर), प्रेम प्रकाश मीणा का कहना है कि SIT टीम गांव के अंदर है। जांच प्रभावित नहीं हो, इसलिए किसी को भी अंदर जाने की परमिशन नहीं है। तृणमूल की महिला नेताओं को महिला पुलिसकर्मियों ने वापस जाने को कहा था। जब उन्होंने जबरदस्ती की तो, महिला कांस्टेबलों ने रोका। ये आरोप झूठे हैं कि मेल पुलिस ने महिला नेताओं को छुआ।
Lucknow: Police stop Samajwadi Party workers marching towards #MahatmaGandhi statue at Hazratganj from the party office. A protester says, "We were going to stage a protest the statue against Hathras incident & the law & order situation in the state." pic.twitter.com/Lu40SnEwKF
— ANI UP (@ANINewsUP) October 2, 2020
अपडेट्स
- सूत्रों के मुताबिक पुलिस और प्रशासन के रवैए पर उठ रहे सवालों के बीच हाथरस के डीएम और एसपी के खिलाफ सरकार एक्शन ले सकती है।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा है, “उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा।”
उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है।
इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
आपकी @UPGovt प्रत्येक माता-बहन की सुरक्षा व विकास हेतु संकल्पबद्ध है।
यह हमारा संकल्प है-वचन है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 2, 2020
पीड़ित परिवार ने CBI जांच की मांग की
एक वीडियो में हाथरस के डीएम प्रवीण लक्षकार पीड़ित परिवार से यह कहते हुए दिख रहे हैं कि मीडिया आज यहां है, कल नहीं रहेगा। आप सरकार की बात मान लीजिए। यह वीडियो वायरल होने के बाद परिवार के किसी भी सदस्य को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा। मृतक लड़की के पिता ने CBI जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यूपी पुलिस पर अब भरोसा नहीं रहा, हमें मीडिया वालों से नहीं मिलने दे रहे। घर से निकलने पर भी 10 तरह के सवाल किए जा रहे हैं।
The family (of alleged gangrape victim) has called me to #Hathras as they want me to stand as their legal counsel. I'm not being allowed to meet them as administration says it'll affect law & order situation: Seema Kushwaha, lawyer of victim in 2012 Delhi gangrape case pic.twitter.com/BC0B1wF7Vm
— ANI UP (@ANINewsUP) October 1, 2020
पुलिस ने पीड़ित परिवार के फोन छीने
परिवार का एक बच्चा किसी तरह बाहर निकलकर आया और मीडिया को बताया कि सभी के फोन छीन लिए गए हैं। बच्चे ने कहा कि घरवाले आपसे मिलना चाहते हैं, लेकिन उन्हें रोक रखा है। इसके बाद पुलिस ने बच्चे को भी वहां से भगा दिया।
गांव वालों ने कहा- हमारे साथ भी अपराधियों जैसा सलूक हो रहा
उधर, पुलिस ने हाथरस जिले में धारा-144 लगाने के साथ ही पीड़ित के गांव में नाकेबंदी कर रखी है। पूरे गांव को छावनी बना दिया गया है। गांव के लोगों को भी आईडी दिखाने के बाद ही एंट्री दी जा रही है। पुलिस और प्रशासन के इस रवैए से लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि अपने ही गांव में हमसे अपराधियों जैसा सलूक हो रहा है।